अब नई अंतर्कलह के हवाले पंजाब कांग्रेस!

एडवोकेट जनरल और पुलिस महानिदेशक की बाकायदा ‘बलि’ देकर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कांग्रेस प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को तो फौरी तौर पर बेशक मना लिया है लेकिन राज्य कांग्रेस में नित-नई कलह जारी है। ताजा घटनाक्रम में कादियां से कांग्रेस विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा ने उपमुख्यमंत्री तथा गृह विभाग के मुखिया सुखजिंदर सिंह रंधावा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्य सरकार ने रंधावा के दामाद तरुणवीर सिंह लेहल को अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) नियुक्त किया है और विपक्ष इस नियुक्ति का कड़ा विरोध कर रहा है लेकिन अब कांग्रेस के भीतर से भी खुलकर विरोध होने लगा है।

इसकी पहल फतेहजंग सिंह बाजवा ने की। इसे राज्य कांग्रेस में कलह के नए खुले अध्याय के तौर पर लिया जा रहा है। दरअसल, पूर्व कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने बाजवा के बेटे अर्जुन सिंह बाजवा को पुलिस विभाग में अधिकारी तैनात किया था। तब मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस पर कड़ा विरोध जताया था। बाद में बाजवा के बेटे ने पद से इस्तीफा दे दिया।

सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद तरुणवीर सिंह लेहल की नियुक्ति पर जबरदस्त हमलावर होते हुए विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा ने राहुल गांधी और पीपीसी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से मांग की है कि उपमुख्यमंत्री के दामाद की एएजी के पद पर की गई नियुक्ति को सीएम से कहकर फौरन रद्द करवाया जाए। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी पत्र लिखा है।
लगभग बगावती तेवर में विधायक बाजवा कहते हैं, “कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान की गई उपमुख्यमंत्री के दामाद की नियुक्ति पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित होगी।

पार्टी के लिए अवाम का सामना करना मुश्किल होगा। सुखजिंदर सिंह रंधावा और उनके गुट के समर्थक मंत्रियों तथा विधायकों ने उन्हें तब निशाना बनाया था, जब उनके बेटे अर्जुन सिंह बाजवा को दया के आधार पर नौकरी दी गई थी। रंधावा ने उस समय चिल्ला-चिल्ला कर इसे भाई भतीजावाद के रूप में प्रस्तुत किया था। अब क्या हो रहा है, रंधावा और चन्नी बताएं। नवजोत सिंह सिद्धू ने सही कहा है कि पार्टी नेता लोगों की सेवा करने की बजाय अपने परिवारों की सेवा कर रहे हैं।”

उपमुख्यमंत्री और गृह विभाग के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके दामाद एडिशनल एडवोकेट जनरल पद के लिए निर्धारित सभी मानदंडों अथवा नियमों को पूरा करते हैं। तरुणवीर सिंह लेहल का उनका रिश्तेदार होना कोई गुनाह तो नहीं है। दो अन्य कैबिनेट मंत्रियों संगत सिंह गिलजियां व राजा अमरिंदर सिंह वडिंग ने भी रंधावा के पक्ष में बयान दिए हैं। इससे भी जाहिर है कि पंजाब कांग्रेस में परस्पर विरोधी नया मोर्चा खुल चुका है।

फतेहजंग सिंह बाजवा का यूं खुलकर बोलना और सुखजिंदर सिंह रंधावा तथा उनके साथियों का पलटवार बताता है कि आने वाले दिनों में राज्य कांग्रेस में अंतरकलह यकीनन गहराएगी। बताया जाता है कि एकाधिक मंत्री और कुछ विधायक इस मुद्दे पर खुलकर मोर्चा खोलेंगे। बता दें कि बाजवा माझा में अच्छा असर रखते हैं। उनके बगावती तेवरों को नजरअंदाज करना मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को कहीं न कहीं संकट में डाल सकता है।

(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह की रिपोर्ट।)

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