पत्रकार सौम्या हत्याकांड में सजा का ऐलान, चारों दोषियों को डबल उम्रकैद

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नई दिल्ली। सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में सजा का ऐलान हो गया है। चार दोषियों- रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलबीर मलीक और अजय कुमार को उम्रकैद की सजा मिली है। कोर्ट ने चारों दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है। सभी दोषियों को मकोका के तहत सजा सुनाई गई है। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। चारों दोषियों को दो मामलों में अलग-अलग उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

दिल्ली की महिला टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या 30 सितंबर 2008 को दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर उस समय हुई थी जब वो नाइट शिफ्ट करके दफ्तर से अपने घर लौट रही थीं। पुलिस को सौम्या की लाश उनकी कार में मिली थी। इस मर्डर केस का  खुलासा करने में पुलिस को करीब 6 महीने का समय लग गया। पुलिस ने किसी दूसरे हत्याकांड में आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने सौम्या की हत्या की बात भी कबूल ली।

साकेत कोर्ट ने चारों दोषी रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 के तहत सौम्या की हत्या का दोषी करार दिया, जबकि पांचवें आरोपी अजय सेठी को हत्या का दोषी नहीं बल्कि लूटा का माल अपने कब्जे में रखने का दोषी माना। इसके चलते अजय सेठी को IPC के सेक्शन 411 के तहत दोषी करार दिया गया।

चारों दोषियों को दोनों मामलों में अलग-अलग उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दोनों उम्रकैद एक के बाद एक चलेंगी। हत्या में 25-25 हजार रुपये और मकोका में एक एक लाख रुपये अर्थ दंड। यानी चारों को डबल उम्रकैद और सवा सवा लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविंद्र पांडे ने सजा सुनाते हुए कहा कि सौम्या की हत्या के अपराध में चारों दोषियों को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार का अपराध दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता, लिहाजा मृत्युदंड नहीं। हालांकि कोर्ट ने महिलाओं के कार्य स्थल और रात की शिफ्ट के दौरान सुरक्षा पर चिंता जताई।

रवि को उम्रकैद एक लाख 25 हजार जुर्माना, अमित शुक्ला को उम्रकैद और सवा लाख रुपये आर्थिक दंड, बलजीत मलिक को उम्रकैद और सवा लाख जुर्माना और अजय कुमार को उम्रकैद और सवा लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई। वहीं जुर्माना न देने पर छह महीने अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई गई है। अजय सेठी को तीन साल की सजा सुनाई गई है। हालांकि वह पहले से ही जेल में बंद है तो उसकी सजा पूरी हो गई है। यानी वह जेल से बाहर आ सकेगा।

ट्रायल कोर्ट ने पहले भी रवि कपूर को जिगीशा घोष हत्या कांड में मृत्युदंड दिया था। बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं।)

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