अंबानी और आरएसएस नेता की फाइल क्लियर करने के लिये मुझे 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई: सत्यपाल मलिक

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“जब मैं जम्मू कश्मीर के गवर्नर के पद पर था तब अंबानी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक से जुड़े एक युवक की फाइल को क्लियर करने के एवज में मुझे 300 करोड़ रुपए की घूस की पेशकश की गई थी” यह दावा किया है जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने।

राजस्थान के झुंझुनू में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाते हुये कहा है कि “कश्मीर जाने के बाद मेरे पास दो फाइलें आईं। एक अंबानी की फाइल थी और दूसरी आरएसएस से जुड़े एक शख्स की थी जो पिछली महबूबा मुफ्ती और बीजेपी की गठबंधन सरकार में मंत्री थे। वो पीएम मोदी के भी बेहद क़रीबी थे।’

उन्होंने आगे कहा कि ” मुझे सचिवों ने सूचना दी कि इसमें घोटाला है और फिर मैंने बारी-बारी से दोनों डील रद्द कर दिये। सचिवों ने मुझसे कहा कि दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपए दिये जाएंगे। लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं पांच कुर्ता-पैजामे के साथ आया हूं और सिर्फ़ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा।”

सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि ” एहतियात के तौर पर मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय लेकर उन्हें इन दोनों फाइलों के बारे में बताया तथा यह भी कहा कि जो लोग इसमें शामिल हैं वो उनका नाम ले रहे हैं। मैंने उनसे सीधे कहा कि मैं पद से हटने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं इन फाइलों को हरी झंडी नहीं दूंगा।”

सत्यपाल मलिक ने यह दावा करते हुए प्रधानमंत्री की तारीफ भी की कि उन्होंने उनसे कहा कि वो भ्रष्टाचार से समझौता ना करें। हालांकि उन्होंने दोनों फाइलों के बारे में विस्तार से नहीं बताया। पर संभवतः राज्यपाल सत्यपाल मलिक सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और पत्रकारों के लिए लाए गए एक ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी एक फाइल का जिक्र कर रहे थे। जिसके लिए सरकार ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से डील की थी।

बता दें कि अक्टूबर 2018 में जब सत्यपाल मलिक जम्मू और कश्मीर के गवर्नर थे तब उन्होंने कुछ गड़बड़ी के अंदेशे को देखते हुए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ यह डील कैंसिल कर दी थी। दो दिन बाद गवर्नर ने एंटी-करप्शन ब्यूरो को इस डील की जानकारी देते हुए कहा था कि वो इस कॉन्ट्रैक्ट की तह तक जांच-पड़ताल करे कि क्या इसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ है?

सत्यपाल मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि इस देश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार कश्मीर में है। पूरे देश में 4-5 प्रतिशत कमीशन मांगा जाता है लेकिन कश्मीर में 15 प्रतिशत कमीशन मांगा जाता है।

मेघालय के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में 11 महीने से जारी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि अगर उनका आंदोलन जारी रहता है तो वो अपना पद त्याग कर किसानों के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि – “अगर किसानों का प्रदर्शन जारी रहा, तो मैं अपना पद छोड़ दूंगा और बिना किसी की परवाह किये उनके साथ खड़ा हो जाऊंगा। यह संभव है क्योंकि मैंने अब तक कुछ भी गलत नहीं किया है। मैं संतुष्ट हूं कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया।”

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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