उत्तराखंड टनल हादसा: मजदूरों को झारखंड में ही रोजगार देने का सीएम हेमंत सोरेन ने दिया निर्देश

नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिलों के उपायुक्तों को उत्तराखंड में सिल्कयारा टनल से बचाए गए सभी 15 मजदूरों की “आजीविका मैपिंग” करने का निर्देश दिया है ताकि वे अपने गृह राज्य में काम पा सकें।

सोरेन शुक्रवार 1 दिसंबर की देर शाम दिल्ली से रांची पहुंचे जिसके बाद उन्होंने अपने आवास पर आए कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा, “जिलों के उपायुक्त एक सर्वेक्षण करेंगे और मजदूरों की आजीविका की पूरी मैपिंग करेंगे ताकि उन्हें अपने परिवार को छोड़कर दूसरे राज्यों में काम के लिए न जाना पड़े और उन्हें अपने गृह जिले में ही रोजगार मिल सके।”

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को सभी मजदूरों को राज्य और केंद्र सरकार की ओर से क्रियान्वित की जा रही अलग-अलग कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि “इन्हें 1 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं से जोड़ने की योजना है।”

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मजदूरों और उनके परिवारों को अबुआ आवास योजना के तहत लाने का भी निर्देश दिया है, जिसमें ग्रामीण बेघरों के लिए राज्य सरकार की तीन कमरों की आवास योजना, उनके माता-पिता के लिए पेंशन सुनिश्चित करना, मजदूरों को आयुष्मान कार्ड देना और साथ ही उन्हें स्वास्थ्य बीमा योजना, कृषि मशीनरी और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मनरेगा, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, पशु शेड योजना और ग्राम गाड़ी योजना के तहत नामांकित करना शामिल है।

मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी ने कहा कि, “मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह व्यक्तिगत रूप से मजदूरों के रोजगार और उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की निगरानी करेंगे और इस मोर्चे पर कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

राज्य श्रम विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने पुष्टि की कि सभी बचाए गए मजदूरों का सर्वेक्षण और आजीविका मानचित्रण करने के लिए उपायुक्तों को निर्देश जारी किए गए हैं।

शर्मा ने कहा, “उपायुक्तों को वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम को मजदूरों के घरों पर भेजकर सर्वेक्षण और आजीविका मानचित्रण जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है, जिनमें से अधिकांश दूरदराज के गांवों में स्थित हैं।”

पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि जिले के सभी मजदूरों के लिए टीमें भेजी जाएंगी। उन्होंने कहा कि पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया ब्लॉक के एक सुदूर गांव के कार्यकर्ता भक्तु मुर्मू, जिनके पिता की उनके बचाव से कुछ घंटे पहले मृत्यु हो गई थी, और टिंकू सरदार, जिनके पिता बोनू सरदार कैंसर से पीड़ित हैं, से जिला प्रशासन की टीमें मुलाकात करेंगी।

भजंत्री ने कहा “टीम में स्वास्थ्य अधिकारी भी होंगे। उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने और उनकी आजीविका की देखभाल करने के अलावा, हम उनके बुजुर्ग माता-पिता की स्वास्थ्य स्थिति को भी देखेंगे और जमशेदपुर के उन्नत अस्पतालों में उनके इलाज की व्यवस्था करेंगे।”

मजदूरों की स्थिति की निगरानी करने और सरकार को सूचित करने के लिए दुर्घटना के अगले दिन यानि 13 नवंबर को झारखंड से तीन सदस्यीय टीम को उत्तराखंड भेजा गया था।

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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