झारखंड धनबाद के जज उत्तम आनंद की संदिग्ध स्थिति में हुई मौत पर राज्य के मुख्यमन्त्री हेमंत सोरेन ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इस मामले में सीबीआई से जांच करवाई जा सकती है। इस केस को सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्वतः संज्ञान में ले रखा है।
बता दें कि धनबाद सिविल कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की मौत पिछले 28 जुलाई को एक ऑटो से धक्का मार कर संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। उन्हें एक ऑटो चालक ने टक्कर मारी थी। सीसीटीवी फुटेज को देखकर अनुमान लगाया गया कि एक तय रणनीति के तहत जज को टक्कर मारी गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ा रुख दिखाया है। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 30 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी थी, तो वहीं हाई कोर्ट ने भी 29 जुलाई को SSP को तलब किया था।
इस मामले में अभी SIT द्वारा ही जांच की जा रही है। लेकिन अब मुख्यमन्त्री हेमंत सोरेन ने केस की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी है। इससे पहले जज उत्तम आनंद के पिता और छोटे भाई सुमन शंभु ने मामले में CBI जांच की मांग की थी। वहीं हजारीबाग बार एसोसिएशन ने भी सीबीआई जांच की मांग का समर्थन किया है।
अभी तक के लिए एडिशनल जज उत्तम आनंद की मौत मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। धनबाद एसएसपी भी इसे एक हत्या ही बता रहे हैं और जांच भी उसी आधार पर की जा रही है। इस केस में SIT ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। एसआईटी की टीम ने मौकाए वारदात पर पहुंचकर एक बार फिर से सीन को रिक्रिएट किया है। इसके अलावा एसआईटी ने घटनास्थल की बारीकी से जांच और निरीक्षण भी किया है।
बता दें कि रांची से एसआईटी के पदाधिकारी धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पहुंचकर सभी पहलुओं की गहनता से जांच कर रहे हैं। इस जांच में फॉरेंसिक टीम एवं आरसीडी टीम की भी मदद ली जा रही है। एसआईटी के पदाधिकारी घटना स्थल रणधीर वर्मा चौक की मापी कर रहे हैं। चौक से घटना स्थल तक की सड़क की भी सभी एंगल से जांच की जा रही है।
वहीं उत्तम आनंद की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। झारखंड के मुख्य सचिव व DGP से एक हफ्ते में रिपोर्ट तलब की गयी है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता विकास सिंह ने जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष ये मामला उठाते हुए स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया था। इसके साथ ही इस मामले की (CBI) से जांच कराने का आग्रह किया गया था।
बता दें कि वे घायल अवस्था लगभग डेढ़ घंटा तक पड़े रहे। लगभग डेढ़ घंटे बाद वहां से गुजर रहे लोगों ने उन्हें आनन-फानन में शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद इस मामले में एसआईटी गठित की गयी।
अब भी फरार है उस ऑटो का मालिक, जिसकी ठोकर से गई जज की जान
एडीजे लाटेकर, आईजी प्रिया दुबे और डीआईजी मयूर पटेल ने एकत्र सबूतों का परखा, घटनास्थल का किया मुआयना
एडीजे 8 उत्तम आनंद की मौत की जांच को लेकर गठित एसआईटी के नेतृत्व कर रहे एडीजी अभियान संजय आनंद लाटेकर, बोकारो प्रक्षेत्र की आईजी प्रिया दुबे व डीआईजी मयूर पटेल कन्हैयालाल शुक्रवार को धनबाद पहुंचे। एसएसपी कार्यालय में तीनों पदाधिकारियों ने पहले एसएसपी संजीव कुमार से अभी तक की कार्रवाई के बारे में जानकारी ली।
रणधीर वर्मा चौक के पहले से लेकर जज को धक्का मारने तक का ऑटो का सीसीटीवी फुटेज देखा। घटनास्थल से जब्त किए गए सामान को भी देखा। हालांकि इस दौरान एसआईटी की टीम मीडिया से दूरी बनाए रखी। रात 7 बजे एसएसपी संजीव कुमार कार्यालय से बाहर निकले और मीडिया को बताया कि टीम सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। टीम घटनास्थल पहुंची लेकिन बारिश होने की वजह से गाड़ी से उतरे ही बिना ही जायजा लेकर बैठक करने चले गए। शनिवार को भी एसआईटी की टीम मामले की जांच के लिए शहर में रहेगी। घटना के बाकी बचे अन्य पहलुओं की जांच करेगी।
ऑटो चालक गोपाल और रामदेव के पिता छत्रधारी से पूछताछ जारी
पाथरडीह पुलिस की टीम ने शुक्रवार को ऑटो मालिक सुगनी देवी के पति रामदेव लोहार के घर एवं डिगवाडीह मांझी बस्ती आदि कई जगहों पर छापेमारी की, परंतु रामदेव हाथ नहीं लगा। पुलिस ऑटो चालक व रामदेव के पिता छात्रधारी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। घटना के बाद रामदेव फरार हो गया है। वहीं सुगनी देवी ने कहा कि ऑटो चोरी होने की शिकायत पाथरडीह पुलिस से की है लेकिन अभी तक रिसीविंग नहीं मिली है।
धनबाद एसआईटी टीम में शामिल अधिकारियों के साथ की बैठक
एसआईटी टीम के द्वारा की जा रही जांच पड़ताल को लेकर काफी चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी। एसआईटी के पदाधिकारियों से सिर्फ उन्हीं अधिकारियों को ही मिलने की इजाजत दी, जो घटना की जांच में शामिल हैं। बाकी किसी को भी एसएसपी कार्यालय में जाने की इजाजत नहीं थी। घटना की जांच में सिटी एसपी आर रामकुमार, एएसपी मनोज स्वर्गियारी, डीएसपी हेडक्वार्टर वन अमर कुमार पांडेय, हेडक्वार्टर टू अरविंद कुमार सिंह, ट्रैफिक डीएसपी राजेश कुमार व साइबर डीएसपी सुमित सौरभ लकड़ा सहित कुछ थानेदारों के साथ बैठक कर उनके द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के बारे में जानकारी ली।
(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)
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