सोनभद्र। “वह मां-बहन की गालियां देते रहे, मारते रहे, मैं चीखता-चिल्लाता रहा, छोड़ देने की गुहार लगाता रहा, उनके पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाया लेकिन वह कहां मानने को तैयार थे। मैं घाव के दर्द, बहते खून से लथपथ था, लेकिन वह मारते जा रहे थे, इससे भी जी नहीं भरा तो मेरे सिर, मुंह पर पेशाब करने लगे, सबसे पीड़ादायक तो यह कि उनका एक साथी बाकायदा वीडियो बनाता रहा।”
मानवता को झकझोर कर रख देने वाले इस वाकए को बताते हुए पवन खरवार (20 वर्ष) बिलख पड़ता है, लेकिन खौफ कहें या किसी का दबाव वह कैमरे के सामने आने से मना करते हुए यह कहते हुए हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि रहने दीजिए, अब बचा ही क्या है सबकुछ बिखर गया, जीवन…. इतना कहते-कहते वह सिसक पड़ता है!
परिजन भी कुछ कहने-बोलने से बच रहे हैं, काफी कुरेदने पर भी कोई कुछ बोलना नहीं चाहता है। घर और कालोनी की खामोशी बताने के लिए काफी है कि मानसिक पीड़ा, दिल पर लगी चोट कचोटे जा रही है।
ख़ैर, घुटन और ज़लालत, दिल को झकझोर कर देने वाली इस पीड़ा से अंदर ही अंदर दो-चार होते आए पवन खरवार की वेदना को हर कोई महसूस कर सकता है वह ऐसे कि, यदि यह घटना किसी और के साथ होती तो उसकी मनोदशा क्या होती? कह-बोल पाना कठिन है तो उसे महसूस कर, सुनने मात्र से ही तन-मन सिहर उठता है। विचलन और घृणा होने लगती है।
सोनभद्र जिले के शक्तिनगर थाना क्षेत्र के एनसीएल कालोनी निवासी पवन खरवार के साथ घटित इस घटना को इंसानियत के माथे पर कलंक कहा जाएगा, लेकिन आम घटनाक्रमों की तरह इसे भी बिसरा दिया गया है। घटना के एक पखवाड़े बाद लोग अपने रोज़मर्रा के कामकाज में वैसे ही व्यस्त हो गए हैं जैसे पहले थे।
अख़बारी पन्नों से लेकर मीडिया के तमाम प्लेटफार्मों पर खूब सुर्खियां बटोरने के बाद यह खबर दब चुकी है। कोई चर्चा परिचर्चा नहीं, कोई हलचल नहीं, नेताओं की सियासत नहीं।
बस यदि कुछ है तो लोगों के ज़ेहन में चल रहा है यह सवाल कि आखिरकार सोना उगलने वाले सोनभद्र में ‘अमृतकाल’ के दौर में ‘मूत्रकाल’ का घृणित दौर और ‘दबंगवाद’ की विकसित होती एक कलंकित करती सोच कब तक?
नक्सलवाद थमा तो दबंगों का बढ़ा दबदबा
ऊर्जांचल कहा जाने वाला सोनभद्र उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व प्रदान करने वाला जनपद है। बिजली उत्पादन के साथ खनिज संपदाओं से परिपूर्ण यह जनपद जंगलों-पहाड़ों से आच्छादित है।
बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य की सीमाओं से लगा हुआ सोनभद्र आदिवासी, वनवासी बाहुल्य पिछड़ा हुआ जनपद है।
कहना ग़लत नहीं होगा कि देश की आजादी के बाद से सोनभद्र के आदिवासी वनवासी वंचित समाज के लोगों के श्रम, यहां से उत्पादित ऊर्जा, खनन संपदाओं से भले ही अन्य राज्यों के चेहरे पर चमक बिखेरती है और वह तरक्की की राह पर निरंतर बढ़ते आएं हैं, लेकिन यहां की बदहाली दूर नहीं हो पाई है।

नक्सलवाद में झुलसता रहा यह जनपद फिलहाल नक्सलवाद के खौफ से तो मुक्त हो चुका है, लेकिन ग़रीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, पिछड़ेपन की तस्वीर यहां के मानचित्र पर आज भी किसी कालिख की तरह चिपकी हुई है।
दबंगों, खनन माफियाओं का बढ़ता कारोबार, बाहरी लोगों का घुसपैठ यहां के लोगों की बदहाली के लिए जिम्मेदार बताया जाता है। यहां के मूल निवासी आदिवासी वनवासी समाज के लोगों को आज भी रोजी-रोटी के लिए जद्दो-जहद करते हुए देखा जा सकता है।
जिले के पूर्व विधायक परमेश्वर दयाल बड़े ही बेबाकी से कहते हैं “यहां के गरीब आदिवासी, वनवासी, दलित समाज के लोगों के साथ पहले भी भेदभाव होता आया है और आज भी हो रहा है।”
मानवता को झकझोरती घटना
चिल्काडाड़ टोला (एनसीएल कालोनी) शक्तिनगर थाना क्षेत्र से बमुश्किल एक किमी के दायरे में आता है। पिछले दिनों यहीं का एक वीडियो वायरल होता है। जो शक्तिनगर बैरियर नंबर-1 के आसपास का रात्रि 7 से 8 के बीच का होना बताया गया है।
वीडियो में एक युवक को आधा दर्जन से ज्यादा युवकों द्वारा बुरी तरह से मार-पीट कर लहू-लुहान कर दिया जाता है। हद की बात तो यह है कि लहूलुहान हो चुके युवक के ऊपर कुछ युवक पेशाब करते हुए दिखाई देते हैं। गाली-गलौज करने के साथ उसको पेशाब पिलाने का भी प्रयास किया जाता है।
इस तरह की घिनौनी हरकत करने के बाद दबंग बाकायदा इसका वीडियो भी बनाते हैं और उसको सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं।
यह पूरी घटना तो वैसे 26 सितंबर 2024 की बताई जा रही है, लेकिन हड़कंप एक सप्ताह बाद मचता है। इस घटना के बाद गंभीर रूप से घायल हुए युवक का जहां एक हाथ टूट गया है, वहीं सिर, पैर और पीठ में भी काफ़ी चोट आई है।
गंभीर चोटों के इलाज के लिए बैढ़न, सिंगरौली (मध्य प्रदेश) के एक अस्पताल में परिवार के लोग ले जाकर उसे भर्ती कराते हैं जहां उसका इलाज कराया जाता है।

इस दौरान पीड़ित परिवार ने पुलिस से संपर्क नहीं किया, वज़ह बताया जाता है दबंगों का खौफ और बुरी तरह से घायल युवक का पहले इलाज कराना। बैढ़न के अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पीड़ित युवक के परिजन साहस करते हुए शक्तिनगर पुलिस को तहरीर देकर घटना से अवगत कराते है।
तब तक युवक को लहूलुहान कर उसके ऊपर पेशाब करने का वीडियो वायरल हो चुका होता है। तहरीर मिलने के बाद तथा घटना की जानकारी होने पर पुलिस ने वीडियो में दिख रहे आरोपियों में से एक आरोपी को पकड़ लेती है और बाकी आरोपियों के बारे में पूछताछ करनी शुरू करती है।

घटना के संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह बताते हैं कि “थाना शक्तिनगर से संबंधित यह मामला सामने आया है, जिसमें शिव कुमार खरवार ने बताया कि उसके भाई पवन खरवार के साथ 26 सितंबर 2024 की रात अंकित भारती और उसके 7 से 8 अन्य साथियों ने मारपीट की है।
और फिर उसके ऊपर पेशाब करते हुए उसका वीडियो बनाया गया है। जिसका संज्ञान लेते हुए पुलिस अंकित भारती पुत्र राम लल्लू निवासी निमियाटाड़, शक्तिनगर को हिरासत में ले लेती है।

बाद में पुलिस आरोपी श्रवण कुमार पुत्र शमशेर बहादुर, निखिल कुमार पुत्र रामजन्म एवं रवि रावण पुत्र संजय सभी निवासी निमियाटाड़ को गिरफ्तार कर जेल भेज देती है। जबकि प्रीतम की गिरफ्तारी में जुटी हुई थी।
दरअसल, सोनभद्र जिले की यह कोई एकलौती और पहली घटना नहीं है। इसके पहले जून महीने में एक आटो पर सवार एक दलित वृद्ध महिला की चप्पल से एक व्यक्ति पिटाई करते हुए नजर आता है। जिसका वीडियो वायरल होता है तो सोनभद्र के ही जुगैल और घोरावल थाना क्षेत्रों में दलितों के ऊपर पेशाब करने का भी मामला सुर्खियों में रहता है।
कड़ी कार्रवाई से कहीं ज्यादा सियासत का शोर
समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “दृश्य देखकर दिल दहल जाय। लहूलुहान पवन खरवार आदिवासी हैं, गालियों की बौछार करते हुए उनके ऊपर पेशाब करता यह व्यक्ति अंकित कितना बेख़ौफ़ और निडर है।
लोगों के मुताबिक उसे बीजेपी सरकार का समर्थन प्राप्त है। CM योगी आदित्यनाथ के रामराज्य में SC/ST के लिए अमृतकाल है।”
आम आदमी पार्टी ने सोनभद्र में दलित उत्पीड़न की घटनाओं का पुरजोर विरोध करते हुए दोषियों को कठोरतम सजा देने की बात कही है।
आम आदमी पार्टी के सोनभद्र जिलाध्यक्ष रमेश गौतम ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शक्तिनगर थाना प्रभारी थानाध्यक्ष कुसुम शेखर सिंह को राज्यपाल उत्तर प्रदेश के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए इस घटना को घृणित करार दिया है।
रमेश गौतम कहते हैं “जिले में इस तरह की अन्य घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, चाहे चप्पलों पर थूक कर चटवाने की घटना हो, या कान में पेशाब करने का मामला रहा हो। इसके लिए कोई एक जाति वर्ग दोषी नहीं है।
कुछ राष्ट्र, समाज विरोधी ताकतें और दबंग किस्म के लोग हैं। जिनको सत्ता सरकार का संरक्षण भी प्राप्त है, जिसके कारण ऐसे अमानवीय कृत्य करने से डरते नहीं है। दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्यवाही हो चाहे वे किसी जाति, धर्म या वर्ग के हो।”
पवन पर पहले भी हो चुका है हमला
पीड़ित पवन ने बताया कि शक्तिनगर थाना क्षेत्र में आठ आरोपियों के द्वारा उसके साथ मारपीट की गई और उसके ऊपर पेशाब किया गया। इससे पहले भी उसके ऊपर चाकुओं से हमला कर गले को काट दिया गया था, जिसके बाद किसी तरह उसकी जान बच सकी थी। उसके गले पर इसके निशान आज भी देखे जा सकतें हैं।
पवन के परिजन शक्तिनगर में एनसीएल के एम्प्लाई हैं। जबकि पवन खरवार भोपाल में रहकर पढ़ाई करता था। एक वर्ष पूर्व अंकित इत्यादि ने फेसबुक पर लाइव आकर उसे (पवन को) मारने की धमकी दिए थे, लेकिन यहां उनका दांव उल्टा पड़ गया था। उल्टे अंकित और उसके लोग ही पीटे गए थे।
संभवतः यहीं से विवाद और गहरा हो जाता है और एक घृणित मनोवृति को जन्म देता है। नाम न छापे जाने की शर्त पर आस-पास के लोग “जनचौक” को बताते हैं कि इनका पूरा संगत ही ग़लत लोगों का है, जो नशे की प्रवृत्ति में जकड़े हुए हैं।
मार-पीट करना, गैंग बनाकर चलना, कभी नशे की लत में तो कभी हथियार या अवैध असलहों को लहराते हुए डरावनी रील बनाकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर दहशतगर्दी का माहौल बनाना इनकी हरकतों में शुमार है, जिसपर आज तक पुलिस की भी नज़र नहीं गई है।
ऐसे में एक सवाल बरबस ही जनमानस के मन मस्तिष्क को विचलित किए जा रहा है कि आखिरकार सोशल मीडिया पर पुलिस कौन, कैसे और कब को लेकर निगाहें जमाएं रहती है या नहीं।
दूसरी ओर आसपास के लोग बताते हैं कि यह सभी आरोपी एनसीएल खड़िया मुख्य बैरियर के समीप दो पहिया और चार पहिया वाहन से गैंग बनाकर चलते हैं। इनका अपना सोशल मीडिया पर ग्रुप भी बना हुआ है जो इनकी कार्यशैली को दर्शाता है।
ग्रुप में धारदार हथियार और देशी अवैध तमंचा कमर में खोंस कर चलने का फोटो वायरल हो चुका है, बावजूद इसके अक्सर सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने और अफवाहों, आपराधिक कृत्यों पर नजर रखने का दावा करने वाली पुलिस की जरा भी नज़र इन पर नहीं पड़ी है।

आस-पास के लोग दबी जुबान बताते हैं कि इन लोगों की कारगुजारियों से बहन-बेटियों का घर से बाहर आना-जाना जहां मुश्किल हो उठा है, वहीं देर रात तक इनकी कालोनी और आस-पास के इलाकों में चहलकदमी से लेकर कभी असलहों का प्रदर्शन तो कभी गैंग बनाकर मारपीट का वीडियो, रील बनाकर वायरल करना दहशतगर्दी को बढ़ावा देता आया है।
एनसीएल कालोनी में ज्यादातर लोग विभिन्न परियोजनाओं में मेहनत मजदूरी करने वाले लोग हैं ऐसे में कोई भी न इनके मुंह लगना चाहता है और ना ही इनके विरोध करने की हिमाकत कर पाता है, यही कारण है कि इनके हौसले बुलंद बने हुए हैं।
सीधी से सोनभद्र पहुंची पेशाब करने की प्रवृत्ति की आंच
मध्यप्रदेश के सीधी में 4 जुलाई 2023 को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक युवक दूसरे दलित व्यक्ति के ऊपर पेशाब करता हुआ दिखाई देता है। जिसकी पहचान बाद में दशमत के रूप में होती है, जबकि आरोपी की पहचान प्रवेश शुक्ला के रूप में होती है।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उत्तर प्रदेश की योगीराज सरकार के तर्ज पर उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिया था।
इस घटना को लेकर सीधी से लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल तक खूब भूचाल मचा हुआ था। हालांकि आरोपी पर आनन-फानन में बुल्डोजर चलवाकर कर स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई का तमगा जरूर हासिल कर लिया था, लेकिन इस घृणित सोच उपज को लेकर देश में चर्चा चल पड़ी थी कि यह कैसी सोच और संस्कृति देश में उपज रही है।
मध्य प्रदेश के सीधी में हुए पेशाब कांड का मामला अभी पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ था कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सीधी से सटे हुए सोनभद्र जिले से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आ जाता है जो लोगों को झकझोर कर रख देता है।
इस मामले पर पर्दा डालने की नापाक कोशिशों के बाद भी इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद सोनभद्र में सनसनी फ़ैल जाती है। दरअसल, सोनभद्र जिले के जुगैल थाना क्षेत्र में 11 जुलाई 2023 को शराब के नशे में पिछड़ी जाति के एक अधेड़ ने एक दलित युवक के कान में पेशाब कर दिया।
जहां मौजूद किसी ने इस पूरे मामले का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। पीड़ित दलित अत्यंत गरीब और मेहनत मजदूरी करने वाला होता है सो वह पुलिस से शिकायत करने से बचता है।
लेकिन मामला उछलने पर हरकत में आई पुलिस न केवल आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लेती है बल्कि पीड़ित को भी मौके से हटा देती है ताकि मामला मीडिया की नजरों से दूर रहें।
इस मामले में सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक तो खुद मौके पर पहुंचते हैं, डीआईजी विंध्याचल परिक्षेत्र भी मौके पर पहुंच जांच पड़ताल करते हैं। पीड़ित जुगैल थाना क्षेत्र के घटिहटा ग्राम पंचायत के कुसपरवा टोला का निवासी दलित कोल बिरादरी का होता है।
जबकि आरोपी जवाहिर पटेल बिरादरी का जिसके साथ पीड़ित ने 11 जुलाई को खाया-पिया था। इस बीच किसी बात को लेकर उनमें वाद-विवाद हो जाता है और जवाहिर पटेल ने उसके कान में पेशाब कर दिया, जिसकी जानकारी उसे वीडियो देखने के बाद होती है, क्योंकि वह पूरी तरह से शराब के नशे में चूर होता है। बाद में पुलिस ने इस मामले में जवाहिर पटेल सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लेती है।
जुगैल थाना क्षेत्र की घटना से चार दिन पूर्व यानी 8 जुलाई 2023 को सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र में बिजली विभाग के तेजबली सिंह नामक एक संविदा लाइनमैन द्वारा एक दलित युवक को चप्पल पर थूककर चटवाने और उठक-बैठक कराने का वीडियो वायरल हो चुका होता है।
दोनों ही घटनाएं विचलित करने वाली होती हैं तो बदलते आधुनिक युग की विचलित करती हुई विकृत सोच को दिखाती हैं।
दलित आदिवासी वृद्ध महिला की चप्पल से पिटाई
जून 2024 में सोनभद्र के ही चोपन में एक मनबढ़ युवक ने आदिवासी वृद्ध महिला को चप्पल से न केवल दिन-दहाड़े पिटाई करता है बल्कि भला-बुरा भी कहता है। क्या मजाल की कोई विरोध करते हुए महिला के बचाव में आगे आता। यह मामला चोपन थाना क्षेत्र के सिंदुरिया इलाके का होना बताया जाता है।

ऑटो में सवार बुजुर्ग दलित महिला का ऑटो में बैठने को लेकर विवाद होता है, बस इसी बात को लेकर दबंग किस्म के युवक ने महिला को चप्पल से पीटना शुरू कर दिया। जिसका किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था।
वीडियो वायरल होने पर एसपी के निर्देश पर केस दर्ज कर लिया जाता है। केस दर्ज होते ही पुलिस फरार युवक की तलाश में जुटती है तो वह फरार हो जाता है।
गैंग संचालन का माध्यम बने हैं वाट्सएप ग्रुप
सोनभद्र के शक्तिनगर में युवक को बुरी तरह से मार-पीट कर लहुलूहान करने के पश्चात उसके ऊपर पेशाब कर वीडियो वायरल करने वाले युवकों का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भिन्न-भिन्न नामों से दहशतगर्दी भरा गैंग सक्रिय है, जो दबदबा कायम रखने के लिए गली मोहल्लों और सड़कों पर भी शक्ति प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए हैं।

कभी सिगरेट का कस लगाकर धुआं उगलते हुए फिल्मों के विलेन की भांति तो कभी हथियार और अवैध असलहा खोंसे हुए रील बनाकर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर यह दहशतगर्दी का पर्याय बन चुके हैं। अकेले सोनभद्र और मिर्ज़ापुर में ही कई ऐसे गैंग और नाम चेहरे सामने आ चुके हैं जिनपर पुलिस की नज़र कब पड़ेगी कह पाना मुश्किल है।
(सोनभद्र से संतोष देव गिरी की रिपोर्ट)
+ There are no comments
Add yours