नई दिल्ली। स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मंगलवार को सरकार की आलोचना करते हुए उस पर असहमति जताने वाले कलाकारों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उनका यह बयान तब आया है जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित रूप से किए गए एक मजाक को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
कामरा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर एक “प्लेबुक” साझा किया, जिसे उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दबाने और रचनात्मक अभिव्यक्ति को बाधित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका बताया। एक कलाकार की कैसे लोकतांत्रिक तरीके से हत्या की जा सकती है शीर्षक से यह प्लेबुक जारी किया गया है।
मुंबई संस्करण में प्रकाशित टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कुणाल कामरा के स्टैंड-अप शो ‘नया भारत’ के दर्शकों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है, जो 2 फरवरी 2025 को खार के हैबिटेट स्टूडियो में आयोजित हुआ था।
जांच का केंद्र उन टिप्पणियों पर है, जो कामरा ने कथित रूप से इस कार्यक्रम के दौरान एकनाथ शिंदे को लेकर की थीं।
पुलिस ने कई दर्शकों को दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 179 के तहत नोटिस जारी किए हैं, जो जांच के हिस्से के रूप में गवाहों को पूछताछ के लिए बुलाने का अधिकार देता है।
कुणाल कामरा, जो वर्तमान में पुडुचेरी में रह रहे हैं, ने इस जांच पर प्रतिक्रिया दी, खासकर तब जब मुंबई पुलिस ने सोमवार को उनके माहिम स्थित माता-पिता के घर जाकर उनके ठिकाने की पुष्टि करने की कोशिश की।
कामरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस पुलिस कार्रवाई को “समय की बर्बादी” करार दिया।
मुंबई पुलिस ने 25 और 26 मार्च को कुणाल कामरा को नोटिस भेजकर खार पुलिस स्टेशन में हाज़िर होने के लिए कहा था। लेकिन कामरा ने मद्रास हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत का हवाला देते हुए इसका पालन नहीं किया। यह जमानत 7 अप्रैल तक उनकी गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा प्रदान करती है।
23 मार्च को, कुणाल कामरा ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें उन्होंने एक लोकप्रिय हिंदी फिल्म के गाने की व्यंग्यात्मक प्रस्तुति के जरिए एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा। इस वीडियो में कामरा ने शिंदे को “गद्दार” कहा, जिससे उन्होंने 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ की गई बगावत और राज्य में हुए राजनीतिक उथल-पुथल की ओर इशारा किया।
हालांकि, कामरा ने शिंदे का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी को शिंदे पर ही निर्देशित माना गया। इस परफॉर्मेंस के क्लिप्स सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए। इसके बाद, शिवसेना के शिंदे गुट के सदस्यों ने अगले ही दिन उस हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ की, जहां यह वीडियो शूट किया गया था।
(ज्यादातर इनपुट टेलीग्राफ से लिए गए हैं।)
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