लखनऊ। भाकपा (माले) ने अमेठी में दलित शिक्षक परिवार के सामूहिक हत्याकांड की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने घटना पर भारी आक्रोश व्यक्त करते हुए योगी सरकार की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है और दोषियों को कठोरतम सजा देने की मांग की है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी की एनकाउंटर बहादुर पुलिस आरोपियों की जानें लेने में आगे है लेकिन नागरिकों की जान की रक्षा करने में फिसड्डी।
अमेठी में हत्यारे शाम को सात बजे आते हैं और घर में घुसकर शिक्षक पति, पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की गोलियों से हत्या कर आराम से चले जाते हैं। यह उस कानून व्यवस्था की असलियत है, जिसकी मिसाल मुख्यमंत्री से लेकर आला भाजपा नेता देते हैं।
राज्य सचिव ने कहा कि हत्याकांड के लिए सरकार जिम्मेदार है। गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है, लिहाजा वे इसकी जवाबदेही लें। पुलिस ने लापरवाही न की होती, तो चार निर्दोष जानें बचाई जा सकती थीं।
पुलिस को मालूम था कि रायबरेली निवासी शिक्षक सुनील कुमार की पत्नी पूनम भारती ने छेड़छाड़, मारपीट, जान से मारने की धमकी और एससी/एसटी एक्ट में बीते 18 अगस्त को जिले के ही चंदन वर्मा के विरुद्ध कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर रखी है।
डेढ़ महीने तक पुलिस उस पर कुंडली मारे बैठी रही और कोई कार्रवाई नहीं की। खबर तो ये भी है कि कार्रवाई की जगह समझौता कराने की कोशिश की। इसका नतीजा यह हुआ कि अपराधी खुलेआम घूमता रहा और हत्याकांड हो गया।
माले नेता ने कहा कि दलितों और महिलाओं के प्रति प्रदेश सरकार का उपेक्षात्मक व गैर-जिम्मेदार नजरिया घटना के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक है। भाजपा को दलितों के सत्कार की याद तब आती है, जब उनका वोट लेना होता है, बाकी समय दुत्कार की नीति रहती है।
दलित और महिला अपराधों के प्रति सरकार गंभीर होती, अपराधियों को संरक्षण देने से परहेज करती, तो हालात दूसरे होते।
यह भी चर्चा में है कि उक्त एफआईआर में आरोपी की धमकियों के भय से ही शिक्षक परिवार रायबरेली छोड़कर पड़ोस के अमेठी जिले में किराए के मकान में रह रहा था।
राज्य सचिव ने कहा कि अपराधी चाहे जो हों, घटना में जघन्यतम अपराध हुआ है। मृतक परिवार को न्याय दिलाने के लिए हत्यारों को कठोरतम दंड देने के अलावा लापरवाही के लिए रायबरेली के एसपी समेत दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
परिजनों को मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
इस बीच, उक्त घटना के खिलाफ रायबरेली जिलाधिकारी कार्यालय पर भाकपा (माले) ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी भेजा।
(प्रेस विज्ञप्ति)
+ There are no comments
Add yours