झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में देशव्यापी आलोचना और पक्षपात के आरोपों के बाद पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ है नतीजतन उसने अब अदालत में दाखिल पूरक चार्जशीट में हत्या की धारा 302 को भी जोड़ दिया है। यानि आरोपियों पर अब हत्या का मुकदमा चलेगा। इस संबंध में पुलिस ने बुधवार को न्यायालय में आरोपी विक्रम मंडल व अतुल माहली के विरुद्ध पूरक चार्जशीट दाखिल की। पुलिस ने इससे पूर्व 13 आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में धारा 304 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। अब धारा 304 को बदलकर पुनः पूरक चार्जशीट दाखिल करते हुए उसे धारा 302 कर दिया है। अब सभी 13 आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147/149/341/342/323/302/295अ के तहत मुकदमा चलेगा।
तबरेज अंसारी की मौत के मामले में प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू, भीमसेन मंडल, कमल महतो, सोनामो प्रधान, प्रेमचंद माहली, सुमन्त महतो, मदन नायक,चामू नायक, महेश माहली, कुशल माहली, सत्यनारायण नायक, विक्रम मंडल व अतुल माहली गिरफ्तार हुए हैं। जबकि अब भी कई आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं जो घटना के दौरान मौजूद थे या घटना में शामिल थे। पुलिस द्वारा बताया गया कि धातकीडीह मामले में मृतक तबरेज अंसारी की ग्रामीणों द्वारा की जा रही पिटाई व जय श्री राम का नारा लगाते हुए जो वीडियो वायरल हुआ था उस वीडियो की जांच की गयी जिसमें वीडियो के अखंडता में कोई छेड़छाड़ नहीं पाया गया। यानी घटना को लेकर जारी वीडियो पूर्णत: सच है।
तबरेज अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया था और बिसरा रिपार्ट भी नेगेटिव था। तबरेज की मौत घटना स्थल पर नहीं हुई थी बल्कि उसकी गिरफ्तारी के चार दिन बाद जेल में हुई थी। इन सभी रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने न्यायालय में भादवि की धारा 304 के तहत चार्जशीट दायर की थी, जिसे पूरक चार्जशीट दाखिल करते हुए 302 कर दिया गया। पुलिस ने महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर (एमजीएम अस्पताल) के विशेषज्ञों की राय मिलने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ फिर से आरोप पत्र में 302 लगाने का निर्णय लिया गया क्योंकि उनकी रिपोर्ट में कहा गया था कि तबरेज को कार्डियक अरेस्ट उसे हड्डियों में लगी चोट और हृदय में खून एकत्रित होने के कारण हुआ।
17 जून 2019 की रात तबरेज और दो अन्य लोगों पर धातकीडीह गांव में एक मकान में चोरी के इरादे से घुसने का आरोप लगाया गया। इसके बाद, मकान में रहने वाले लोगों ने शोर मचाया और ग्रामीणों ने तबरेज को पकड़ लिया तथा उसकी जमकर पिटाई की। घटना की सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की शिकायत पर तबरेज को जेल ले गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लेकिन चोटों के चलते उसकी तबियत बिगड़ने पर उसी दिन उसे सदर अस्पताल ले जाया गया। बाद में उसे जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उसे 22 जून को मृत घोषित कर दिया गया। घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया और कर्तव्य में लापरवाही बरतने को लेकर दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।
तबरेज की मृत्यु के बाद पत्नी सहस्तिा परबीन ने थाना में धातकीडीह के पप्पू मंडल व अन्य 100 ग्रामीणों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने धारा147/149/341/342/323/302/295अ आईपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए 11 आरोपियों को 72 घन्टे के अंदर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जबकि अन्य दो आरोपियों ने आत्मसमर्पण किया। इससे पहले अपराध विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में तबरेज की मौत का कारण सिर्फ दिल का दौरा पड़ना बताया गया था, जिसके आधार पर पुलिस ने इस मामले में पहले 11 आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में हत्या की धारा 302 के स्थान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 लगाई थी जिसका आशय था कि हत्या गैर इरादतन थी।
(वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)
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