Sunday, December 10, 2023

धार्मिक शहर में दरिंदगी: मदद के लिए गुहार लगाती लहूलुहान बच्ची

मध्य प्रदेश का उज्जैन जिला एक पुराने धार्मिक शहर के रूप में प्रसिद्ध है। यहां हिंदू धर्म ही नहीं, बल्कि जैन और बौद्ध धर्म भी पनपता रहा है। इसे ‘सिटी ऑफ द गॉड्स’ के नाम से भी जाना जाता है। उस महादेव, जो सती को गोद में लेकर धरती के कोने-कोने में भटक रहे थे, के शहर में एक 12 साल की बच्ची ढाई घंटों तक दर-दर भटकती रही और ‘बचाओ-बचाओ’ की गुहार लगाती दरवाज़े खटखटाती रही। पर उसके मुंह पर लोगों ने दरवाज़े बंद कर दिये। उसे नोचा जाता रहा। उसके साथ जिस किस्म की दरिंदगी की घटना घटित हुई है, उसने एक बार फिर पूरे समाज को झकझोरकर रख दिया है।

क्या तथाकथित सभ्य समाज शर्मसार है? 12 वर्ष की वह पीड़िता जिसकी मां जीवित नहीं है और पिता मानसिक रूप से विक्षिप्त है, 23 तारीख से सतना के अपने घर से लापता थी, जहां वह अपने बाबा और भाई के साथ रहती थी। उसके बाबा उसकी तलाश कर रहे थे और प्राथमिकी भी लिखा चुके थे। क्या बात है कि पुलिस ने मामले को संजीदगी से नहीं लिया और उसकी तब खबर लगी जब किसी आश्रम में काम कर रहे एक कर्मचारी ने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को सूचना दी। यह घटनाक्रम हमारे राजनेताओं, धर्मगुरुओं, पुलिस और समाज के बारे में क्या कह रहा है?

मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव न होता तो?

जैसे ही मामला सामने आया और कांग्रेस ने उसे राजनीतिक मुद्दा बनाया, शिवराज सिंह चौहान की पहले से बदनाम सरकार अचानक जाग उठी और पुलिस की टीम गठित करवाकर उसे काम पर लगा दी। तुरंत 700 सीसीटीवी के फुटेज छान मारे गए और आरोपियों का पता लगा लिया गया। उनमें से दो को गिरफ्तार भी कर लिया गया, लड़की के इलाज के लिए उसे तुरंत इंदौर रेफर कर दिया गया और सतना तक लड़की के परिवार को ट्रेस कर उसके बारे में उन्हें बता दिया गया।

वाह! कितनी मुस्तैदी और कितनी जल्द भरत सोनी सहित 5 टेम्पो चालकों की पहचान कर ली गई। अब सारे टेम्पो चालकों की आईडी चेक होगी और सारे टेम्पो स्टैंड खंगाले जाएंगे। कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने मदद नहीं की और पुलिस को सूचना नहीं दी, उनपर भी कार्यवाही होगी। यह भी हाईलाइट किया जा रहा है कि भरत के पिता उसे मौत की सज़ा दिलवाना चाहते हैं और एक पुलिस वाला बच्ची को गोद लेने को तक तैयार हो गया है। लगता है जैसे कोई बॉलीवुड फिल्म चल रही है। जी नहीं, बस मध्य प्रदेश के चुनाव नज़दीक आ गए हैं।

शिवराज की सरकार भाजपा को ले डूबेगी  

हर कोई जानता है कि शिवराज सिंह कितना भी डैमेज कंट्रोल करें, भाजपा की नैया डूब रही है। भाजपा के नेता पार्टी छोड़-छोड़ भाग रहे हैं। उमा भारती विद्रोही तेवर लिए ओबीसी रहनुमा का चोला धारण कर वार-पर-वार किये जा रही हैं, वह भी अपनी ही पार्टी पर। पहले से ही नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न के मामले में मध्य प्रदेश रिकॉर्ड तोड़ रहा था। और अब, यह भयानक घटना! पर चुनाव को देखते हुए मुख्य मंत्री शिवराज सिंह ने महिलाओं को लुभाने के लिए सावन के महीने में रेवड़ी बांटने का शिगूफा छोड़ा। मतलब उन्होंने भाजपा और अपनी डूबती नैया को बचाने के लिये ढेर सारी घोषणाएं कर डालीं।

रक्षा बंधन के अवसर पर ‘लाड़ली बहना योजना’ के तहत एडवांस 250 रु खाते में डलवा दिये और कह दिया कि अब इस स्कीम में अक्टूबर से 1000 रु की जगह 1250 रु दिये जाएंगे। इतना ही नहीं, बाद में यह बढ़ाकर 3000 रु कर दिया जाएगा। सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया गया और अध्यापक नियुक्ति में 50 आरक्षण का वादा कर दिया गया। सावन के महीने में गैस सिलेंडर भी 450 रु के हिसाब से मिले और महिलाओं को गांव व शहर में मुफ्त प्लॉट देने से लेकर औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं को उद्योग चलाने के लिए जमीन देने तक की घोषणा कर दी गई।

लेकिन शिवराज सिंह इसपर बात नहीं करते कि महिलाएं उनके राज्य में आगे कैसे बढ़ेंगी, जब प्रतिदिन 8 बलात्कार होते रहेंगे और सरकार हाथ-पर-हाथ धरकर बैठी रहेगी? वह अभी भी नहीं बता सकेंगे कि क्यों उनके राज्य में 58 प्रतिशत युवतियां रक्ताभाव से ग्रस्त हैं और आधे से अधिक जिलों में महिलाएं रक्ताभाव से ग्रस्त हैं। नतीजा यह है कि बच्चे बौनेपन के शिकार हैं। यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार 5 वर्ष से कम उम्र का हर तीसरा बच्चा बौनेपन का शिकार हो रहे हैं। कुल मिलाकर आज भाजपा के मुख्यमंत्री कितनी भी मुस्तैदी दिखाएं, आम महिलाओं को बरगला पाना मुश्किल है।

भाजपा ने ‘रेप कल्चर’ को महिमामंडित किया है

जहां तक महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा का प्रश्न है, केन्द्र की एनडीए सरकार लगातार कटघरे में रही है। 2018 में जम्मू कश्मीर की आसिफा के बलात्कारियों के समर्थन में भाजपा के दो कैबिनेट मंत्रियों का आना, हाथरस में एक बच्ची के बलात्कार के बाद हत्या, भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार करने में देरी, उन्नाव में दलित बच्ची के बलात्कार के बाद घर और उसके बच्चे व भाई को जलाना और बृजभूषण शरण सिंह को सत्ता का जबरदस्त समर्थन; मिर्जापुर में भाजपा के पिछड़ा मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष व ग्राम प्रधान विजय गुप्ता और उनके नौकर ने एक नाबालिग छात्रा के साथ 6 माह तक बलात्कार किया और फिर गर्भपात कराने ले गए। जन दबाव के चलते उनको भाजपा ने सभी पदों से हटाया। नौकर पहले गिरफ्तार हुआ और बाद में गुप्ता।

मणिपुर में लगातार महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की दर्दनाक घटनाएं सामने आईं पर मैतेई हथियारबंद लोगों को सरकार का परोक्ष समर्थन प्राप्त होता रहा। अगर हम 2014 से गिनते जाएं तो फेहरिस्त इतनी लम्बी होगी कि उसे अखबारों में 365 दिन छापा जाता रहेगा तब भी खत्म नहीं होगा। दरअसल भाजपा ने ‘रेप कल्चर’ को महिमामंडित किया है। तो महिला सुरक्षा के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ही नहीं, केंद्र सरकार भी कटघरे में है।

क्या महिला आरक्षण के नाम से जो मज़ाक हुआ उससे कुछ बदलेगा?

भाजपा ने नए संसद भवन में ‘महिला आरक्षण विधेयक’ ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ 2023 पारित करवाकर विपक्ष को चैंकाना चाहा, पर कोई भी इसके झांसे में नहीं आया। सभी समझ रहे हैं कि 2029 के चुनाव में भी यह लागू नहीं हो सकेगा। और जब होगा, तब स्मृति ईरानी और निर्मला सीतारमन जैसी और भी अधिक महिला-विरोधी, असहिष्णु महिलाएं, भले वह सत्ता में रहें या विपक्ष में, भाजपा के पक्ष में नारा लगाती रहेंगी और महिलाओं का अपमान भी करती रहेंगी। तो, आखिर करना क्या होगा?

इंडिया गठबंधन और महिला संगठन महिला सुरक्षा पर देशव्यापी जंग छेड़ें

लोग हाथरस की दलित लड़की और उज्जैन की बेटी की बात जब करते हैं, तब सहज ढंग से मन में सवाल आता है कि क्या समाज इंसानियत को छोड़ चुका है? क्या किसी पर भरोसा ही करना मुश्किल है? यह सच नहीं है। इसके पीछे कारण है भाजपा द्वारा पैदा किया गया डर। जब सत्ता गुण्डों, बलात्कारियों और असामाजिक तत्वों को संरक्षण दे रही हो तो लोग बोलने से डरने लगते हैं। कहीं उन्हें न फंसा दिया जाए या कहीं अपराधी तत्व उनके पीछे न पड़ जाएं।

आखिर जान गंवाने की शर्त पर कितने लोग किसी की मदद के लिए आगे आएंगे? यह केवल महिला संगठन और कुछ जांबाज़ राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता ही कर सकते हैं जिनके पास संगठित ताकत हो-लड़ने की और सत्ताधारियों को पीछे हटने पर मजबूर करने की। शायद ढेर सारे सोशल मीडिया एक्टिविस्ट भी लड़ाई में योगदान न देते तो अब तक इतनी कार्यवाही भी न होती।

लेकिन जहां मोदी सरकार महिलाओं को सब्ज़बाग दिखाकर लुभाने की कवायद कर रही है, इंडिया को महिला सुरक्षा के प्रश्न को देशव्यापी आंदोलन का मुद्दा बनाकर सरकार को बता देना चाहिये कि तोहफे बांटना बंद करो, हमें बराबरी, सम्मान और आज़ादी चाहिये, हम स्वयं अपनी किस्मत बना लेंगे!

(कुमुदिनी पति, सामाजिक कार्यकर्ता और इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष हैं।)

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समय सिंह भैदाडी
समय सिंह भैदाडी
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2 months ago

बीजेपी बलात्कारियो का सपोर्ट करती रही है और बीजेपी के मन्त्री खुद बलात्कारी है बीजेपी भगाओ देश बचाओ

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