तृणमूल कांग्रेस का राजघाट पर सत्याग्रह, प. बंगाल का मनरेगा फंड रिलीज करने की मांग

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नई दिल्ली। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में दिल्ली स्थित राजघाट पर मौन सत्याग्रह किया। तृणमूल कांग्रेस के नेता मोदी सरकार से बंगाल का फंड तत्काल रिलीज करने की मांग कर रहे हैं। राजघाट के सत्याग्रह में पार्टी के सांसद और विधायकों के अलावा पार्टी कार्यकर्ता भी शामिल रहे। इस दौरान दिल्ली पुलिस के साथ उनकी तीखी बहस भी हुई। अभिषेक बनर्जी के साथ सांसद महुआ मोइत्रा, सौगत रॉय, नुसरत जहां, सायनी घोष मौजूद रहीं। 3 अक्टूबर (मंगलवार) को तृणमूल कांग्रेस के नेता जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

पहले दी श्रद्धांजलि फिर मौन सत्याग्रह

तृणमूल कांग्रेस के सांसद और विधायक अभिषेक बनर्जी के साथ करीब 1.30 बजे राजघाट पहुंचे। उसके बाद उन्होंने बापू को श्रद्धांजलि दी और एक पेड़ के नीचे पर बैठकर मौन सत्याग्रह शुरू कर दिया। अभिषेक बनर्जी ने नीचे बैठकर अपनी बांह में काला कपड़ा बांधकर विरोध किया। इसके बाद अन्य लोगों ने भी काले कपड़े और बैनर के साथ अपना विरोध दर्ज किया।

लगभग दो घंटे तक चले इस मौन सत्याग्रह में महिला सांसद और तृणमूल कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान लोग अपने हाथों में प्लेकार्ड्स लिए हुए थे। इन प्लेकार्ड्स में मोदी सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल का फंड़ जारी नहीं करने की बात कही गई थी। अभिषेक बनर्जी ने अपने हाथ में जो प्लेकार्ड पकड़ रखा था उसमें अंग्रेजी में साफ अक्षरों में लिखा था “बंगाल का फंड तत्काल रिलीज किया जाए”।

मनरेगा को लेकर भी उठी मांग

तृणमूल कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और पीएम आवास योजना के मद का 15,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने रोक रखा है।

तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि ‘बंगाल का 15,000 करोड़ रुपये का फंड तत्काल रिलीज किया जाए’। ‘गरीब परिवार के लोगों का एक लाख 15 हजार करोड़ रुपया कहां है? मोदी सरकार इसका जवाब दे।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और बंगाल स्टेट कमेटी के सदस्य विश्वजीत देव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि मनरेगा का पैसा रोककर मोदी सरकार ग्रामीण रोजगार को पूरी तरह से खत्म कर रही है। इतना ही नहीं महात्मा गांधी के नाम पर शुरू की गई योजना का अपमान किया जा रहा है।

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि “क्या यही लोकतंत्र है”। केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार योजना का प्रचार सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है।

राजघाट पर आए लोगों का कहना था कि महात्मा गांधी के नाम पर शुरू की गई योजना का पैसा राज्य सरकार को नहीं देकर केंद्र सरकार गरीब जनता और महात्मा गांधी का अपमान कर रही है।

पुलिस ने धरना के लिए मना किया

बापू की जयंती के दिन तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जहां बैठे थे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें वहां से जाने के लिए कहा। यहां तक कि एंट्री गेट के पास पुलिस ने अभिषेक बनर्जी को मीडिया से बात तक नहीं करने दी।

पुलिस ने माइक लगाकर टीएमसी के नेताओं से कहा कि यहां धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। इसलिए इसे रोका जाए और जगह को खाली किया जाए। ताकि आम जनता बापू को श्रद्धांजलि दे सके।

‘हम हर चुनौती के लिए तैयार’

तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि “गांधी जी किसी एक के नहीं है। हमारा धरना शांतिपूर्ण था, वहां कोई राजनीतिक नारा नहीं लगाया गया बावजूद इसके पुलिस ने हमें परेशान किया। हमारी महिला कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने परेशान किया”।

उन्होंने कहा कि ‘केंद्र सरकार ने बंगाल के लोगों को बहुत ही कमजोर मान लिया है। लेकिन हम हर तरह की लड़ाई के लिए तैयार है। केंद्र सराकर को हमारी चुनौती है कि “मैं आपके अधिकार क्षेत्र में आपके ही नियमों पर आया हूं, और हम अपनी बात रख कर ही जाएंगे”।

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस हर तरह की जांच के लिए तैयार है। लेकिन सबसे पहले गिरिराज सिंह को गिरफ्तार किया जाए। जिनकी जिद्द ने तीन बच्चों की जान ले ली। ये अपनी जिद्द के कारण फंड को रिलीज नहीं कर रहे हैं।

3 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

“दिल्ली चलो” नारे के तहत तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्से से दिल्ली आए हैं। दो दिन तक चलने वाले धरना प्रदर्शन के पहले दिन राजघाट पर मौन सत्याग्रह किया गया।

3 अक्टूबर को फंड़ रिलीज की मांग को लेकर जंतर-मंतर में बड़ा प्रदर्शन हो रहा है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद, विधायक और कार्यकर्ता इसमें भागीदारी कर रहे हैं।

अभिषेक बनर्जी को तीन अक्टूबर को स्कूल नौकरी घोटाले के संबंध में कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पूछताछ के लिए उपस्थित होना है। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इसमें शामिल होने से मना कर दिया है कि “पश्चिम बंगाल की गरीब जनता के मौलिक अधिकारों के लिए वह दिल्ली के धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें ऐसा करने से रोक नहीं सकती है। यदि रोक सकते हो तो रोक लो”।

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी भी इन कार्यक्रमों में शामिल होने वाली थीं। लेकिन उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण वह दिल्ली नहीं आ पाईं। डॉक्टर्स ने उन्हें बेड रेस्ट का सुझाव दिया है।

पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में लोग बस से दिल्ली आए हैं। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की तरफ से ट्रेन बुक कराई जा रही थी। लेकिन रेल मंत्रालय ने सीट नहीं होने की बात कह कर मना कर दिया। जिसके बाद लोग बसों से दिल्ली पहुंचे हैं।

(पूनम मसीह की रिपोर्ट।)

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