किसानों और सर्वसेवा संघ के प्रतिनिधियों से राहुल गांधी ने की मुलाकात

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नई दिल्ली। दो प्रतिनिधिमंडलों ने आज विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से संसद भवन में स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की। सबसे पहले वह किसान आंदोलन की अगुआई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों से मिले। उसके बाद बारी बनारस में गांधी आश्रम से बेदखल कर दिए गए सर्वसेवा संघ के प्रतिनिधियों की थी।

एसकेएम ने गांधी को भारत के किसानों की 20 मांगों का एक चार्टर सौंपा, जिसमें प्रमुख मांगें सभी किसानों को सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देने और किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए कानून बनाना शामिल हैं।

एसकेएम नेताओं ने गांधी के संज्ञान में लाया कि जब तक कृषि लागत एवं मूल्य आयोग को वैधानिक मान्यता नहीं मिल जाती, तब तक उसके द्वारा घोषित एमएसपी का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इसका प्रवर्तन नहीं हो सकता।

एसकेएम प्रतिनिधिमंडल ने गांधी को इन मुद्दों पर दो मसौदा कानून प्रस्तुत किया, जिसे शरद पवार और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में राजनीतिक दल के नेताओं की एक समिति द्वारा जांचे जाने के बाद 2018 में तैयार किया गया था और संसद में पेश किया गया था।

फसलों के लाभकारी मूल्य न मिलने से उत्पन्न कर्ज के कारण किसानों की लगातार आत्महत्या का मुद्दा गांधी के संज्ञान में लाया गया और उनसे विपक्ष के नेता के रूप में सभी विपक्षी दलों से संपर्क करने, किसानों के मुद्दों पर आम सहमति बनाने और फिर इन्हें पार्टियों के राजनीतिक अभियानों का केंद्रीय मुद्दा बनाने का आग्रह किया गया।

इस मौके पर राहुल गांधी ने एसकेएम की मांगों का पूरा समर्थन किया और यहां तक कहा कि इनमें से कई कांग्रेस के घोषणापत्र का हिस्सा हैं। उन्होंने सहमति व्यक्त की कि किसानों के साथ निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यवहार किए जाने की तत्काल आवश्यकता है।

चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि गांधी इंडिया गठबंधन में शामिल दलों से संपर्क करेंगे, एसकेएम की मांगों को साझा करेंगे और सभी किसानों को सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी और ऋणग्रस्तता से मुक्ति के लिए दो कानूनों को अंतिम रूप देने के लिए एसकेएम और सभी विपक्षी दलों के बीच एक बड़ी बैठक का नेतृत्व करेंगे। ऐसे कानूनों को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है और सभी विपक्षी दलों द्वारा इसका समर्थन किया जा सकता है।

एसकेएम ने गांधी को सूचित किया कि एसकेएम, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के साथ समन्वय में, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू और कश्मीर राज्यों में आगामी चुनावों में “भाजपा को दंडित करें” के अपने अभियान को जारी रखेगा और गांधी को सुझाव दिया कि इन राज्य चुनावों में किसानों और श्रमिकों की मांगों को इंडिया/विपक्षी दलों के घोषणापत्र और अभियान में शामिल किया जाना चाहिए।

गांधी ने सहमति व्यक्त की कि अधिक समन्वय की आवश्यकता है और किसानों और श्रमिकों के ज्वलंत मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाया जाना चाहिए और इस संबंध में वह सबसे पहले एसकेएम और अपनी पार्टी के बीच समन्वय शुरू करेंगे और आगे चलकर इंडिया गठबंधन की पार्टियों के साथ इस समन्वय को बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

चर्चाओं में यह भी आम सहमति बनी कि केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना किसान परिवारों की गंभीर चिंता है, जहां से अधिकांश युवा सशस्त्र बलों में शामिल होते हैं और एसकेएम इसे अपनी मांगों में शामिल करेगा तथा इस मुद्दे पर एक बड़े आंदोलन के लिए आम सहमति बनाने पर काम करेगा।

एसकेएम ने गांधी से कहा कि कि वे गैर-भाजपा शासित राज्यों की विधानसभाओं में किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित करने पर जोर दें, विशेष रूप से सभी किसानों को सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देने, किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए कानून बनाने, तथा केंद्र सरकार द्वारा किसानों से किए गए वादों का सम्मान करने की मांग को लेकर, क्योंकि किसानों को अतीत में विश्वासघात का सामना करना पड़ा है।

प्रतिनिधिमंडल में हन्नान मोल्लाह, बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, राजन क्षीरसागर, रमिंदर सिंह, सत्यवान, डॉ. सुनीलम, अविक साहा, तजिंदर सिंह विर्क और प्रेम सिंह गहलावत शामिल थे। राहुल गांधी के साथ चर्चा में शामिल हुए जयराम रमेश, योगेंद्र यादव और केसी वेणुगोपाल

सर्वसेवा संघ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आज 6 अगस्त 24 दिल्ली सर्व सेवा संघ का एक प्रतिनिधि मंडल नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से पार्लियामेंट ऑफिस में मिला और बनारस की घटना के बारे में बताया। इस मौके पर उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन में मुख्य रूप से दो बातें कही गई हैं। एक तो यह की पार्लियामेंट्री कमेटी के द्वारा पूरे घटनाक्रम की जांच कराई जाए और पार्लियामेंट में इस विरासत के ध्वस्तीकरण के सवाल पर बहस हो। सरकार ने विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण के जीवंत इतिहास को मटियामेट कर दिया। प्रतिनिधि मंडल में सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदनपाल, मंत्री अरविंद कुशवाहा एवं अरविंद अंजुम, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, ट्रस्टी अशोक शरण, जागृति राही और योगेंद्र यादव के साथ मुलाकात की।

राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि हम शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे और नवंबर में जब फिर से सदन शुरू होगा तब हम सवाल को सदन में उठाएंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि गांधी की किसी भी विरासत को सरकार अगर कब्जा करने या ध्वस्त करने की कोशिश करेगी तो हम उसका विरोध करेंगे।

 सेवाग्राम पर भी सरकार की बुरी नजर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्रता आंदोलन और गांधी जी की ऐतिहासिक स्थली है। इसे दुनिया भर से लोग देखने के लिए आते हैं। वह स्वतंत्रता आंदोलन और भारत का जीता जागता इतिहास है। उससे सरकार अगर छेड़छाड़ करती है इंडिया गठबंधन इसका विरोध करेगा।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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