2024 का चुनाव लोकतंत्र और साझी विरासत को बचाने का चुनाव है: दीपंकर

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झारखंड के कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के तिलैया स्थित शिव वाटिका सभागार में 28 अप्रैल 2024 को अयोजित एक जिला स्तरीय बूथ कार्यकर्ता कन्वेंशन को संबोधित करते हुए भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि “हिंदुस्तान अभी तक के सबसे कठिनतम चुनावी दौर में है। बाबा साहब अम्बेडकर ने जिस जद्दोजहद और मेहनत से देश का संविधान बनाया आज उसी संविधान को बचाने के लिए जद्दोजहद करने की जरुरत है। जब तक हाथ में जीत का सर्टिफिकेट नहीं मिल जाएगा तब तक लड़ना होगा, नहीं तो सूरत और चंडीगढ़ के उदाहरण हमारे सामने है।”

उन्होंने आगे कहा कि “अभी तक देश के भीतर तमिलनाडु ऐसा राज्य है जहां आज तक मोदी लहर में भी भाजपा का खाता नहीं खुला है और इस बार भी नहीं खुलेगा। झारखंड और बिहार की जनता के कंधों पर बड़ी ज़िम्मेदारी है। इस बार देश के संविधान के साथ-साथ लोकतंत्र और साझी विरासत को बचाना है।”

भाकपा माले के महासचिव दीपंकर ने कहा कि “बिलकिस बानो के बलात्कारियों को संस्कारी कहकर छोड़ा गया है। संविधान को बदलने की बात कुछ नेताओं के निजी वक्तव्य नहीं है। यही भाजपा का असली एजेंडा है। हमारे खानपान, रीति-रिवाज, पहनावे को मुद्दा बनाकर सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। बिना लड़े अधिकार मिलता नहीं है बिना लड़े आधिकारों की रक्षा भी सम्भव नहीं है। मोदी जी ने दस साल में आर्थिक विषमता को बढ़ाया है। एक प्रतिशत के पास देश का 40 प्रतिशत संपत्ति जमा है, फूड सेफ्टी भी देश की जनता को हासिल नहीं है।”

दीपंकर ने कहा कि “मोदी जी आरक्षण के नाम पर झूठ का प्रचार कर रहे है। देश में इंडिया गठबंधन जीतेगा तो देश में जातीय जनगणना होकर रहेगी। 50 प्रतिशत आबादी 25 साल से कम उम्र की है उसे काम चाहिए पर केंद्र सरकार इस पर चुप है, पलायन जारी है। इस देश की आधी आबादी, मजदूर और किसानों का एक-एक वोट इंडिया गठबंधन को मिले, हर बूथ में इंडिया गठबंधन की एकता दिखे, तभी इंडिया जितेगा। अब वीवीपैट की गिनती भी होगी, ये इंडिया गठबंधन की जीत है।”

झारखंड के श्रम नियोजन एवं कौशल विभाग के मंत्री व राजद के वरिष्ठ नेता सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि “मोदी जी के अच्छे दिन का गुब्बारा फट गया है। देश मंहगाई, बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि से परेशान हैं। शौचालय के नाम पर सिर्फ लूट हुआ है। गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन सच यह है कि शौचालय सब टूट गए हैं या गोयठा बकरी रखने का काम हो रहा है।”

उन्होंने कहा कि “झारखंड सरकार का अबुआ आवास को प्रधानमंत्री आवास कहकर झूठ फैलाया जा रहा है। झारखंड सरकार में पेंशन अब 50 साल वालों को भी मिलेगा। झारखंड सरकार का पेंशन अब केंद्र सरकार के लिए टेंशन बन गया है। अब मजदूरों को घटना के बाद शव बाहर में दफनाना नहीं पड़ेगा। अब सरकार 50 हजार देती है। महागठबंधन की लहर भाजपा का जहर बन गया है। एससी-एसटी का आरक्षण समाप्त करने की तैयारी हो रही है।”

भोक्ता ने कहा कि “माले के प्रत्याशी विनोद सिंह को एक-एक वोट देकर इंडिया गठबंधन को जिताना है।”

कांग्रेस नेत्री और बड़कागांव के विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि “कोडरमा में जंगल राज चल रहा है। पूर्व सांसद मैडम ने जंगलों में वास करने वाले ढिबरा मजदूरों के पेट पर लात मारने का काम किया। डैम का पानी घर-घर पहुंचने के बजाय नल-जल योजना से जनता के धन की लूट हो रही है। प्लांट रहते हुए हम पलायन कर रहे हैं, कोडरमा के मतदाता एक-एक वोट देकर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को जिताएं।”

झामुमो के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि “झारखंड झुकेगा नहीं अपने दम पर आगे बढ़ेगा। हेमन्त सोरेन ने झुकने के बजाए जेल जाकर झारखंड की जनता का सम्मान बढ़ाया है, इंडिया गठबंधन जीतेगा, हेमन्त सोरेन और केजरीवाल छूटेगा।”

राजद के वरिष्ठ नेता अवधेश यादव ने कहा कि “मोदी जी की गारंटी झूठ का पुलिंदा है, हम सुभाष यादव, हेमन्त सोरेन और केजरीवाल को जेल में डालने का जवाब मांगेंगे। कोडरमा में विनोद सिंह नहीं सुभाष यादव चुनाव लड़ रहे हैं, ये मानकर ही आप मुस्तैदी से इंडिया गठबंधन को जिताने का काम करें।”

कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि “देश की साझी विरासत खतरे में हैं। इंडिया गठबंधन को जिताकर ही देश की लोकतंत्र और भाईचारे की रक्षा सम्भव है।”

कोडरमा के इंडिया के प्रत्याशी और माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि “मोदी जी ने दस साल में क्या किया का जवाब देने के बजाए फिर एकबार झूठ की गारंटी दे रहे हैं। झारखंड के जल जंगल जमीन को बड़े कारपोरेट कंपनियों को सौंपा जा रहा है। दोबारा चुनने वाले के लिए रोजगार की नहीं पलायन की गारंटी मिल रही है।”

विनोद ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम तो बढ़ रहे हैं लेकिन मजदूरों की मजदूरी नहीं बढ़ती है। वंदे भारत, चार्टर्ड प्लेन की गारंटी तो है, पर बाहर काम के लिए जाने वाले मजदूरों के लिए कोई नई ट्रेन की गारंटी नहीं है। मेडिकल इंजीनियरिंग की बात छोड़ दीजिए उच्च शिक्षा की भी व्यवस्था कोडरमा में नहीं है। कोडरमा के लोगों के आय के स्रोत बंद कर दिये गये हैं। जनता के पक्ष में आवाज उठाने वाले को जेल में बंद कर दिया गया है। कोडरमा का अभ्रक उद्योग हो या छोटे उद्योग, सब नष्ट हो गए हैं। कृषि क्षेत्र को भी चौपट कर दिया गया है। सबको मिलकर कोडरमा में बदलाव का फ़ैसला लेना है, बूथों और पंचायतों से जवाब देना है। मिलकर लड़ेंगे और हमारी एकता रंग लाएगी।

(झारखंड से विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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