मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी NDA में शामिल, भाजपा की रणनीति पर उठ रहे सवाल

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाजीपुर के चर्चित अंसारी परिवार पर पुलिसिया डंडा चलाने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं। माफिया मुख्तार अंसारी, उनके भाई अफजाल सारी और बेटा अब्बास अंसारी जेल में हैं। लेकिन पार्टी हाईकमान प्रदेश में लोकसभा की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के चक्कर में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा को एनडीए में शामिल कर लिय़ा है। गृह मंत्री अमित शाह से ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात के बाद उनकी पार्टी एनडीए का अंग बन गई। मजेदार बात यह है कि कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी सुभासपा के टिकट पर ही मऊ सदर विधानसभा से विधायक है। ऐसे में चाहे-अनचाहे अब्बास अंसारी भी भाजपा नीत एनडीए गठबंधन का हिस्सा हो गए हैं। मोदी-योगी की इस राजनीति पर राजनीतिक हलकों में चर्चा गर्म है। और सोशल मीडिया पर भी लोग भाजपा के राष्ट्रवाद और राजनीतिक शुचिता पर सवाल उठा रहे हैं।

पूर्व नौकरशाह सूर्य प्रताप सिंह ट्वीट किया कि मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी NDA का हिस्सा हुए। राष्ट्रवादियों में हर्ष की लहर और भक्तों में उत्साह।

अफजाल, मुख्तार समेत अंसारी भाइयों ने मिलकर 2010 में कौमी एकता दल के नाम से एक राजनीतिक दल बनाया था। इस पार्टी को 2017 में बीएसपी में विलय कर दिया गया। 2012 के विधानसभा चुनावों में करीब 41 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद भी पार्टी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। लेकिन बाद में अंसारी परिवार ने अपने लोगों को सुभासपा में शामिल करा दिया था। इस तरह से अब अंसारी परिवार का कौमी एकता दल भी चाहे-अनचाहे बाया सुभासपा एनडीए में शामिल हो गया है।

सबसे आश्चर्य की बात यह है कि अब्बास अंसारी फिलहाल कासगंज जेल में बंद है। उस पर मऊ विधानसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा है। अपने भाषण में अब्बास अंसारी ने अधिकारियों से हिसाब-किताब कर लेने की धमकी दी थी। इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना गया था। मामले को लेकर उन पर केस भी दर्ज कराया गया था। लंबे समय तक फरार रहने के बाद उसने सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद से वह जेल में हैं।

बीते विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन और हेट स्पीच के कुल तीन मामलों में आरोपी विधायक अब्बास अंसारी की शनिवार को कासगंज जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई। सीजेएम/ एमपी एमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने दो मामले में आरोपियों की हाजिरी के लिए 24 जुलाई की तिथि नियत की। वहीं एक मामले में सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तिथि तय की गई। इनमें दो मामले शहर कोतवाली और एक मामला दक्षिण टोला थाना क्षेत्र का है।

फिलहाल अंसारी परिवार और ओम प्रकाश राजभर के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं। हेट स्पीच मामले में जब अब्बास अंसारी फरार थे। सुभासपा प्रमुख राजभर की सपा से दोस्ती टूट चुकी थी। तब राजभर ने फरार अब्बास अंसारी के सरेंडर करने की अपील की थी। इस दौरान उनसे अब्बास के पार्टी छोड़ने को लेकर भी सवाल किया गया था। जवाब में राजभर ने कहा था कि यह सवाल अब्बास अंसारी से पूछना चाहिए। उनकी अब्बास अंसारी से बात नहीं होती।

सपा-सुभासपा गठबंधन टूटने के बाद भी अब्बास अंसारी ने सुभासपा छोड़ने या पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। अब जब राजभर की पार्टी ने अमित शाह से मुलाकात के बाद एनडीए में शामिल होने का फैसला किया है तो अपने आप अब्बास अंसारी भी एनडीए गठबंधन का हिस्सा हो गए हैं। अब देखना ये है कि राजभर के इस कदम के बाद अंसारी परिवार पार्टी में रहने या न रहने को लेकर क्या फैसला लेता है?

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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