नई दिल्ली। मणिपुर मामले में एक नया मोड़ आ गया है। हमले की शिकार एक पीड़िता ने बताया है कि पुलिस हमलावर भीड़ का हिस्सा थी और बचाने की जगह उसने उसको यानि पीड़िता को पकड़कर भीड़ के हवाले कर दिया था। जबकि थाने में दर्ज एफआईआर में पुलिस द्वारा पीड़िता को पहले बचाए जाने और फिर भीड़ द्वारा उसके हाथ से जबरन छुड़ाए जाने की बात कही गयी है।
पीड़ित महिला ने कहा कि “भीड़ के साथ पुलिस भी हमारे गांव में आई थी। हमारे घर के पास से पुलिस ने हमें उठाया था, और घर से कुछ दूर ले जाकर हमें सड़क पर भीड़ के आगे छोड़ दिया था।”
आज इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कम उम्र की पीड़िता ने अपनी पूरी आपबीती सुनायी। फोन पर हुई इस बातचीत में उसने जो बताया वह पुलिस में दर्ज बयान से बिल्कुल भिन्न है। पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि “पुलिस उस भीड़ के साथ आई थी जिसने हमारे गांव पर हमला किया था। पुलिस ने हमें घर के पास से उठाया और गांव से थोड़ी दूर ले जाकर सड़क पर भीड़ के साथ छोड़ दिया”। अपनी शिकायत में, पीड़िता ने कहा था कि उनमें से पांच लोग एक साथ थे: वीडियो में दिखाई देने वाली दो महिलाएं, 50 साल की एक अन्य महिला जिसे कथित तौर पर निर्वस्त्र कर दिया गया था, और सबसे छोटी महिला के पिता और भाई, जिनके बारे में उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें भीड़ ने मार डाला था।
उन्होंने कहा, “सभी पुरुषों के मारे जाने के बाद, और भीड़ ने वही किया उसे जो करना था, हम वहीं रह गए और भाग निकले।”
उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को घटना को कैद करने वाले किसी वीडियो के बारे में जानकारी नहीं है, जिसके प्रसार से राष्ट्रीय आक्रोश फैल गया और राज्य सरकार और पुलिस को एफआईआर दर्ज होने के दो महीने बाद कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
“यहां मणिपुर में कोई इंटरनेट नहीं है, हमें नहीं जान पाएंगे,” उसने कहा।
उसने बताया कि वहां ढेर सारे पुरुष भीड़ के हिस्से थे लेकिन उनमें से कुछ को वह पहचान सकती है। उसमें एक वह भी शख्स शामिल है जो उसके भाई का मित्र था।
इसके पहले जो खबर आयी थी उसमें कहा गया था उसके मुताबिक शिकायत में पीड़ितों का कहना था कि कांगपोकपी जिले में उनके गांव पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था। हमले से बचने के लिए वे सभी जंगल की ओर भाग गए थे और बाद में थौबल पुलिस ने उन्हें हमले से बचाया था। जब उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था, तो भीड़ ने रास्ते में ही उन्हें आगे जाने से रोक दिया था। थाने से लगभग दो किलोमीटर दूर भीड़ द्वारा उन्हें पुलिस हिरासत से अपनी गिरफ्त में ले लिया गया था। लेकिन पीड़िता के इस नये खुलासे के बाद कहानी बिल्कुल दूसरी हो गयी है।
कल रात ही वह वीडियो सामने आ गया था जिसके बाद पूरे देश में हंगामा हो गया। उक्त वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र अवस्था में जबरन परेड कराते देखा जा सकता है। इस भीड़ में कुछ लोग महिला के शरीर को जगह-जगह हाथ लगा रहे थे। कुछ लोगों को दोनों महिलाओं को खेत की ओर खींचते और उनके साथ बलात छेड़छाड़ की हरकत करते देखा जा सकता है। इनमें से एक 20 और दूसरी 40+ वर्ष की महिला नजर आ रही हैं। 18 मई को पुलिस में दर्ज शिकायत में पीड़िताओं का यह भी आरोप था कि युवा महिला के साथ “दिनदहाड़े बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया गया”।
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