भाजपा के लिए दस दिवसीय तिरंगा यात्रा भारी चुनावी फसल के बजाय दिनों-दिन भारी मुसीबत का सबब बनती जा रही है। दो दिन पहले मध्यप्रदेश के 8 बार के भाजपा विधायक और वरिष्ठ मंत्री, विजय शाह की मानसिकता से देश का परिचय हुआ था, जिस पर जबलपुर उच्च न्यायालय की कड़ी फटकार और पुलिस के ऊपर मंत्री के खिलाफ प्रथमिकी दर्ज कराने का दबाव से बीजेपी अभी उबर भी नहीं पाई थी, कि अब उससे भी शर्मनाक हरकत सामने आ रही है।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार में उप-मुख्यमंत्री, जगदीश देवड़ा जिनके बारे में अभी तक मध्य प्रदेश से बाहर शायद ही कोई जानता हो, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी चरणवन्दना में भारतीय सेना तक को नहीं बक्शा। मंत्री जी ने एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए बड़े उत्साह से अपने भाषण में कहा, “और यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी को हम धन्यवाद कहना चाहेंगे, और पूरे देश की सेना और वो सैनिक उनके चरणों में नतमस्तक है, उनके चरणों में पूरा देश नतमस्तक है। उन्होंने जो जवाब दिया है, उसकी जितनी सराहना की जाए जितना कहा जाये, उतना कम है।”
जी हां, मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा का यह बयान आज तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर इस मुद्दे पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित समूचे मंत्रिमंडल से कई तीखे सवाल किए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि उप-मुख्यमंत्री देवड़ा ने यह बयान जबलपुर में आयोजित एक सिविल डिफेंस वालंटियर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान दिया है, जिसकी क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हंगामा शुरू हो चुका है।
कांग्रेस की सोशल मीडिया सेल प्रमुख और राष्ट्रीय प्रवक्ता, सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस ब्रीफिंग में देवड़ा के बयान को चलाकर दिखाते हुए कहा, “मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा है कि ‘पूरी भारतीय सेना पीएम मोदी के चरणों में नतमस्तक है’। कोई भी भारतीय इस बात को नहीं कह सकता है। लेकिन फिर हमने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के इस घिनौने बयान को सुना। आज पूरा देश सेना के शौर्य और पराक्रम के आगे नतमस्तक है। जिस सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी कैंपों को नष्ट किया हो, ऐसी सेना किसी के आगे नतमस्तक है, ऐसा कहना घोर पाप है और यह पाप बीजेपी के लोग कर रहे हैं।”
सोशल मीडिया में आम लोगों ने अब सवाल पूछना शुरू कर दिया है कि क्या बीजेपी के नेता और मंत्री भारतीय सेना के बारे में यही विचार रखते हैं? एक ने तो विजय देवड़ा का नाम बेवड़ा रखे जाने की मांग तक कर डाली है।
कई लोगों को देवड़ा के इस घिनौने बयान पर विश्वास नहीं हो रहा है। एक सोशल मीडिया यूजर ने Grok से इस बयान की सत्यता पर पूछा, जिसके जवाब में grok ने बताया, “न्यूज़18, इंडिया टुडे और टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्टों के आधार पर यह दावा सही प्रतीत होता है कि मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि भारतीय सेना पीएम मोदी के चरणों में दंडवत है।
यह कथन 16 मई, 2025 को जबलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम का है: “आज, पूरा देश और इसकी सेना सम्मान के प्रतीक के रूप में [मोदी] के चरणों में झुकती है।” यह ऑपरेशन सिंदूर में मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करने के लिए था, लेकिन विवाद पैदा हो गया। कांग्रेस ने इसे सेना का अपमान बताया और देवड़ा के इस्तीफे की मांग की, जबकि भाजपा ने इसे सम्मान के रूपक के रूप में बचाव किया। यह वाक्य अस्पष्ट है और इसके इरादे पर बहस हो रही है, जो राजनीतिक तनाव को दर्शाता है। सेना की कोई प्रतिक्रिया नहीं है, जो इसके गैर-राजनीतिक रुख से मेल खाती है।”
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने कहा है, “उपमुख्मंत्री जगदीश देवड़ा तीनो सेनाओं के बारे में कह रहे हैं कि मोदी के सामने सब नतमस्तक हैं। किस बात के लिए नतमस्तक हैं, इसे पूरा देश जानना चाहता हैं? मोदी ने जो युद्धविराम करा दिया, क्या इस बात के लिए नतमस्तक हैं? आप विवादित बयान देते रहें और हम सवाल भी न पूछें? हम सबसे बड़े विपक्ष हैं। राजनीति नहीं करेंगे तो क्या मछली पकड़ेंगे?”
उधर मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस आज भाजपा के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह के भारतीय सेना में कर्नल सोफिया कुरैशी पर अभद्र टिप्पणी पर दलबल के साथ राजभवन के घेराव के आयोजन में लगे हुए थे। उनका आरोप है कि सेना का अपमान करने वाले भाजपा के मंत्री खुलेआम घूम रहे हैं। उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। इस सिलसिले में आज नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन का घेराव किया। पुलिस प्रशासन को भारी मशक्कत कर धरने पर बैठे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को राजभवन के गेट से हटाना पड़ा।
लेकिन आज उप-मुख्यमंत्री के बयान के बाद तो यह स्पष्ट हो चुका है कि बीजेपी के नेताओं की समझ में भारत-पाक की सेनाओं के बीच में झड़प और आतंकी ठिकानों पर वायुसेना के हमलों से कहीं अधिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की छाप है। शायद उनके मन में भीतर तक यह बात घर कर चुकी है कि इवेंट मैनेजमेंट कर भाषणों से ही दुश्मन देश को फतेह किया जा सकता है।
पीएम मोदी की सैन्य वेशभूषा में केरल भाजपा द्वारा कटआउट लगाये जाने की भी खूब चर्चा हो रही है। इस संघर्ष को लेकर पश्चिमी मीडिया से आ रहे विवरणों और अचानक से सीजफायर के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल को लेकर आम भारतीय के मन में तमाम तरह के प्रश्न खड़े हो रहे थे।
सबसे अधिक मोदी प्रशसंक इस सीजफायर को पचाने की स्थिति में नहीं थे। दो दिन सेना की ओर से डीजीएमओ ने मोर्चा संभाला, लेकिन दक्षिणपंथी तत्वों को तब जाकर आश्वस्ति हुई, जब राष्ट्र के नाम संबोधन द्वारा पीएम मोदी ने जोरदार भाषण से बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के घर में घुसकर सबक सिखाया है। इसके साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं को दस दिवसीय कार्यक्रम थमा दिया गया, जिसमें बताने के लिए उनके पास पीएम मोदी के वीरतापूर्ण भाषणों का रिकॉर्ड रहा होगा।
इन कथित नेताओं, मंत्रियों को अब कौन सिखाए कि तिरंगा यात्रा में मोदी का गुणगान करने के बजाय भारतीय सेना के शौर्य की गाथा गाकर ही वे अपनी पार्टी की गिरती साख को बचा सकते हैं। इनके लिए तो सबकुछ मोदी ही हैं, इसलिए अनचाहे भी उनके मुख से वही सब निकलेगा, जिसके वे अब अभ्यस्त हो चुके हैं। देखना है, कर्नल सोफिया कुरैशी के अपमान के बाद क्या अब भाजपा भारतीय सेना के अपमान पर भी चुप्पी साध लेगी? इस बार ऐसा कर पाना शायद काफी महंगा पड़े, क्योंकि सेना के प्रति अटूट सम्मान की भावना ही बड़ी संख्या में आम भारतीयों को दक्षिणपंथ की ओर धकेलती रही है।
(रविंद्र पटवाल जनचौक की संपादकीय टीम के सदस्य हैं।)