नई दिल्ली। पुलिस ने महाराष्ट्र के सोलापुर के मार्कडवाड़ी गांव में बैलेट बॉक्स के जरिये न केवल वोटिंग नहीं होने दिया बल्कि जो लोग इस पूरी प्रक्रिया में शामिल थे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। और इस कड़ी में एनसीपी (एसपी) नेता उत्तम जानकार समेत 88 दूसरे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।
इसके पहले पुलिस ने 200 लोगों के खिलाफ निषेधात्मक आदेश का उल्लंघन करने के लिए एफआईआर दर्ज किया था।
बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मालशिरस क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले जानकार समेत दूसरे लोगों पर गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने और सरकारी आदेशों का अनादर करने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मार्कडवाड़ी गांव मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है।
पुलिस का कहना है कि मंगलवार की सुबह निषेधाज्ञा आदेश को दरकिनार करते हुए 250-300 लोग अपनी इच्छा से गैरकानूनी मतदान प्रक्रिया में फिर से शामिल होने के लिए मार्कडवाड़ी गांव में एकत्रित हुए।
फिर से बैलेट पेपर पर चुनाव कराने का विचार उस समय आया जब ग्रामीणों ने हाल में संपन्न हुए चुनावों में मार्कडवाड़ी में ईवीएम के जरिये गिने गए वोटों की संख्या को लेकर संदेह जाहिर किया।
हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने इस विचार को छोड़ दिया। जानकार ने बीजेपी के राम सतपुते को 13147 वोटों से हराया था।
हालांकि जानकार सीट जीत गए लेकिन मार्कडवाड़ी के निवासियों का दावा था कि सतपुते के मुकाबले जानकार को मिलने वाले मतों की संख्या कम थी। उन्होंने इसके लिए ईवीएम पर संदेह जाहिर किया।
सोलापुर जिला प्रशासन ने बैलेट पेपर के जरिये फिर से चुनाव कराने के ग्रामीणों के आवेदन को खारिज कर दिया था। और इसके साथ ही उसने निषेधाज्ञा लागू कर दी थी।
हालांकि ग्रामीणों ने मंगलवार को सुबह फिर से मतदान की पूरी व्यवस्था कर रखी थी। और उसी के हिसाब से उन्होंने सारी जरूरी चीजों को जुटा लिया था।
पुलिस ने जानकार और ग्रामीणों के साथ बैठक की थी और उन्हें कानूनी प्रक्रिया के बारे में बताया था और इसके साथ ही केस भी दर्ज करने की चेतावनी दी थी। बाद में ग्रामीण शांत हो गए और उन्होंने फिर से मतदान कराने की पूरी योजना को रद्द कर दिया।
(द टेलीग्राफ की रिपोर्ट पर आधारित।)
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