Saturday, September 30, 2023

पवार ने भी दी लोया मामले की जांच पर सहमति

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में नवगठित उद्धव सरकार जज लोया मामले की जांच करा सकती है। बताया जा रहा है कि सूबे में तीन दलों की बनी महा विकास अघाड़ी सरकार पर इसका दबाव बढ़ता जा रहा है। फ्री प्रेस जर्नल पोर्टल की मानें तो सीएम उद्धव ठाकरे ने इसका मन बना लिया है। साथ ही सरकार के पैट्रन की भूमिका निभाने वाले शरद पावर ने भी एक टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में इसका संकेत दिया है।

स्क्रोल के हवाले से आयी जानकारी के मुताबिक सोमवार को एनसीपी मुखिया शरद पवार ने एक मराठी न्यूज चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा कि अगर कोई मांग की जाती है या फिर उसकी जरूरत होती है तो जज बीएच लोया के मौत के मामले की फिर से जांच की जा सकती है। उन्होंने कहा कि “अगर इसकी कोई मांग है तो किसी को जरूर इसके बारे में सोचना चाहिए। वो किस आधार पर इसकी मांग कर रहे हैं और इसमें क्या सच्चाई है। इन सब की जांच होनी चाहिए। अगर इसमें कुछ है तो फिर से इसकी जांच की जा सकती है। अगर नहीं है तो फिर किसी के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाना उचित नहीं है।”

इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी की बात से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि “मुझे नहीं पता, मैंने पेपर में किसी आर्टिकिल में पढ़ा कि मौत (जज लोया की मौत) की जांच करने को लेकर महाराष्ट्र के लोगों में बहस चल रही है।”

गौरतलब है कि जज लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में नागपुर स्थित रविभवन में मौत हो गयी थी। दि कारवां में उससे संबंधित स्टोरी प्रकाशित होने के बाद पूरे देश में बवाल मच गया था। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा लेकिन कोर्ट जांच का आदेश देने से इंकार कर दिया। हालांकि ज्यादातर लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं थे। आपको बता दें कि जज लोया अपनी मौत के समय सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। जिसमें मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह मुख्य आरोपी थे।

इसके पहले भी उद्धव ठाकरे इस मसले पर बोल चुके हैं। जनवरी 2018 में उद्धव ठाकरे ने लोया मामले में जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कांफ्रेंस की घटना के बाद उन्होंने कहा था कि “अगर कोई यह महसूस करता है कि मौत संदिग्ध है और जांच के लिए कोर्ट से संपर्क करता है तो निष्पक्ष जांच की जरूरत इसलिए हो जाती है जिससे सच को बाहर ले आया जा सके। जस्टिस लोया की मौत में सच को सामने लाना बहुत जरूरी है और अगर इस मामले में कुछ भी गलत नहीं है तो किसी को जांच बैठाने पर भला क्यों आपत्ति होनी चाहिए?”

यहां तक कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को केस को फिर से खोलने की मांग की। दिग्विजय सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा कि “जस्टिस लोया की बहन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। अब हमारे पास महाराष्ट्र में एक गैर बीजेपी सरकार है। वह सरकार क्यों नहीं एक एसआईटी बैठा सकती है जो एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग के निर्देशन में जांच करे। इसके लिए सरकार एक पूरा समय तय कर सकती है।”

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