भोपाल। भोपाल के भेल दशहरा मैदान में आज यानि रविवार को भीम आर्मी की एक सभा चल रही है। भीम आर्मी ने जिसका नाम शक्ति प्रदर्शन सभा रखा है। इसमें बड़ी संख्या में दलित, आदिवासी और पिछड़े समूह के लोगों ने हिस्सा लिया है। खबरों के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों से लोग इसमें शामिल हुए हैं।
शिवपुरी, विदिशा, रतलाम, देवास, उज्जैन से लोग पैदल भोपाल पहुंचे हैं। इस सभा को भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने संबोधित किया। दोपहर करीब दो बजे चंद्रशेखर सभा में पहुंचे। इसके अलावा सभा में जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) के संरक्षक आनंद राय, गोंडवाना पार्टी के अध्यक्ष मोनिका शाह भट्टी, ओबीसी महासभा के नेता महेंद्र लोधी ने हिस्सा लिया।
सभा संबोधित करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि चुनाव तक हमलोग ऐसी कम से कम पांच रैलियां करेंगे। यह यात्रा की पहली झलक और रैली है। जैसे-जैसे रैलियां बढ़ेगी लोगों को जमावड़ा आगे और बढ़ेगा।
उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल पूछते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में रविदास मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी, उज्जैन में भी 50 लाख देने की घोषणा की थी। आखिर पैसे अभी तक क्यों नहीं दिए गए।
अब सरकार की इन घोषणाओं से हमारा पेट नहीं भरेगा, हम थक चुके हैं। अब दलित, आदिवासी, पिछड़े भी चुनाव लड़ेंगे। आगे का कदम सत्ता के लिए होगा। संविधान का राज चलेगा, सारा बहुजन साथ चलेगा।
सभा में शामिल हुए ओबीसी महासभा के पीतम सिंह लोधी का कहना है कि यह लड़ाई संविधान को सुरक्षित करने की लड़ाई है। जिसे बहुजन एकजुट होकर लड़ रहे हैं।
भीम आर्मी एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा “हमारी मांगें तो बहुत सारी हैं। आज समाज की न्याय यात्रा का समापन भी है। साथ ही कहा कि अगर हमारे अधिकार को कोई छीनेगा तो हम इसी तरह से संवैधानिक आंदोलन कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। प्रशासन को बताएंगे कि यह एक लोकतांत्रिक देश है।“
इस प्रदर्शन में जातिगत जनगणना कराने के अलावा प्रदेश सरकार से सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण लागू करवाने, आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने जैसी 15 मांगों को रखा गया है।
शक्ति प्रदर्शन सभा में मांगी गयी सभी 15 मांगें:
- संविधान की प्रस्तावना से पंथ-निरपेक्ष और समाजवादी शब्द हटाने के षड्यंत्र को बंद करने की मांग
- देश में जातिगत जनगणना करवाई जाए
- एससी/एसटी एक्ट के तहत मृतक के परिवार को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाकर 30 लाख रुपए करवाने की मांग
- प्रदेश सरकार से सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनाने की मांग
- मनरेगा की दैनिक मजदूरी को बढ़ाकर न्यूनतम 700 रुपए की जाए
- केंद्र और राज्य सरकार आर्थिक बराबरी का कानून लागू करे
- शिक्षा के भगवाकरण से जो सर्वनाश हो रहा है उसे रोका जाए
- मध्यप्रदेश सरकार के शासकीय महाविद्यालयों में चुनाव प्रक्रिया बहाल हो
- बेकसूर लोगों के घरों पर प्रशासन का बुलडोजर चलाने पर रोक हो
- एससी/एसटी अल्पसंख्यक मुस्लिम बहन, बेटियों और बच्चों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ यह प्रदर्शन है
- निजीकरण के सहारे आरक्षण को खत्म किए जाने खिलाफ
जनता से भोपाल आने की अपील
आज हो रही इस रैली से पहले चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट करते हुए जनता से भोपाल पहुंचने की अपील की थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था “कल बहुजन समाज अपने इतिहास को बचाने, वर्तमान में सम्मान, स्वाभिमान व अधिकारों के साथ जीने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य निर्माण के लिए एकजुट होगा। अब समय आ गया है कि आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक एकजुट होकर संघर्ष करें।“
आपको बता दें कि इस साल नवंबर में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि भीम आर्मी राज्य में मोर्चा बनाकर मैदान में उतर सकती है। इससे पहले भी यूपी विधानसभा चुनाव, दिल्ली एमसीडी चुनाव में भीम आर्मी की पार्टी आजाद समाज पार्टी ने चुनाव लड़ा था।