Friday, April 19, 2024

असद एनकाउंटर: ‘गोली से अगर होगा इंसाफ तो फिर अदालतों की क्या जरूरत?’

प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतीक अहमद गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा करते हुए कहा था- ‘मिट्टी में मिला दूंगा।’ सदन में सीएम योगी के इस बयान का विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने कड़ा विरोध किया था। और उन्होंने कहा था कि सीएम जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। किसी भी अपराधी को सजा देने के लिए कानून और अदालत है। अपराधी को सजा दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया का इस्तेमाल होना चाहिए न कि इस तरह की भाषा का।

अब लगभग 50 दिनों बाद झांसी पुलिस ने अतीक अहमद के बेटे असद और उसके तथाकथित शूटर मोहम्मद गुलाम का एनकाउंटर में हत्या कर दी है। पुलिस का कहना है कि वह उसे जिंदा गिरफ्तार करना चाहती थी लेकिन उसने पुलिस पर गोली चलाई और जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। लेकिन पुलिस एनकाउंटर की ‘कहानी’ से समाज का हर कोई परिचित है।

सवाल उठता है कि क्या माफिया गिरोहों को ‘मिट्टी में मिलाने’ के लिए संविधान की मर्यादा, कानून की स्थापना, अदालत की प्रक्रिया, मानवाधिकार और किसी भी आरोपी के बचाव के अधिकार को मिट्टी में मिला दिया जायेगा।

सवाल यह भी है कि क्या हम एक ‘सिविल स्टेट’ से ‘पुलिस स्टेट’ की तरफ बढ़ रहे हैं। जिसमें सत्ताधारी दल और पुलिस को यह अधिकार प्राप्त हो गया है कि वह किसी को भी अपराधी बताते हुए पुलिस एनकाउंटर (फर्जी) में मार गिरायेगी। विपक्षी दलों के नेताओं समेत मानवाधिकार संगठनों और तमाम एक्टिविस्टों ने इसका कड़ा विरोध किया है। सभी ने एक सुर में इसे हत्या करार देते हुए राज्य द्वारा कानून का उल्लंघन बताया है। इस मसले पर जनचौक ने समाज के विभिन्न लोगों से बात की।

योगी आदित्यानाथ सरकार एनकाउंटर को मानती है उपलब्धि: एसआर दारापुरी

एसआर दारापुरी (पूर्व आईजी, यूपी पुलिस) कहते हैं कि “उत्तर प्रदेश सरकार एनकाउंटर को उपलब्धि के तौर पर देखती है। गूगल पर सर्च करने पर पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में 2017 से अब तक लगभग 10713 एनकाउंटर हुए। झांसी में हुए एनकाउंटर की घटना के बाद प्रतीत होता है कि यूपी सरकार और पुलिस को कानून की बजाय गोली पर ज्यादा विश्वास है। प्रदेश एनकाउंटर स्टेट में बदलता नजर आ रहा है। यदि पुलिस ही अपराधियों को सजा सुनाकर मौत के घाट उतार देगी तो कानून और अदालतों का क्या काम?”

माफियाओं के नाम पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की रणनीति: राजीव यादव

उत्तर प्रदेश और देश के विभिन्न राज्यों में जेलों में बंद बेगुनाहों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वाले रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव कहते हैं कि “मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी आदित्यानाथ कुछ अपराधियों और माफियाओं के नाम पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने में लगे हैं। चुनाव नजदीक आने पर यह और तेज हो जाता है। आज जिस तरह से झांसी में पुलिस ने एनकाउंटर के नाम पर असद और गुलाम की हत्या की वह 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी है। भाजपा का संविधान और कानून पर विश्वास नहीं है। वह हर जगह हिंदू-मुस्लिम करके समाज को बांटने और कानून को तोड़ने में लगी है।”

पूर्वानुमान के आधार पर नहीं साक्ष्य के आधार मिलती है सजा: पंकज पुष्कर

आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता पंकज पुष्कर कहते हैं कि, “हमारे देश में किसी भी अपराधी को सजा देने के लिए एक स्थापित कानूनी प्रक्रिया है। पूर्वानुमान और धारणा के आधार पर किसी को सजा नहीं बल्कि साक्ष्य के आधार एक कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा सुनाई जाती है। यदि किसी को उस फैसले से न्याय मिलना नहीं लगता, तो ऊपरी अदालत में जाकर अपील कर सकता है। अब रही बात यूपी में एनकाउंटर राज की-तो यही कहा जा सकता है कि स्वयं सरकार ही कानून तोड़ कर किसी (जनता) से भी कानून-पालन करने की उम्मीद नहीं कर सकती। अपराधी को इस तरह से सजा देने का समाज पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।”

सच्चे मुद्दे को भटकाने के लिए झूठे एनकाउंटर: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट किया- “झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आज के व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जांच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है।“  

गोली से इंसाफ करेंगे तो फिर अदालतों को बंद कर दो: असदुद्दीन ओवैसी

अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना के निजामाबाद में कहा- “जुनैद और नसीर को जिसने मारा तुम (भाजपा) उसका भी एनकाउंटर करोगे, नहीं करोगे….इसलिए नहीं करोगे क्योंकि तुम मजहब के नाम पर एनकाउंटर करते हो। ये एनकाउंटर नहीं कानून की धज्जियां उड़ रही हैं। अगर तुम फैसला करोगे कि गोली से इंसाफ करेंगे तो फिर अदालतों को बंद कर दो।”

पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चा गर्म: मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने अतीक अहमद के बेटे व एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस एनकाउंटर पर अनेकों प्रकार की चर्चाएं गर्म हैं।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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