मजदूर किसान मंच की राष्ट्रीय कार्यसमिति का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के सवाल पर केन्द्र सरकार का रूख टाल मटोल का है और वह इस सवाल पर गम्भीर नहीं है। उसका यह दृढ़ मत है कि एमएसपी कानून पर कमेटी बनाने की बात इस मुद्दे को पीछे धकेलने की है क्योंकि सरकार बाजार का नियमन करने के लिए कतई तैयार नहीं है।
यह सर्वविदित है कि सी 2 प्लस पचास प्रतिशत फार्मूला के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के सवाल पर पहले ही कई कमेटियों की संस्तुति आ चुकी है। स्वामीनाथन कमेटी ने तो स्पष्ट तौर पर कहा है कि सी 2 प्लस पचास प्रतिशत के फार्मूला के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए। यही नहीं किसानों को कानूनी पेचदिगियों से बचाने के लिए यह जरूरी है कि कृषि लागत मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए और सरकार अनाज, फल, सब्जी, दूध, अंडा का लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करे।
संयुक्त किसान मोर्चा के घटक होने के नाते मजदूर किसान मंच मोर्चे की संयोजन टीम से अपील की है कि वह एमएसपी पर कानून बनवाकर ही आंदोलन स्थगित किया जाए।
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