अमेरिका ने खत्म किए डब्ल्यूएचओ के साथ अपने रिश्ते

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अपना नाता तोड़ लिया है। इसकी घोषणा कल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन का पूरी तरह से नियंत्रण है और वह उसी के इशारे पर काम कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि उनका देश डब्ल्यूएचओ के साथ अपने रिश्ते को स्थाई तौर पर खत्म कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि डब्ल्यूएचओ को अमेरिका की ओर से मिलने वाले फंड अब दूसरे संगठनों को दिए जाएंगे।

इसके साथ ही हांगकांग से जुड़ी अपनी नीति पर फिर से विचार करने का उन्होंने संकेत दे दिया है। और इसके लिए जरूरी प्रस्ताव को तैयार करने के लिए प्रशासन को निर्देश भी दे दिए गए हैं। 

उन्होंने कहा कि “हम विदेश विभाग के यात्रा संबंधी निर्देशों की समीक्षा कर रहे हैं जिसमें चीनी सुरक्षा और खुफिया निगरानी के बढ़ते खतरों की बात परिलक्षित होगी “

ये बातें उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहीं। उन्होंने कहा कि “चीन प्रति वर्ष केवल 40 मिलियन डालर देकर डब्ल्यूएचओ पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है जबकि अमेरिका उसके मुकाबले तकरीबन 450 मिलियन डालर अदा करता है। लेकिन डब्ल्यूएचओ अपेक्षाओं और जरूरतों को पूरा करने में नाकाम रहा। इसलिए हम डब्ल्यूएचओ के साथ अपने रिश्तों को खत्म कर रहे हैं।”

ट्रंप का यह बयान उस धमकी के एक हफ्ते बाद आया है जिसमें उन्होंने 30 दिन के भीतर अपने अंदर सुधार न लाने पर डब्ल्यूएचओ की पूरी फंडिंग को रोक देने की बात कही थी। साथ ही यह भी कहा था कि वे अमेरिका की डब्ल्यूएचओ सदस्यता पर पुनर्विचार करेंगे।

ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर चीनी दुष्प्रचार को फैलाने में सहयोग देने का आरोप लगाकर उसको मुहैया कराए जाने वाले फंड को पिछले महीने ही निलंबित कर दिया था। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने अमेरिका के इस आरोप को खारिज कर दिया था। और चीन ने भी कहा था कि वह पूरी तरह से खुला और पारदर्शी है।

हांगकांग के लिए नये राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक संबंधी चीनी प्रस्ताव को खारिज करते हुए उसने कुछ कार्रवाइयों की घोषणा की है। ट्रंप ने चीन की इस पहल को उन श्रृंखलाबद्ध कड़ियों का सबसे हालिया उपाय बताया है जिनके जरिये उसने शहर की बेहद पुरानी और उसकी महान पहचान को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह हांककांग के लोगों, चीन के लोगों और पूरी दुनिया के लोगों के लिए एक त्रासदी है।    

ट्रंप ने कहा कि चीन ने एक देश, दो व्यवस्था के अपने वादे को एक देश और एक व्यवस्था के जरिये प्रतिस्थापित कर दिया है।

इसके साथ ही ट्रंप ने अपने रिसर्च संबंधी खोजों को भी चीन द्वारा चुराए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चीन लगातार अवैध खुफिया तरीके से अमेरिका की उद्योगों से जुड़ी गोपनीय चीजों को चुराने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने उन कुछ खास चीनी नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी जिन्हें संभावित सुरक्षा खतरे के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि देश के विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण खोजों को सुरक्षित रखने के लिए यह बेहद जरूरी था।

इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कहा था कि वह चीन से हांगकांग की स्वायत्तता के प्रावधान को अब खारिज करता है जिसका कि उसने 1997 में ब्रिटेन द्वारा चीन को उसे सौंपे जाने के समय वादा किया था।

( ज्यादातर इनपुट इंडियन एक्सप्रेस से लिए गए हैं।)

You May Also Like

More From Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments