Thursday, April 18, 2024

वाराणसी से ग्राउंड रिपोर्ट: 4 किलो चावल चोरी के आरोप में ठाकुरों ने ले ली एक दलित किशोर की जान

सुइलरा गांव, वाराणसी। वाराणसी जिला मुख्यालय से लगभग साठ किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थिति है। विजय के मौत के तीसरे दिन घटना की जानकारी लेने मंगलवार को जनचौक की टीम सुइलरा गांव पहुंची। पीड़ित पप्पू राम का घर महज दस कदम पर है और उनके दरवाजे पर बांस के झुरमुट की छांव में परिजन और बस्ती के लोग बैठे हुए हैं। सबके चेहरे पर उदासी पसरी है और ठाकुरों की गुंडई के खिलाफ गुस्सा साफ तौर पर झलक रहा है। पास में ही बस्ती की आधा दर्जन महिलाएं उदास और निराश मुद्रा में बैठी हैं। पहले तो ये लोग यह मानने से साफ इनकार कर रहे हैं कि 14 वर्षीय विजय ने इनके आटा मिल से चावल चुराया होगा।

गांव के लोग।

क्योंकि आटा मिल में चावल कैसे पहुंच जाएगा ? और दूसरी और जरूरी बात कि आखिर कोई सयाना व्यक्ति महज चार किलो चावल चोरी के आरोप में एक बच्चे को इतनी बुरी तरह से कैसे पीट सकता है कि उसकी मौत हो जाए? बहरहाल, दलित बस्ती में पीड़ित के घर पास रास्ते के किनारे खाट पर कई लोग बुझे हुए मन से आपस में बातचीत कर रहे थे। घटना के संबंध में पीड़ित दलित बस्ती के लोगों ने क्या कहां … पेश है वर्ड-टू-वर्ड रिपोर्ट। 

जनचौक: आपका क्या नाम है ? 

जवाब:  दूधनाथ । 

जनचौक: क्या घटना है, आप शुरुआत से जानते होंगे ?

दूधनाथ: जी हां, मैं यहीं गांव में था और पूरे घटनाक्रम की जानकारी है।

विजय के दाह संस्कार के बाद की रस्में।

जनचौक : बताइए उस दिन यानी छह-सात जुलाई को क्या हुआ था ?  

दूधनाथ: बस्ती के पास में ही ठाकुर के घर में परचून की दुकान है। वह बगल में आटा चक्की भी चलाता है। ठाकुरों ने चोरी लगाया कि विजय ने आटे की चक्की से चावल चुराकर उसी के परचून की दुकान पर बेच दिया है। ठाकुर लोग ही 100 नंबर पर फोन करके पुलिस बुलाये और बच्चे को बस्ती में लेकर आए। लड़के के मां-बाप, हम लोगों और पुलिस के सामने ही एक ठाकुर ने बच्चे को पांच-सात झापड़ मार दिया। अपने बेटे को पीटता देख पप्पू व उसकी पत्नी ने विरोध किया और नुकसान की भरपाई की बात कही। ठाकुरों का कहना था कि उनका चावल 442 रुपए का था। पुलिस ने समझौता कराकर चार किलो चावल के बदले चार सौ बयालीस रुपया दिलवाकर मामले को रफा-दफा किया।    

गांव की दलित महिलाएं

वह आगे बताते हैं कि ‘इस दिन के एक-दो रोज के बाद विजय फिर गया उनकी दुकान पर सामान खरीदने के लिये। चूंकी बस्ती से लगी ही दुकान है तो बच्चे या लोग रात-बिरात भी सामान लेने चले जाते हैं। इसी दिन शाम को उन लोगों ने विजय को पकड़कर घर में ले जाकर बहुत मार मारा और धमकी भी देकर डराए कि अपने मम्मी-पापा को बताओगे तो उन्हें भी काट देंगे। विजय घर आया और अपनी बर्बर पिटाई की बात किसी से नहीं कहा। दर्द होने पर वह मेडिकल से दवा लेकर खाता रहा। एकाएक उसकी तबियत बिगड़ गई तो उसको गोराईं स्थित एक अस्पताल में ले जाकर भर्ती कर दिया गया। इलाज चलने के लिए डॉक्टर और परिजनों ने बच्चे से पूछा कि क्या दिक्कत हो रही है ?

विजय का शव

इतना काफी मारे जाने के बाद विजय को सांस तो कम ही आ रही थी। दर्द निवारक दवाओं ने अलग से उसके अंदरूनी जख्मों को नुकसान पहुंचाया था। जैसे-तैसे विजय ने बताया कि गुड्डू सिंह, पखंडु सिंह और उनका लड़का सौरभ सिंह ने किवाड़ बंद करके बहुत बुरी तरीके से उसे मारे हैं और कहा था कि घर मत बताना नहीं तो जान से मार देंगे। एक अगस्त की रात में यही सब बयान दिया और सुबह होते-होते मर गया लड़का।’ बात ख़त्म करते-करते दूधनाथ की जबान लटपटाने लगी और सुबक पड़े। रुकने से पहले कहा कि शव को लेकर हम लोगों ने चक्का जाम किया था।

जनचौक : अपने को संभालिये, आरोपियों पर कार्रवाई हुई ? 

दूधनाथ – पुलिस ने दुकानदार शिवम सिंह, गुड्डू सिंह, पखंडु सिंह व सौरभ सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। एक को गिरफ्तार किया गया है। 

जनचौक : डेड बॉडी की अंत्योष्ठि हो गई ?

दूधनाथ : हां, 

गांव में बैठे शोकाकुल बुजुर्ग

बस्ती के बुजुर्ग बलिराज ने बताया कि ‘हम लोगों के बस्ती के चारों ओर ठाकुरों के खेत हैं। इनका एक बगीचा भी है, जिसमें आम के महज तीन पेड़ हैं। दो-तीन हफ्ते पहले गर्मी के दिन में बच्चे आम के बगीचों में फल आदि के लालच में जाते थे। इसी में एकाध बार थोड़ी बहुत कहा-सुनी हुई थी। बदला लेने के लिए साजिश के तहत झूठा चावल चोरी का आरोप लगाकर घटना को अंजाम दिया गया है। आप बताइये आटा मिल में चावल कहां आ गया ?’

पहरा होने के बाद भी मारने के लिए दलित लड़के को दौड़ाया 

सुइलरा की दलित बस्ती के सत्रह वर्षीय विकास बताते हैं ‘चक्का जाम के बाद, अगले दिन सोमवार की शाम को मैं बाइक से कपसेठी बाजार काम से जा रहा था। तभी गांव के ही नामवर सिंह का लड़का विक्की सिंह ने लाठी लेकर मारने को दौड़ाया और गाली दे रहा था। बाइक की रफ़्तार बढ़ाकर मैं वापस बस्ती में आ गया। इस मामले से गांव वालों और पुलिस को भी अवगत कराया है”। आपको बता दें कि विजय की मौत के बाद से शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए गांव में पुलिस की टीम तैनात की गई है। इस बारे में जानकारी लेने पर मालूम हुआ कि अभी दो सिपाही आए थे और गश्त कर चले गए।

विजय की छोटी बहन के साथ उसकी मां

गांव की एक महिला अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताती हैं कि ‘बस्ती से लगा हुआ गुड्डू सिंह का खेत है, धान की रोपाई के लिए खेत तैयार किया जा रहा था। जिस दिन अस्पताल में विजय की मौत हो गई, उसी दिन आरोपी ठाकुरों में से एक गुड्डू सिंह ने अपने मुंह से कबूल रहा था कि मारे तो क्या गलत किया। खूब पिटाई कर बदला पूरा किया है। मरना होगा तो मर जाएगा। जिंदा रहा तो हद में रहेगा। मर जाएगा तो हमारा क्या दोष ? मरा हुआ जानकर उसे छोड़ा ही है। चौदह साल का लड़का मर गया है, हम लोगों को बहुत अखर रहा है। आज त्यौहार (नाग पंचमी) है, आज का दिन पहाड़ लग रहा है, जल्दी से कट भी नहीं रहा है। आरोपी ठाकुर पुलिस थाने में पैसा देकर मामला हल्का करने में जुटे हैं। ‘ 

विजय के घर पर जुटी महिलाएं

औरतों से छेड़खानी और कराते जबर्दस्ती मजदूरी 

शोक में डूबे सुरेश कहते हैं कि ‘ गांव के ठाकुरों में से कई गिरे हुए किस्म के लोग कभी-कभी दलित बस्ती की औरतों से छेड़खानी भी करने से बाज नहीं आते। कोई बता देती है, कई महिलाएं बात आगे बढ़ने के भय से अपने तक ही रखती हैं। हालांकि, पहले से छेड़छाड़ की घटनाएं कम हुई हैं। ठाकुरों का कोई भी कार्य होता है- जैसे रोपाई होना है तो मनरेगा के काम को बंद कराकर मजदूरों से रोपाई का काम कराया जाता है। जब रोपाई ख़त्म हो जाएगी तो मनरेगा चलेगा। मनरेगा का आधे-एक महीने का कई लोगों के मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। यहां दबाव है। जब हम दूसरे गांव में जाते हैं मजदूरी के लिए तो मजदूरी के एवज में दस किलो गेहूं या आठ किलो चावल मिलता है।

मौत के बाद पहली बार विजय के घर जला चूल्हा

अपने गांव सुइलरा में पांच किलो ही देते हैं और कहते हैं कि यहां का काम ख़त्म होने पर ही बाहर जाओगे। हम लोग यानी चमार समाज के पास एक विस्वा भी खेत नहीं है। यह बांसवार है और इसमें हम लोगों का कच्चा-टिन शेड का घर है। पहले से ही ठाकुर प्रधान होते आए हैं, मौजूदा वक्त में भी उन्हीं के जाति का अनिल सिंह प्रधान है। गांव में काफी बंजर जमीनें हैं, जिन पर इन्हीं सब ने कब्जा जमाया हुआ है। इन लोगों के दबाव के चलते जमीनों की नपाई नहीं हो पा रही है। यहां गुंडागर्दी बहुत ज्यादा है।’

घटना के बाद गांव में बेहद रोष था। ग्रामीणों ने हत्या का आरोप लगाते हुए वाराणसी-भदोही मार्ग पर दलित बस्ती के सामने रोड जाम कर दिया। सूचना के बाद पहुंची पुलिस जांच का आश्वासन देने के बाद शव लेकर थाने जा रही थी। लेकिन, कपसेठी चौराहे पर निहाला सिंह की प्रतिमा के पास दोबारा सड़क जाम कर दिया गया। 

मृतक विजय की मां

करीब तीन घंटे तक ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध के आगे पुलिस को झुकना पड़ा। तब पुलिस ने आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या समेत व दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया। पिता पप्पू राम ने गांव के ही किराने के दुकानदार शिवम सिंह, गुड्डू सिंह, पखंडु सिंह व सौरभ सिंह के खिलाफ नामजद तहरीर दी है। पुलिस ने एक आरोपित को हिरासत में लिया हुआ है। चक्काजाम की सूचना के बाद पुलिस क्षेत्राधिकारी बड़ागांव, क्षेत्राधिकारी सदर, जंसा, बड़ागांव, मिर्जामुराद व राजातालाब की पुलिस मौके पर पहुंची थी। फिलहाल तनाव को देखते हुए सुइलरा गांव में पुलिस गश्त कर रही है। विजय के मौत के दिन दलित बस्ती में किसी के घर चूल्हा नहीं जला था। 

पीड़ित परिवार को सांत्वना देने सुइलरा आए भदोही के भीम आर्मी जिलाध्यक्ष विनोद कुमार गौतम ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि ‘मुझे जानकारी हुई तो तुरंत मैंने एसपी सिटी को फोन लगाया, पुलिस अधिकारी ने कपसेठी थाना प्रभारी से बात कर बताया कि मामला संज्ञान में लें और चार आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया है। हमारी मांग है कि शेष तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाए। यहां का पुलिस-प्रशासन भी मनुवादी ताकतों से डर रहा है। शायद इसी वजह से जघन्य कृत्य करने वाले अन्य आरोपी खुली हवा में सांस ले रहे हैं।  प्रशासन को एक और आवेदन देने की रणनीति बनाई जा रही है। ये गुंडई और ठुकरई बर्दाश्त के बाहर है। देश संविधान से चलता है और इन्हें संविधान को मानना पड़ेगा। वरना जब हम लोग अपने मान, सम्मान और स्वाभिमान के लिए किसी भी हद तक गुजरने को तैयार हैं। हमें अपने स्वाभिमान और सम्मान से खिलवाड़ नहीं होने देंगे, करारा जवाब देंगे।’

रोड पर चक्का जाम करते दलिते।

घटना के संबंध में कपसेठी थाना के प्रभारी निरीक्षक बनारसी यादव बताते हैं ‘सात जुलाई को घटना हुई थी। ठाकुर समाज चार के आरोपियों पर मुक़दमा दर्ज किया गया है, एक व्यक्ति हिरासत में लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। आईपीसी की धारा 304, 506 और 532 एसी-एसटी धाराओं में मुक़दमा पंजीकृत किया गया है। अगली सुबह गुड्डू सिंह नाम का युवक शराब के नशे में था और एक दलित लड़के को लाठी लेकर दौड़ाया था, उसने मंगलवार को सबके सामने माफ़ी मांगी तो उसे कड़ी हिदायत देकर छोड़ दिया गया है। गांव में शांति व्यवस्था बनी रहे इसके लिए पुलिस फोर्स तैनात की गई है। पीएम रिपोर्ट आते ही आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।     

( वाराणसी से पीके मौर्य की रिपोर्ट। )

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