एक डॉक्टर की मौत से उठे सवाल

जोधपुर, राजस्थान। जोधपुर के प्रमुख ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव गहलोत की उम्र महज 53 साल थी। तीन दिसंबर को अचानक उनकी मृत्यु हो गई। वह वसुंधरा अस्पताल में कार्डियक सर्जन के बतौर कार्यरत थे। दो दिन पहले बुखार के कारण उन्हें इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी पत्नी भी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। संभवतः डेंगू के कारण यह मौत हुई।

एक मित्र की दो दिन पहले ही उनसे किसी विवाह समारोह में मुलाकात हुई थी। अगले दिन वह स्वयं कार चलाकर अस्पताल आए थे। बुखार की जांच में डेंगू आया था। प्लेटलेट गिरकर अठारह हजार हो चुका था। जोधपुर ही नहीं, पूरे राजस्थान का चिकित्सक समुदाय अपने एक युवा साथी के अचानक चले जाने से स्तब्ध है।

डॉ राजीव गहलोत के अचानक निधन ने समाज के लिए एक संदेश दिया है। इस दुनिया में कोई अजर-अमर नहीं है। प्रकृति के सामने किसी डॉक्टर, किसी अस्पताल की नहीं चलती। ऐसा नहीं है कि उन्हें बचाने के प्रयास नहीं किए गए होंगे। मगर सभी प्रयास व्यर्थ रहे।

कई बार सामान्य दिखने वाली बीमारी के इलाज के दौरान अचानक कोई जानलेवा जटिलता हो सकती है। मेडिकल साइंस के जानकार अचानक कार्डियक डेथ, साइलेंट इस्केमिया, एनफीलसिस, पल्मोनरी एम्बोलिज्म जैसी आकस्मिक अवस्था आ सकती है।

डॉक्टर इनकी गंभीरता से भली भांति परिचित होते हैं। लेकिन आम नागरिकों को इसकी समझ नहीं होती। लोगों तो लगता है जो मरीज खुद कार चलाकर अस्पताल गया था, उसकी अचानक मृत्यु कैसे हो सकती है!

डॉ. राजीव गहलोत जैसी दुखद मौत किसी अन्य रोगी के साथ हुई होती तो संभव है कि अस्पताल को हंगामे और कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ता। लोग धरने पर बैठकर फिरौती की मांग कर सकते थे। नेता और पुलिस प्रशासन के अफसर समझौते करवाते। मीडिया द्वारा अस्पताल का चीरहरण किया जाता। 

उल्लेखनीय है कि इसी अस्पताल में पिछले दिनों एक प्रशासनिक सेवा अधिकारी की आकस्मिक मृत्यु हुई थी। इसके बाद पुलिस केस और कई तरह की जांच का सिलसिला शुरू हुआ। उस मामले में चिकित्सकों पर आज भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।

अब डॉ. राजीव गहलोत के आकस्मिक निधन से यह समझने की जरूरत है कि तमाम प्रयासों के बावजूद किसी की मृत्यु संभव है। इसे इलाज में लापरवाही नहीं बल्कि परिस्थिति जन्य परिणाम के बतौर ही देखा जाना चाहिए। 

(डॉ राज शेखर यादव वरिष्ठ फिजिशियन होने के साथ यूनाइटेड प्राइवेट क्लिनिक्स एंड हॉस्पिटल्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के प्रदेश संयोजक हैं।)

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