बिट्टू बजरंगी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, नूंह यात्रा के दौरान पुलिस से हथियार छीनने का आरोप

नई दिल्ली/फरीदाबाद। बिट्टू बजरंगी को नूंह पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। नूंह हिंसा मामले में वह आरोपी है। उसकी गिरफ्तारी के एक कथित वायरल वीडियो में सादे कपड़ों में 20 से अधिक अधिकारियों की एक टीम लाठियों से लैस होकर, बजरंगी को फरीदाबाद के डबुआ में उसके घर से पीछा कर रही है। उसे भागने की कोशिश करते देखा गया लेकिन टीम ने उसे पकड़ लिया। उस पर सरकारी काम में बाधा डालने, हथियार छीनने और पुलिस से दुर्व्यहार करने का आरोप है। बिट्टू बजरंगी गौरक्षा बजरंग फोर्स का नेता है और उसका असली नाम राज कुमार है।

नूंह पुलिस के मुताबिक 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद सदर थाने में आईपीसी (IPC) की धारा 148,149, 332, 353, 186, 395, 397, 506 और आर्म्स एक्ट के तहत एसीपी उषा कुंडू की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में उस पर एक लोक सेवक को कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग; सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य करने से रोकने के लिए स्वेच्छा से नुकसान पहुंचाना; दंगा करने का आरोप है। और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत दर्ज एफआईआर में 15-20 अन्य व्यक्तियों के भी नाम हैं।

नूंह में ब्रजमंडल यात्रा से पहले बिट्‌टू बजरंगी ने कई भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर डाले थे। इस मामले में उस पर केस दर्ज हुआ था। हालांकि उसे जमानत पर छोड़ दिया गया था। इसके बाद से बिट्‌टू की गिरफ्तारी के लिए सोशल मीडिया पर मांग की जा रही थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बिट्‌टू को नूंह जिले के तावडू थाने की क्राइम इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (CIA) ने गिरफ्तार किया है।

नूंह हिंसा से पहले बिट्‌टू बजरंगी का वीडियो वायरल हुआ था

31 जुलाई से पहले सोशल मीडिया पर बिट्‌टू बजरंगी का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें बिट्‌टू ने कहा, “उनको पूरी लोकेशन दे दो, मैं कहां-कहां आ रहा हूं। नहीं तो बाद में बोलेंगे, बताया नहीं कि हम आए और मुलाकात नहीं हुई। इसलिए हम पूरी लोकेशन दे रहे हैं। हमारे लिए फूल माला तैयार रखना।”

वीडियो के दौरान बिट्‌टू बजरंगी अपने समर्थकों को भी दिखाता है। बिट्‌टू बजरंगी कहता है कि वह इस वक्त फरीदाबाद के पाली में है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बिट्‌टू का ये वीडियो हिंसा वाले दिन यानी 31 जुलाई की सुबह का है।

पुलिस ने बताया कि टीम ने बिट्टू बजरंगी से उस हिंसा के संबंध में पूछताछ की, जिसमें नूंह और गुड़गांव में छह लोगों की मौत हो गई थी।

नूंह हिंसा मामले में एएसपी की शिकायत में कहा गया है, “31 जुलाई को, जलाभिषेक यात्रा के लिए कानून व्यवस्था बनाए रखने से संबंधित अपने कर्तव्यों के दौरान, दोपहर लगभग 12.30 बजे, नलहर मंदिर से 300 मीटर दूर, मुझे 15-20 व्यक्तियों का एक समूह मिला जो मंदिर की ओर जा रहे थे। हमने लोगों से यात्रा के दौरान हथियार नहीं ले जाने को कहा था और शांति समिति की बैठक के दौरान आयोजकों से यह बात दोहराई गई थी।”

“उनमें से कुछ के पास तलवारें और त्रिशूल जैसे हथियार थे। अपने कर्मचारियों की सहायता से, मैं उन्हें इन हथियारों का उपयोग करने और नुकसान पहुंचाने से रोकने में कामयाब रहा। शिकायत में कहा गया है, सोशल मीडिया के जरिए पहचाने गए एक व्यक्ति बिट्टू बजरंगी ने अपने साथियों के साथ मिलकर मेरे साथी पुलिस अधिकारियों और मुझसे ये हथियार छीनने का प्रयास किया।

“हमने पुलिस बल की मदद से इन हथियारों को जब्त कर लिया और उन्हें अपने आधिकारिक वाहन में ले आए। इसके बाद बजरंगी और उसके साथी मेरे आधिकारिक वाहन के सामने बैठ गए और पुलिस के खिलाफ नारे लगाने लगे… (उन्होंने) पीछे की खिड़की तोड़ दी… जब्त किए गए हथियार छीन लिए और पुलिस अधिकारियों को धमकी दी। उन्होंने अवैध हथियारों और धमकी भरे व्यवहार का इस्तेमाल करके कानून के खिलाफ काम किया।”

फ़रीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता सूबे सिंह ने कहा कि पुलिस उसके साथियों की पहचान करने के लिए वीडियो देख रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में फरीदाबाद साइबर पुलिस सोशल मीडिया पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा, “अगर किसी भी जाति/धर्म/समुदाय का कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर भड़काऊ भाषण या सामग्री पोस्ट करता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

पुलिस ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में, बिट्टू बजरंगी को 31 जुलाई की सुबह पोस्ट किए गए एक वीडियो के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस मामले में डबुआ थाने में आईपीसी की धारा 295ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

एफआईआर में कहा गया है, “बिट्टू बजरंगी ने सोशल मीडिया के जरिए फेसबुक पर लाइव आकर एक वीडियो बनाया…धार्मिक उन्माद पैदा करने के लिए वह एक खास समुदाय को भड़का रहा था…”

बिट्टू बजरंगी पर जिले में हेट स्पीट देकर समाज में घृणा फैलाने के कई मामलों में एफआईआर हुए हैं। वह गौरक्षा बजरंग फोर्स का फ़रीदाबाद प्रमुख है। जिले में हेट स्पीच देने से संबंधित कई एफआईआर में कथित तौर पर एक समुदाय के खिलाफ गालियां देने के वीडियो जारी करने का आरोप है। पुलिस ने उसके खिलाफ फरीदाबाद के धौज और मुजेसर पुलिस स्टेशनों में भी एफआईआर दर्ज की है।

4 जुलाई को दर्ज की गई एफआईआर में से एक में कहा गया है, “बिट्टू बजरंगी अपने वीडियो में धार्मिक उन्माद भड़काने के लिए अपने साथी संगठनों को विशेष समुदाय के खिलाफ इकट्ठा होने के लिए उकसा रहा है।”

उनका नाम फ़रीदाबाद के एक व्यक्ति की शिकायत में भी शामिल किया गया था, जिसने आरोप लगाया था कि बिट्टू बजरंगी और अन्य लोग गौरक्षा के बहाने उसके मवेशी ले गए थे।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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