राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा की तस्वीरें बहुत कुछ बयां कर रही हैं

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मणिपुर लगभग दो महीने से अशांत है। राज्य जातीय हिंसा की चपेट में है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की सरकार हिंसक समूहों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। साधन-संपन्न मैतेई समुदाय कुकी-जो आदिवासियों पर हमला कर रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 130 लोगों की जान चली गई है। 60 हजार से अधिक लोग मणिपुर और मिजोरम में शिविरों में रह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा पर मौन हैं। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह हिंसा पर काबू पाने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार और शुक्रवार को मणिपुर के दौरे पर थे। राहुल गांधी ने हिंसाग्रस्त क्षेत्रों और राहत शिविरों का दौरा किया। मणिपुर की जमीनी हकीकत को बयां करती कुछ तस्वीरें:

गुरुवार यानि 29 जून को चुराचांदपुर के रास्ते में मणिपुर पुलिस ने राहुल गांधी के काफिले को रोक दिया। पुलिस-प्रशासन ने कहा कि आगे का रास्ता खतरे से खाली नहीं है। पुलिस ने रास्ते में बैरिकेड लगाया था। राहुल गांधी के काफिले को वापस इंफाल लौटना पड़ा।

बिष्णुपुर इलाके में पुलिस द्वारा राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने और राहुल गांधी के इंफाल लौटने की खबर से स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। उत्तेजित महिलाएं पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश कीं। पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई।

गुरुवार को राहुल गांधी हेलिकॉप्टर से हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर पहुंचे। एक राहत शिविर में उन्होंने बच्चों के साथ दोपहर का भोजन किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से प्यार दुलार और बातचीत की।

मणिपुर में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस, अर्द्धसैनिक बल और सेना को तैनात किया गया है। यात्रा के दौरान एक स्थान पर सुरक्षा बलों से हाथ मिलाते राहुल गांधी।

गुरुवार की सुबह राहुल गांधी के मणिपुर पहुंचने पर स्थानीय लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला। हर कोई राहुल से मिलना चाह रहा था। एक स्थानीय युवक के कंधे पर हाथ रखे राहुल गांधी।

मणिपुर में लगभग 50 हजार से ऊपर लोग राहत शिविर में रह रहे हैं। राहत शिविरों में भोजन औऱ दवा की कमी हो रही है। एक रात शिविर में महिलाओं की समस्याओं को सुनते राहुल गांधी।

राहत शिविर में अपने परिवार के साथ बहुत से बच्चे भी रह रहे हैं। यात्रा के दौरान बच्चों से मिलते राहुल गांधी।

राहत शिविरों में राहुल गांधी के दौरे के दौरान कई मौके ऐसे आए जब पीड़ित परिवार अपनी भावनाओं को नहीं रोक सके। राहुल गांधी को देखते ही उनका दर्द आंसुओं के माध्यम से बाहर आ गया। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि प्यार और करुणा से हिंसा को हराएंगे!

राहुल गांधी राहत शिविर में नवजात बच्चों से भी मिले, एक बच्चे को दुलारने का दृष्य।

राहत शिविर में एक महिला को सान्त्वना देते राहुल गांधी।

राहत शिविर में एक बच्चे से बात करते राहुल गांधी।

प्यार और करुणा से हिंसा को हराएंगे!

मणिपुर में एक युवती को ढाढस बधाते राहुल गांधी।

दो महीने से राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने अब अपने घर जाने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन राज्य का माहौल अभी इस तरह का नहीं है कि वे अपने घर जा सकें।

मणिपुर के राहत शिविर यातना शिविर में बदल गए हैं। दो महीने से लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं लेकिन अभी भी पता नहीं है कि राज्य में कब शांति होगी। राहत शिविरों में राहुल के पहुंचते ही पीड़ितों की भावनाएं आंसुओं के शक्ल में बाहर निकलने लगीं।

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प्रदीप सिंह https://www.janchowk.com

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

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