चंद्रशेखर ने सांप्रदायिक फ़ासीवाद के खतरे को उसी समय पहचान लिया था : राजाराम सिंह

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पटना। भाकपा-माले के युवा नेता व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कॉमरेड चंद्रशेखर और श्यामनारायण यादव शहादत दिवस पर आज पूरे राज्य में दोनों शहीदों को श्रद्धाजंलि दी गई और उनके सपने को साकार करने का संकल्प लिया गया।

पार्टी राज्य कार्यालय में आयोजित श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड राजाराम सिंह, विधायक सुदामा प्रसाद, अमर, रामबली सिंह यादव, राज्य कमेटी के सदस्य नवीन कुमार, प्रदीप झा, आइसा नेता संतोष आर्या, कार्तिक पासवान आदि उपस्थित रहे। सभा का संचालन डुमराँव विधायक अजीत कुशवाहा ने किया।

इस मौके पर कॉमरेड राजाराम सिंह ने कॉमरेड चंद्रशेखर के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने उसी दौर में साम्प्रदायिक फ़ासीवाद के खतरे को बहुत अच्छे तरीके से समझ लिया था और उसके खिलाफ निर्णायक संघर्ष में उतर गए थे। दुर्भाग्य से वे लोग आज देश की सत्ता में हैं और तमाम संवैधानिक-लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल देने पर आमादा हैं।

कॉमरेड चंद्रशेखर को याद करने का मतलब है फ़ासीवादी हमले के खिलाफ लोकतंत्र के संघर्ष को आगे बढ़ाना। कॉमरेड चंदू ने खुद को गरीबों के संघर्षों के साथ जोड़ा। आज के नौजवानों को उनसे प्रेरणा मिलती है और आज भी हजारों युवा उनके आदर्शों से प्रभावित होकर जनआंदोलनों में शामिल हो रहे हैं।

जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा ने जेल से बाहर आने के बाद आज सिवान में गोपालगंज चौक पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया और उनके संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

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