गन्ना किसानों का बकाया रोक कर पीएम मोदी कर रहे हैं अपना शौक पूरा: प्रियंका गांधी

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“भगवान का सौदा करता है, इंसान की कीमत क्या जाने

जो गन्ने की कीमत दे न सका,वो जान की कीमत क्या जाने।”-

उपरोक्त शायरी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बिजनौर में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए मंच पर पढ़ा। बता दें कि आज कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के बिजनौर पहुँची। बिजनौर पहुंचने से पहले हापुड़ में और भी कुछ जगह कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय जनसमूह उनके स्वागत में उमड़ा।

बिजनौर में विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, “मैं भाषण देने नहीं बातचीत करने आई हूँ। जनता और नेता के बीच एक बहुत खास रिश्ता होता है। आप हमें बनाते हैं। हम मंच पर खड़े होते हैं तो खड़े करने वाले आप हैं। आप और हमारे बीच में भरोसे का रिश्ता होता है। वो जो एक भरोसा होता है उसी के बल पर आप एक नेता को आगे बढ़ाते हैं। क्योंकि आपको विश्वास होता है कि वो नेता आपके पक्ष में बोलेगा आपकी समस्याओं की सुनवाई करेगा। आपके दुख दर्द में आपके पास आएगा। और आपका प्रतिनिधित्व वो नेता करेगा। कभी कभी दिमाग में आता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में जनता ने दो बार विश्वास क्यों जताया। इसीलिए जताया होगा कि मन में उम्मीद रही होगी। कुछ भरोसा रहा होगा उनपे कि वो आपके लिए काम करेंगे।”

कांग्रेस महासचिव ने प्रधानमंत्री मोदी के किसानों से वादाखिलाफी को याद दिलाते हुए कहा, “पहले लोकसभा चुनाव के पहले वो आपके सामने आये तो बड़ी बड़ी बातें की। करोड़ों रोज़गार के वायदे किये। फिर अगला चुनाव आया । दूसरे चुनाव में जहां-जहां गये मोदी जी वहां किसानों की बात की। बेरोज़गारी का बात की। कहा कि बेरोजगारी दूर करेंगे। किसानों से कहा कि आपकी आय दोगुनी करेंगे। ऐसी ऐसी नीतियां लायेंगे कि किसान दो गुना कमायेंगे। लेकिन क्या हुआ। असलियत तो ये है कि उनके राज में ऐसा कुछ नहीं हुआ । आप बताइये क्या आपकी कमाई दुगनी हुई है। क्या गन्ने का दाम साल 2017 से बढ़ा है। आप गन्ने के किसान हैं आप बताइये क्या गन्ने का दाम बढ़ाया इन्होंने। आपका बकाया कितना है।

आप जानते होंगे कि यूपी में गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपया बकाया है। और पूरे देश के गन्ना किसानों का बकाया देखें तो 15 हजार करोड़ रुपये है। ये देश के ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो आपका बकाया पूरा नहीं किया लेकिन अपने लिए दुनिया में भ्रमण करने के लिए इन्होंने 2 हवाई जहाज खरीदे हैं। इन दो हवाई जहाजों की कीमत 16 हजार करोड़ रुपये है। जबकि 15 हजार करोड़ रुपये में वो इस देश के एक एक गन्ना किसानों का बकाया चुका सकते थे। 20 हजार करोड़ रुपये का संसद का सौंदर्यीकरण करवा रहे हैं। 20 हजार करोड़ रुपये इंडिया गेट के सौंदर्यीकरण में खर्च कर रहे हैं। लेकिन गन्ना किसान का बकाया चुकाने के लिए पैसा नहीं है। जो भरोसा आपने किया था वो भरोसा टूट चुका है।

किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा-“ किसान पिछले 80 दिनों से पूरी ठंडी दिल्ली के बाहर सड़कों पर बैठा है। किसान विरोधी कृषि क़ानूनों को वापस कराने की मांग लेकर। और प्रधानमंत्री कहते हैं किसान की भलाई के लिए बनाये हैं कृषि क़ानून। लेकिन जब किसान कह रहा है नहीं चाहिए तो वापस क्यों नहीं लेते। क्या आपकी समझ करोड़ों किसानों से ज़्यादा है। आप कहते हैं किसान नहीं जानते क़ानून क्या है।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने कृषि क़ानूनों की कामियों को गिनाते हुए आगे कहा, “ साल 1955 में प्रधानमंत्री नेहरू ने आवश्यक वस्तु अधिनियम क़ानून बनाया क्य़ोंकि वो जमाखोरी पर पाबंदी लगाना चाहते थे। वो महँगाई पर नियंत्रण करकना चाहते थे। लेकिन इस सरकार ने नया क़ानून लाकर जमाखोरी को वैध बना दिया। नये कृषि क़ानून के आने के बाद अब कार्पोरेट और उद्योगपति चाहे जितना चाहें उतना जमाखोरी कर सकते हैं। पहले कृषि क़ानून से जमाखोरी, कालाबाज़ारी, महँगाई बढ़ेगी।

दूसरा कृषि क़ानून कार्पोरेट को मंडी खोलने की अनुमति देता है। इससे बड़ी बड़ी कार्पोरेट मंडिया खुलेंगी। सरकार सरकारी मंडियों से टैक्स लगायेगी। और कार्पोरेट मंडियों से टैक्स नहीं लगेगा। इससे सरकारी मंडिया बंद हो जायेंगी। जैसे जैसे सरकारी मंडियां बंद होगी एमएसपी बंद हो जायेगा। फिर कार्पोरेट किसानों के अनाजों की खरीद कीमत तय करेगा। तीसरा क़ानून कांट्रैक्ट खेती को बढ़ावा देता है। खरबपति आपके गांव जायेंगे। आपसे कहेंगे गन्ना उगाओ 5 सौ रुपये कुंटल देंगे। लेकिन पैदावार के बाद वो आपको कहेंगे फसल ठीक नहीं है 200 रुपये से ज़्यादा नहीं देंगे। आप कर्जा लेकर खेती करोगे। लेकिन कांट्रैक्ट करके पीछे हटने वाले कांट्रैक्ट तोड़ने वाले कार्पोरेट के खिलाफ़ आप अदालत नहीं जा पाओगे। ज़्यादा से ज़्यादा एसडीएम तक जा सकते हैं आप इस क़ानून के बाद। इस तरह ये क़ानून आपको कार्पोरेट फ्राड के खिलाफ़ अदालत जाने से रोकता है।  

कांग्रेस नेता ने कहा – “तीनों कृषि क़ानून किसानों के विरोधी हैं और इनके पूंजीपति दोस्तों के लिए बनाये गये हैं। देश देख रहा है, जनता देख रही है देश की सारी संपत्ति बिक रही है। इनके मित्र खरीद रहे हैं। इनके पूंजीपति मित्र मीडिया चला रहे हैं, चुनाव चला रहे हैं। बदले में इन्होंने हवाई अड्डे, बिजली घर, बैंक, एलआईसी सब इन्ही कार्पोरेट दोस्तों को बेच दे रहे हैं। लाखों किसान आज दिल्ली के दरवाजे पर खड़े हैं। लेकिन जो प्रधानमंत्री अमेरिका जाकर ट्रंप के लिए चुनावी रैली कर सकते हैं, चीन पाकिस्तान जा सकते हैं, दुनिया के हर देश में घूम सकते हैं। वो प्रधानमंत्री 2-3 किलोमीटर की दूरी पर धरना दे रहे किसानों की बात सुनने नहीं जा पाये। उल्टा किसानों को रोकने के लिए बिजली पानी की सप्लाई रुकवा दिया। इंटरनेट बंद कर दिया। सड़कें खुदवा दी। नुकीली कीलें और सरिया सड़कों पर गड़वा दिये। 12 लेयर की बैरिकेडिंग करके कँटीले तार लगवा दिये ताकि किसान दिल्ली के अंदर न जा सकें। क्या आप किसानों को अपना दुश्मन समझते हैं।”

कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि “ प्रधानमंत्री जी जिन्होंने आपको सत्ता दी उनका आदर कीजिए। किसान आपको रोटी दे रहा है। किसान का बेटा प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगा है। और आपके लोग किसानों को खालिस्तानी, आतंकवादी बता रहे हैं। 7 साल में जितना वादा किया आपने सब तोड़ दिया। किसान की कमर तोड़ दी। गरीबों की मदद नहीं की। छोटे उद्योगों को चौपट कर दिया।

संबोधन के आखिर में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, “आपकी लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का हर कार्यकर्ता आपके साथ है। मैं और मेरे भाई राहुल गांधी आपके साथ हैं। जब आप संकट में होंगे मैं आपके पास आऊँगी। सदन में किसानों की शहादत का सत्ता पक्ष ने अपमान किया है। कांग्रेस ने शहीद किसानों की शहादत के लिए 2 मिनट का मौन रखा तो उनका मजाक उड़ाया गया। किसानों की बात करने के लिए राहुल गांधी का मजाक उड़ाया गया। लेकिन मैं और मेरे भाई और कांग्रेस के हर नेता, हर कार्यकर्ता आपके साथ हैं।

कार्यक्रम के आखिर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए 216 किसानों की याद में पूरी महापंचायत को 2 मिनट का मौन रखवाया। 

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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