अभिनेता दर्शन जरीवाला ने CINTAA के उपाध्यक्ष और कार्यकारी सदस्य के पद से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। टीवी और फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लेने वाले अभिनेता दर्शन जरीवाला विवादों में घिर गए हैं। अभिनेता पर एक महिला ने धोखा देने का आरोप लगाया है। महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। इस वजह से अभिनेता जरीवाला ने सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (CINTAA) के तीनों पदों से इस्तीफा दे दिया है। महिला ने करीब दो महीने पहले अभिनेता पर ये आरोप लगाया था।

सीआईएनटीएए के महासचिव अमित बहल ने कहा कि “चूंकि इससे सीआईएनटीएए की प्रतिष्ठा पर असर पड़ रहा था इसलिए उन्होंने तीनों पदों से इस्तीफा दे दिया है।”

बहल ने कहा, ‘हालांकि शिकायत करने वाली महिला हमारी सदस्य नहीं है लेकिन हमारे कई सहकर्मी सोशल मीडिया पर उसके दोस्त हैं और परेशान हो रहे थे।‘

दर्शन ने सीआईएनटीएए  के उपाध्यक्ष, कार्यकारी सदस्य के पद से इस्तीफा दिया है लेकिन वे कल्याण ट्रस्ट के ट्रस्टी बने रहेंगे। उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा है कि वह नहीं चाहते कि उनके सहयोगियों को परेशानी हो इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है और वादा किया है कि वह बेदाग सामने आएंगे।

टीना घई ने कहा कि “वरिष्ठ संयुक्त सचिव और केयर कमेटी सीआईएनटीएए की चेयरपर्सन होने के नाते, एक महिला होने के नाते, सोशल मीडिया में मामला खुलने के बाद से हमारी ईमानदारी के बारे में मुझसे लगातार सवाल किए जा रहे थे। यह अच्छा है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है वरना हमारे सामान्य सदस्य खासतौर से महिला सदस्यों ने दुर्गंध मचा दी होगी।”

शिकायतकर्ता महिला ने दिसंबर 2023 में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उसने जरीवाला के साथ अपने संबंधों का खुलासा किया था। उसने उसने दावा किया कि उनका “गंधर्व विवाह” हुआ था और वह वर्तमान में उसके बच्चे की मां बनने वाली है। उसने आरोप लगाया है कि अब जरीवाला उसे और उसके बच्चे को अपनाने से पीछे हट रहे हैं। उसने सीआईएनटीएए से जरीवाला के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें उपाध्यक्ष पद से हटाने का अनुरोध किया था। मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण महिला की पहचान गुप्त रखी गई है।

आरोपों के जवाब में दर्शन जरीवाला के कानूनी प्रतिनिधि लॉहाइव एसोसिएट्स की वकील सवीना बेदी सच्चर ने एक बयान जारी कर अभिनेता की बेगुनाही का दावा किया है। बयान में दोषी साबित होने तक निर्दोषता की धारणा को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला गया और एक निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया की जरुरत पर जोर दिया गया।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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