पुलिस ने सर्व सेवा संघ परिसर कराया खाली, गांधी की विरासत पर बुलडोजर चलाने की तैयारी

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वाराणसी। गांधी विद्या संस्थान और सर्व सेवा संघ परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। शनिवार सुबह करीब चार-पांच सौ पुलिसकर्मियों के साथ वाराणसी प्रशासन के आलाधिकारियों ने परिसर में रह रहे लोगों का सामान उठाकर बाहर करने में लगे हैं। अधिकांश आवास को खाली करा लिया गया है और सामान को उठाकर बाहर फेंक दिया गया है। सर्व सेवा संघ से जुड़े सौरभ सिंह ने बताया कि आधा परिसर खाली करा लिया गया है। दशकों से रह रहे लोगों के सामान को जबरदस्ती बाहर किया जा रहा है। आज रात तक सर्व सेवा संघ परिसर में स्थित भवनों को ध्वस्त किए जाने की संभावना है। इस तरह गांधी-विनोबा और जयप्रकाश नारायण की विरासत पर बुलडोजर चल जायेगा।

बाहर पड़ा सामान

मोदी सरकार विनोबा-जेपी की विरासत को ध्वस्त कर सर्व सेवा संघ परिसर को पूजीपतियों के हवाले करने जा रही है। इसके लिए वाराणसी जिला प्रशासन और उत्तर रेलवे मंडल, लखनऊ के अधिकारियों ने एक जाल बुना है। पहले सर्व सेवा संघ की जमीन पर रेलवे ने अपना दावा जताया और नोटिस दिया। जब मामला अदालत में गया तो अब जबरन पुलिस-प्रशासन के बल पर उसे ध्वस्त करने जा रही है।

परिसर में रह रहे लोगों ने जब सामान निकालने के लिए समय मांगा तो पुलिस ने तुरंत परिसर खाली करने का फरमान सुनाया। गांधीवादियों ने जब पुलिसिया कार्रवाई की वीडियो बनाने की कोशिश की तो पुलिस लोगों को धमकाने लगी, और वीडियो बनाने से मना किया।

प्रो. राजकुमार जैन कहते हैं कि “जिसकी आशंका थी आखिर वह होकर ही रहा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मोदी सरकार इस मुल्क से गांधी की विरासत को हड़पने अथवा मिटाने पर सरेआम उतारू है। इसका सबसे ताजा उदाहरण बनारस के सर्व सेवा संघ के परिसर को, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्णकालिक वैतनिक सदस्यों को सौंपना है। जुल्म ढाती इस घड़ी में हम हर तरह से इसकी खिलाफत करने वालों के साथ हैं। संकट के समय में पिछले तजुर्बे से सीखना भी जरूरी है। लोहिया व अन्य गांधीवादियों की कार्यप्रणाली का विश्लेषण करना,आत्म निरीक्षण करना भी जरूरी है। लोहिया का नारा था, ‘जहां अन्याय वहां प्रतिकार’ और अपनी इस नीति पर चलने के कारण क्या-क्या यातनाएं, लांछन, लानत मलामत, तिरस्कार, अपमान अपने और पराए दोनों के सहे थे। बहुत सारे लोग जो सरकारी अनुदान, सरकारी अनुकंपा से विदेशों में गांधी के प्रयोगों, संदेशों का निरीक्षण, मठों में आराम की जिंदगी फरमा रहे थे वह भी लोहिया का अपमान करने से पीछे नहीं रहे।”

उन्होंने कहा कि “सबक हमको यह मिलता है कि मैं भले ही अपने स्वार्थ, आराम, सत्ता सुख लिए सत्ता पर काबिज के कसीदे पढ़ता रहूं, परंतु कम से कम जुल्म ज़्यादती, गैरबराबरी, जम्हूरियत और इंसानियत की हिफाजत के लिए लड़ने वाले का उपहास, उनकी खिल्ली, बदनामी या उनको सनकी, अनुशासनहीन होने का फतवा नहीं बांटूगा। हर लड़ाई कुछ ना कुछ सिखाती है, अभी हमने एक लड़ाई हारी है, युद्ध नही। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।”

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. संत प्रकाश ने ट्वीट किया कि “गांधी-जेपी विरासत पर कब्जा अंग्रेज नहीं बल्कि देश की सरकार कर रही है, इस विरासत को बचाने के लिए गांधी-जेपी के अनुयायी रामधीरज सिंह समेत सैकड़ों लोग गोलियां खाने को तैयार बैठे हैं, क्या आप लोग विरासत पर बुलडोजर और इन गांधीवादियों पर लाठी-गोलियां चलने के लिए अकेला छोड़ देंगे।”

गांधीवादी कार्यकर्ता एवं उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज मोदी सरकार के इशारे पर वाराणासी जिला प्रशासन की दादागिरी के विरोध में धरने पर बैठ गए हैं। वरिष्ठ पत्रकार अरुण तिवारी ने कहा कि “प्रशासन की दादागिरी हमारे लोकतंत्र को सचमुच शर्मसार करने वाली प्रवृत्ति है। किन्तु यह निडरता रंग लाएगी जरुर।”

प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि “वाराणसी में सर्व सेवा संघ और गांधी विद्या संस्थान पर कब्ज़ा करने के लिए पुलिस फोर्स के आने की शर्मनाक हरकत की जानकारी लोकतंत्र सेनानी व सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज जी से पाकर बहुत क्षोभ हुआ। यह गांधी-जेपी की विरासत पर सीधा हमला किया जा रहा है। वाराणसी के साथी सर्व सेवा संघ पहुंच कर प्रतिरोध में योगदान कर रहे हैं। देश के सभी सरोकारी व्यक्ति और संगठन इस विरोध से जुड़े और सभी राष्ट्रीय नेता वाराणसी पहुंचे। इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ सत्याग्रह का समय आ गया है।”

गौरतलब है कि वाराणसी स्थित सर्व सेवा संघ की ओर से 21 जुलाई को सिविल कोर्ट में एफटीसी सीनियर डिवीजन कोर्ट में इंजेक्शन के लिए वाद दायर किया गया। दोपहर बाद 2 बजे सुनवाई होनी थी लेकिन न्यायाधीश महोदय शुक्रवार को कोर्ट में नहीं बैठे। इसलिए सुनवाई संभवत सोमवार को होगी। लेकिन प्रशासन सोमवार तक इंतजार करने के लिए तैयार नहीं है। वह परिसर को खाली कराकर आज बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रही है। परिसर में लंबे समय से रह रहे गांधीवादी कार्यकर्ताओं और सर्वोदय प्रेस में काम करने वाले कर्मचारियों के परिवारों को जबरन वहां से निकाला जा रहा है।

वाराणसी पुलिस ने रामधीरज को हिरासत में ले लिया है। रामधीरज ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जो लोग इमरजेंसी में हमारे साथ जेलों में थे और कांग्रेस की नीतियों का विरोध कर रहे थे वही आज सत्ता में बैठकर बेशर्मी से गांधी-जेपी की विरासत पर बुलडोजर चला रहे हैं। सत्ता में बैठे लोगों को कोई शर्म-हया नहीं रह गयी है। उन्होंने कहा कि वाराणसी का डीएम और कमिश्नर पीएमओ के निर्देश पर ऐसा कर रहे हैं। वाराणसी के अधिकारी सिविल सर्वेंट नहीं आरएसएस के स्वयं सेवक बन गए हैं।

शुक्रवार को लखनऊ मे गांधी जेपी विरासत बचाओ अभियान और लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान ने मंडल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे लखनऊ को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में निवेदन किया गया है कि जब तक सिविल कोर्ट की सुनवाई पूरी नहीं होती है तब तक किसी तरह की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सर्व सेवा संघ में न किया जाए। यहां लोग 50-60 सालों से रह रहे हैं। उनका परिवार है। ऐसी दशा में बिना नियमानुसार समय और सूचना दिए तोड़फोड़ की कार्रवाई करना गैरकानूनी भी है और अमानवीय भी।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अगर रेलवे ने गैरकानूनी तरीके से सर्व सेवा संघ के ऐतिहासिक भवनों को गिराया तो देशभर में शांतिपूर्ण तरीके से रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। इससे जो यात्रियों को असुविधा होगी और रेलवे को क्षति होगी, इसके लिए रेल प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा। इसलिए रेल प्रशासन जल्दबाजी न करें, न्यायालय के निर्णय का इंतजार करें।

रामधीरज और चंदन पॉल गिरफ्तार

सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल और उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सर्व सेवा संघ वाराणसी को पुलिस छावनी बना दिया गया है। आज सुबह से ही पुलिस यहां मौजूद है। संस्थान को तोड़ने की योजना अब मूर्त रूप लेने जा रही है।

मोहन भागवत को योगी आदित्यनाथ को तोहफा

मोहन भागवत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों आज बनारस में हैं। और प्रशासन गांधी की विरासत को जबरिया कब्जा कर रहा है। बिना किसी दस्तावेज या आधिकारिक प्रक्रिया के गांधी परिसर में सैकड़ों पुलिस और गुंडों की मदद से सरकार कब्जा कर रही है। कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सरकार और पुलिस ने न्यायलय में चल रहे केस को भी दरकिनार करते हुए भूमाफियाओं की तर्ज पर गांधी, विनोबा और लोहिया की विरासत पर अवैध कब्जा कर रहे हैं।

(प्रदीप सिंह की रिपोर्ट।)

2Comments

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  1. 1
    फ़िरोज़ नदीम खान

    जिला प्रशासन का दमन है यह।इसका एक ही रास्ता है वोट का चोट

  2. 2
    अमितप्रकाश सिंह

    गांधी आज नहीं हैं ।लेकिन विचारों के चलते वे देश ही नहीं पूरी दुनिया में जाने जाते हैं ।शिक्षास्थली के तौर पर बनारस का महत्व रहा है।वहां अर्से से गांधी आश्रम,स्कूल आदि हैं।लेकिन सुशासन के नाम पर प्रशासन ने आज वह जगह खाली कराई ।गिरफ्तारियां भी कीं।यह बेहद शर्मनाक है कि गांधी के नाम पर सक्रिय रहे संस्थान को जोर जबरिया ऐसे ब॔द करा दिया जाए। गांधी के विचार ऐसे नष्ट नहीं किए जासकते ।

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प्रदीप सिंह https://www.janchowk.com

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

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