वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं-सौ दिनी सत्याग्रह आज अपने 40 वें पायदान पर पहुंच गया। आज सत्याग्रह के क्रम में महाराष्ट्र के वरिष्ठ गांधीवादी प्रोफेसर सोमनाथ रोड़े एवं डॉक्टर शिवचरण सिंह ठाकुर उपवास पर बैठे हैं। उनका त्रिदिवसीय संकल्प सत्याग्रह आज तीसरा दिन था। सोमनाथ रोड़े एवं शिवचरण ठाकुर का पूरा जीवन सर्वोदय विचार के प्रति समर्पित रहा है। महाराष्ट्र के ये बुजुर्ग पुरोधा सर्व सेवा संघ परिसर के विध्वंस से इतने आहत हुए हैं कि उन्होंने एक दिन के बजाय यहां तीन दिन का लगातार उपवास रखा।
सत्याग्रह स्थल से चंदन पाल ने कहा कि सरकार तानाशाही तरीके से चल रही है। वह न तो कानून मानती है न संविधान बस अपनी मनमानी करती है। बुलडोजर उनकी विचारधारा का प्रतीक है। यह प्रतीक ही अपने आप में नकारात्मक है। ऐसे प्रतीकों पर गर्व करने वाली विचारधारा कभी रचनात्मक नहीं हो सकती। गांधी की हत्या से लेकर सर्व सेवा संघ के विध्वंस तक इन्होंने यही बार-बार प्रमाणित किया है। इसलिए मानवता की रक्षा के लिए इस विचारधारा को अलगाव में डालना जरूरी है। मैं इस सत्याग्रह में इसी संकल्प को मजबूती देने के लिए शामिल हुआ हूं। इंसानियत का रास्ता ही मुक्ति का रास्ता है।
आज के सत्याग्रह में सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, राम धीरज, अरविंद कुशवाहा, शक्ति कुमार, विद्याधर, कन्हैया लाल, महेश भाई, अलख भाई, तारकेश्वर सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, नंदलाल मास्टर, शिवाजी माडे, जोखन यादव आदि शामिल हुए।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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