सुनने में यह विचित्र लग सकता है। अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के बारे में कल तक देश यही जानता था कि भारतीय मूल की यह वैज्ञानिक पिछले कई वर्षों से अन्तरिक्ष की सैर पर हैं। बीच में कुछ ऐसा हुआ कि उनकी धरती पर वापसी की सभी तारीखें किसी न किसी कारण से खटाई में पड़ती जा रही थीं। ऐसे में सुनीता और उनके साथी की अन्तरिक्ष में क्या स्थिति है और उनका शेष जीवन सुरक्षित भी है या नहीं, इसको लेकर कई आशंकाएं बनी हुई थीं।
एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स के प्रयास भी हाल के दिनों में विफल साबित हुए थे। लेकिन फिर खबर आई कि अंततः यह सफल रहा और दो दिन पहले सुनीता विलियम्स को स्पेस शटल से स्थानापन्न किया जा सका, और आज सुबह वे सही सलामत अमेरिका के स्पेस प्रक्षेपण केंद्र में लौट चुकी हैं।
अमेरिका में इसको लेकर जितना हर्ष और उल्लास है, उससे कई गुना शोर भारत में छाया हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बधाई संदेश ऐसे मामलों में सबसे पहले आता है, जिसके बाद बीजेपी के आईटी सेल के एक बार सक्रिय हो जाने पर वही विषय सोशल मीडिया, गोदी मीडिया से निकल आम चर्चा के केंद्र में हो जाता है।
यह अब हमारी परिपाटी बन चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश भी इसी कड़ी का हिस्सा है। लेकिन सुनीता विलियम्स के साथ खुद को जोड़कर खुद को भी सुर्ख़ियों में डालने की यह कला इस बार कुछ उलटी पड़ती दिख रही है। इसके पीछे की वजह कल तक देश में कुछ ही लोगों को पता थी, लेकिन सुनीता विलियम्स की सकुशल वापसी बधाइयों के अंबार ने इस सूचना को भी अब आम लोगों के बीच कौतुहल और आश्चर्य का विषय बना दिया है।
कल तक यह जानकारी शायद ही कुछ लोगों को थी कि सुनीता विलियम्स और गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पंड्या आपस में पारिवारिक रिश्ते में जुड़े हैं। कहाँ गुजराती पंड्या और विलियम्स? लेकिन अब विभिन्न स्रोतों और पुराने समाचारपत्रों की कटिंग से साफ़ हो चुका है कि सुनीता हरेन पंड्या की चचेरी बहन हैं। अब ये हरेन पंड्या कौन थे? 1998 में केशुभाई पटेल के मंत्रिमंडल में हरेन पंड्या राज्य के गृहमंत्री बनाये गये थे, और उनका यह कार्यकाल अक्टूबर 2001 तक जारी रहा।
बाद में केशुभाई पटेल की अस्वस्थता के मद्देनजर बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार सौंपा, जिसमें हरेन पंड्या को अक्टूबर 2001 में राजस्व राज्य मंत्री का पदभार दिया गया, और यह सफर 13 अगस्त 2002 तक चला। इस बीच फरवरी 2002 में गुजरात दंगे हुए, जो गोधरा ट्रेन कांड से शुरू होकर हजारों मुस्लिमों के सफाए और अंततः मुस्लिम समुदाय के घेटोआइजेशन का पहला सफल मॉडल बनकर उभरा।
यह कहानी बेहद दिलचस्प लेकिन साथ ही रोंगटे खड़े कर देने वाली भी है, जिसे गुजरात दंगों की कई कहानियों के बीच दबा दिया गया, लेकिन सुनीता विलियम्स के वैश्विक स्तर पर चर्चा में आने की वजह से उसके जीवन के इस अछूते पहलू पर भी सोशल मीडिया और कांग्रेस पार्टी के मीडिया सेल ने सबका ध्यान आकृष्ट कर दिया है।
सोशल मीडिया पर कांग्रेस हैंडल में केरल कांग्रेस का हैंडल हमेशा सबसे अधिक मुस्तैद रहता है। केरल कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर सुनीता विलियम्स के नाम पीएम नरेंद्र मोदी के पत्र का हवाला देते हुए लिखा है, “मोदी ने सुनीता विलियम्स को एक पत्र लिखा है, और इस बात की पूरी संभावना है कि वे इसे कूड़ेदान में डाल देंगी। क्यों?
क्योंकि वे हरेन पांड्या की चचेरी बहन हैं। हरेन पांड्या गुजरात के गृह मंत्री थे, जिन्होंने मोदी को चुनौती दी थी, और गुजरात दंगों में मोदी की भूमिका के बारे में उन्होंने न्यायमूर्ति वीआर कृष्णय्यर को अपना गुप्त बयान दिया था, जिसके बाद “मॉर्निंग वॉक” के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। पांड्या की मौत के बाद भी कई सिलसिलेवार हत्याएं हुईं, जिनका अंत न्यायमूर्ति लोया की हत्या में जाकर हुआ।
भले ही वे 2007 में सबसे प्रसिद्ध अनिवासी गुजराती रही हों, लेकिन तब मोदी ने उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया था, लेकिन आज वे दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि उन्हें उनकी परवाह है।”
इस पोस्ट के साथ केरल कांग्रेस ने अंग्रेजी अख़बार द टेलीग्राफ की खबर का हवाला दिया है, जिसमें सुनीता विलियम्स की अन्तरिक्ष से लौटने के बाद गुजरात यात्रा का जिक्र है।
आज पीएम मोदी का सुनीता विलियम्स के नाम 1 मार्च को लिखा पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें उन्होंने स्पेस से सुनीता की सकुशल वापसी के बाद भारत की यात्रा करने का आग्रह किया था।
इस पर एक सोशल मीडिया यूजर ने गोदी मीडिया को लेकर एक बेहद मौजूं प्रश्न अपनी पोस्ट में किया है, “और अंततः जब सुनीता विलियम्स भारत आएंगी, तो कुछ गोदी मीडिया के रिपोर्टर उनसे पहला सवाल यही पूछेंगे – औरंगजेब के बारे में आपके क्या विचार हैं?”
यही हमारी वास्तविकता बन चुकी है। पूरी दुनिया में आज के दिन पड़ोसी देश चीनी की BYD इलेक्ट्रिक कार की 5 मिनट के भीतर 400 किमी तक की चार्जिंग की क्षमता को लेकर चर्चा है। हाल ही में BYD ने Yangwang U8 इलेक्ट्रिक SUV के लिए 1000KW सुपर चार्जर लॉन्च किया है, जो मात्र 5 मिनट के भीतर 407KM की चार्जिंग देता है! चीन आज ईवी, सोलर और AI टेक्नोलॉजी में अमेरिकी दबदबे को कड़ी चुनौती पेश कर रहा है, जिसके चलते एलन मस्क सहित अमेरिका की तमाम टेक कंपनियों की संपत्ति में रोज नई गिरावट देखने को मिल रही है। लेकिन भारत की संसद में अभी भी कुंभ के महात्म्य पर देश के प्रधानमंत्री तो महराष्ट्र जैसे औद्योगिक राज्य में भाजपा सरकार की अगुआई में दक्षिणपंथी हिंदुत्ववादी संगठन आम लोगों को 318 साल पुरानी औरंगजेब की कब्र को बुलडोज होते देखने के लिए उकसाने में व्यस्त है।।
ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि क्या एक अमेरिकी वैज्ञानिक, जो गुजरात और भारत की वजह से नहीं बल्कि अमेरिकी शिक्षा और वहां पर उपलब्ध अवसरों का उपयोग कर आज विश्व में ख्याति अर्जित कर रही है, को याद कर हमारे नेता देश का कितना भला करने जा रहे हैं? या इस वाहवाही के पीछे भी अपने लिए ही सुर्खियाँ बटोरने का सस्ता तरीका अपनाया जा रहा है? गुजरात के साथ सुनीता विलियम्स की यादें कितनी सुखद/दुःखद हैं, क्या इसका खुलासा भी भविष्य में हो सकता है?
(रविंद्र पटवाल जनचौक संपादकीय टीम के सदस्य हैं)
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