चंडीगढ़/रोहतक। किसानों के 26-27 नवंबर के प्रस्तावित दिल्ली मार्च को नाकाम करने के लिए हरियाणा में किसान-मज़दूर नेताओं की ताबड़तोड़ गिरफ़्तारियां जारी हैं। किसान और खेत मज़दूर नेताओं-एक्टिविस्टों की तलाश में आधी रात में शुरू हुए पुलिस छापे दिन में भी जारी हैं। अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के सदस्य और अखिल भारतीय किसान सभा के हरियाणा राज्य उपाध्यक्ष कॉ. इंदरजीत ने दमन की इस कार्रवाई की निंदा की है। किसान सभा के राज्य सचिव सुमित ने कहा कि दमन के जरिए इस आंदोलन को रोक पाना सरकार के लिए मुमकिन नहीं हो पाएगा।
किसान सभा के नेताओं कॉ. इंदरजीत और सुमित ने मंगलवार को कहा कि किसान एक्टिविस्टों के ठिकानों पर छापों और गिरफ़्तारियों से साफ़ है कि सरकार किसानों के आंदोलन से घबरा गई है। खेती-किसानी को ध्वस्त कर कॉरपोरेट की झोली में डालने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानून देश के आम आदमी के लिए रोटी का संकट पैदा करने वाले हैं। किसानों और आम लोगों से जुड़े इस मसले पर ‘26-27 नवंबर को दिल्ली चलो’ का नारा दिया गया है। इसके लिए विभिन्न किसान संगठन और जन संगठन मिलजुल कर पूरी तैयारी में लगे हुए हैं। भाजपा सरकार इस आंदोलन को विफल करने के लिए अपना दमनकारी एजेंडा लागू कर रही है।
रात में प्रदेश भर में बड़ी संख्या में किसान और खेत मजदूर नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और अभी भी गिरफ्तारियां जारी हैं। अखिल भारतीय किसान सभा, किसान यूनियन और अन्य किसान संगठनों के राज्य और जिला नेताओं की गिरफ्तारी रात एक बजे के बाद से जारी है। यह कार्रवाई भाजपा सरकार के चरित्र और किसान-मजदूरों के उसके रुख को उजागर करती है।
किसान सभा और विभिन्न किसान संगठनों, किसान यूनियन और खेत-मज़दूर संगठनों के गिरफ्तार किए गए नेताओं में रतिया से जिला परिषद सदस्य और खेत-मज़दूर नेता रामचंद्र सहनवाल, झज्जर से सीटू के सचिव रामचंद्र यादव, बलबीर ठाकन भिवानी, सत्यवान नरवाल, रतन मान करनाल, रमेश बेनीवाल हिसार, प्रह्लाद भारूखेड़ा सिरसा, अनिल नांदल, रोहतक, जयकरण, मियां सिंह हिसार, सूबे सिंह बूरा हिसार, भूप सिंह उकलाना, सूबेदार सत्यनारायण झज्जर, करण सिंह जैनावास तोशाम, सुरेश कोथ हिसार, विकास सीसर, रमेश तोशाम, सुभाष गुज्जर, यमुनानगर, रवि आज़ाद, भिवानी, एसपी सिंह, सिरसा, खुईयां, प्रदीप धनखड़, बहादुरगढ़, गुरभजन सिंह प्रधान, रणधीर सिंह, रघुबीर बाढड़ा, राम कुमार कादियान, जगबीर घासोला आदि शामिल हैं।
आंदोलनकारी नेताओं के मुताबिक, अब तक 27 किसानों की गिरफ्तारियों की जानकारी मिली है। किसान नेताओं ने किसानों का रोहतक जिले के गढ़ी सांपला में चौधरी छोटू राम स्मारक पर इकट्ठा होकर विरोध करने का आह्वान किया है। गौरतलब है कि नए कृषि क़ानूनों के विरोध में अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के आह्वान पर पंजाब और हरियाणा में किसानों का आंदोलन जारी है।
इस से पहले भाकियू चढूनी की पीपली रैली पर लाठीचार्ज से भी किसानों का गुस्सा बढ़ गया था। पिछले दिनों किसानों ने सिरसा में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास पर भी ज़बरदस्त आंदोलन किया था। भारत बंद कार्यक्रम में भी हरियाणा के किसानों की उल्लेखनीय भागीदारी रही थी। इस आंदोलन को नाकाम करने के लिए भाजपा और हरियाणा सरकार में उसकी सहयोगी जजपा भी जी-जान एक किए हुए हैं।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया:
छोटू राम जी की जन्म जयंती पर रातों रात रेड मार कर किसान नेताओं की धरपकड़ से खट्टर-मोदी सरकारों ने तानाशाही की सारी हदें पार कर ली हैं।
• किसानों ने क्या अपराध किया है?
• क्या फसल की क़ीमत माँगना अब इस देश में अपराध है?
• क्या देश का पेट पालने वाले अपराधी हैं या उनकी धरपकड़ करने वाली भाजपा सरकारें असली अपराधी हैं?
किसान नेता सरदार गुरनाम सिंह चढूनी के घर पर पुलिस रेड मारी जा रही है। किसान नेता कर्म सिंह मथाना, सत्यवान कथूरा, काला कनोह, मंदीप रतिया, सत्यवान नरवाल, प्रहलाद सिंह भारुखेड़ा को रातों रात गिरफ़्तार कर लिया गया। ये अहंकारी सरकार का जुल्म नहीं तो क्या है?
हमारी माँग है कि किसान नेताओं को रिहा करें और दिल्ली कूच कर काले क़ानूनों की वापसी की माँग उठाने दें वरना न खट्टर सरकार बचेगी, न मोदी सरकार।
अब तक गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं की जानकारी :
(जनचौक के रोविंग एडिटर धीरेश सैनी की रिपोर्ट।)
This post was last modified on November 24, 2020 4:55 pm