नई दिल्ली। सरकार चाहे किसी की भी हो पुलिस का चरित्र एक है वह कभी नहीं बदलता। झारखंड में इसका खामियाजा एक पत्रकार को भुगतना पड़ा है। यहां स्वतंत्र पत्रकार आनंद दत्ता अपनी पत्नी के साथ सब्जी मार्केट में सब्जी खरीदने गए थे और वह पुलिस के कोपभाजन का शिकार हो गए। पुलिस के जवानों ने न केवल उनकी पिटाई की बल्कि उनके साथ बदतमीजी भी की। मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
स्वतंत्र पत्रकार आनंद दत्ता झारखंड में कई वर्षों से स्वतंत्र पत्रकारिता कर रहे हैं और झारखंड की जमीनी हकीकत को सामने ला रहे हैं। इनकी कई रिपोर्टों पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट में उठाये गयी समस्याओं के समाधान के लिए जिला उपायुक्तों को आदेश दिया है। ये वर्तमान में ThePrint Hindi Gaon Connection और न्यूज़क्लिक हिंदी में बतौर स्वतंत्र रिपोर्टिंग करते हैं।

स्वतंत्र पत्रकार आनंद दत्ता कल शाम को अपनी पत्नी के साथ रांची के मोरहाबादी मैदान के पास सब्जी खरीद रहे थे। वहाँ पर मोरहाबादी टीओपी के एएसआई मोहन महतो दो महिलाओं से बात कर रहे थे। एएसआई ने पत्रकार को देखते ही कहा कि तुम यहां क्या कर रहे हो? सब्जी खरीदने की बात बताने पर झोला दिखाने के लिए बोलने लगा जबकि झोला लेकर उनकी पत्नी आगे बढ़ गयी थीं। इतना सुनते ही ‘पाॅकेटमार’ कहकर एएसआई ने पत्रकार को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया और गला पकड़कर खींचते हुए पीसीआर के पास लेकर चला गया। पीसीआर से पत्रकार को टीओपी ले जाया गया और वहां भी इन्हें पीटा गया।

जब इस बात की जानकारी पत्रकारों को हुई, तब जाकर देर रात उन्हें थाना से छुड़वाया गया। उन्होंने एएसआई के खिलाफ थाने में आवेदन भी दिया है, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज होने की जानकारी नहीं मिल पायी है।
इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पत्रकारों ने मोरहाबादी टीओपी के एएसआई समेत पत्रकार की पिटाई करने वाले तमाम पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें निलंबित किए जाने की मांग की है।
(रांची से स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह की रिपोर्ट।)
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