नई दिल्ली। जामिया विश्वविद्यालय की हिंसक घटना के बाद आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के सामने प्रदर्शन शुरू हो गया है। जिसमें हजारों की संख्या में लोग भाग ले रहे हैं।

इसके पहले आज नागरिकता अधिनियम के खिलाफ जामिया में हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर उतरे। उनके प्रदर्शन पर पुलिस ने केवल बर्बर लाठीचार्ज किया बल्कि गोलियां भी चलायीं। इसमें कुछ के मरने की भी आशंका जतायी जा रही है। ओखला इलाके के एक प्रत्यक्षदर्शी ने जनचौक को बताया कि चार लोगों को गोली लगी है। अभी तक किसी तरह के किसी जान के नुकसान की खबर नहीं आयी है। लेकिन लोगों को गोली लगी है इसकी तस्वीरें ही नहीं बल्कि वीडियो भी वायरल हो चुके हैं।
जामिया के चीफ प्राक्टर का बयान भी सामने आ चुका है जिसमें उन्होंने कहा है कि पुलिस बगैर विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के परिसर में घुस गयी। साथ ही उन्होंने ट्वीट में यह भी कहा है कि न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों को भी पुलिस ने बर्बर तरीके से पीटा है। उन्होंने ट्वीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, लेफ्टिनेंट गवर्नर और दिल्ली के कमिश्नर को टैग किया है।

बताया जा रहा है कि कैंपस में घुसने के बाद पुलिस परिसर में स्थित मस्जिद में घुस गयी और वहां छुपे छात्रों की उसने जमकर पिटाई की। खाकीवर्दीधारियों ने महिला छात्रावास तक को नहीं बख्शा। बताया जा रहा है कि पुलिस छात्रावास में घुसकर महिलाओं की भी पिटाई की है। इससे जुड़ा एक वीडियो सामने आया है जिसमें छात्राओं को डेस्क के भीतर छुपकर अपनी जान बचाने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है।
उधर टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइसेंज में भी छात्रों ने जामिया में छात्रों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में कैंडल मार्च निकाला। इसमें छात्रों के साथ भारी तादाद में छात्राओं ने भी हिस्सा लिया।
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