माले की पहली पांत के नेता और बिहार के पूर्व राज्य सचिव कॉ. रामजतन शर्मा का निधन

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पटना। भाकपा-माले आंदोलन की पहली पांत के नेता, बिहार के पूर्व राज्य सचिव व चर्चित मार्क्सवादी शिक्षक कॉ. रामजतन शर्मा का आज इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना में 3.20 बजे हृदयाघात से निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनते ही पार्टी राज्य कार्यालय सहित सभी कार्यालयों पर पार्टी का झंडा आधा झुका दिया गया। अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को माले विधायक दल कार्यालय में रखा गया है। पार्टी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक कल 7 जून की दोपहर उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी और विद्युत शवदाहगृह बांसघाट तक जाएगी। बताया जाता है कि जहानाबाद में विगत 5 जून की सुबह उन्हें हृदयाघात हुआ था और फिर कल रात ही पटना आईजीआईसी में उन्हें भर्ती कराया गया था, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।

70 के दशक में नक्सलबाड़ी के आंदोलन से प्रेरित बिहार के ग्रामांचलों में आरंभ हुए दलित-गरीबों के राजनीतिक-सामाजिक आंदोलन ने रामजतन शर्मा को गहरे तौर पर प्रभावित किया था और वे जल्द ही सरकारी नौकरी छोड़कर इस आंदोलन के हिस्सेदार बन गए। 80 के दशक में तत्कालीन मध्य बिहार के क्रांतिकारी किसान आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

पार्टी के एक नेता ने बताया कि उन्होंने न केवल बिहार बल्कि देश के कई हिस्सों में भाकपा-माले के संगठन को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे झारखंड-उत्तर प्रदेश पार्टी के राज्य सचिव तथा छतीसगढ़ के प्रभारी रहे। 90 के दशक में उन्होंने लंबे समय तक बिहार में भी पार्टी के राज्य सचिव का दायित्व संभाला। वे पार्टी की केंद्रीय कमेटी व पोलित ब्यूरो के सदस्य के साथ-साथ केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के भी चेयरमैन रहे। वह पार्टी के हिंदी मुखपत्र समकालीन लोकयुद्ध का लंबे समय तक संपादक रहे। साथ-साथ पार्टी केंद्रीय शिक्षा विभाग के प्रमुख का भी दायित्व संभाला। पार्टी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि छात्र-युवाओं के बीच क्रांतिकारी विचारों के प्रचार-प्रसार व उनके बीच से राजनीतिक कार्यकर्ता तैयार करने में उनकी अद्वितीय भूमिका को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

माले महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य ने ट्वीट कर कॉमरेड रामजतन शर्मा के निधन को पार्टी के लिए गहरा आघात बताया है। कहा कि जहानाबाद जिला अस्पताल में ईसीजी की मामूली व्यवस्था नहीं होने के कारण सही समय पर हृदयाघात का इलाज आरंभ नहीं हो सका। यदि ऐसा होता तो शायद उन्हें बचाया जा सकता था। हम उनके क्रांतिकारी मिशन को आगे बढ़ाते रहेंगे।

भाकपा-माले की बिहार राज्य कमेटी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पार्टी के राज्य सचिव सचिव कुणाल ने दिवंगत कॉमरेड रामजतन शर्मा को श्रद्धांजलि देते हुए इसे पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि रामजतन शर्मा सबसे पहले एक मार्क्सवादी शिक्षक थे और उन्होंने कई पीढ़ियों को सामाजिक – राजनीतिक बदलाव के आंदोलन के लिए तैयार किया। हमेशा हंसमुख, विचारों के प्रति दृ़ढ़ता और काम के प्रति कर्मठता का उनका गुण हमेशा प्रेरणा देने का काम करेगा।

आंदोलनों के प्रति अटूट निष्ठा और कामरेडों के प्रति स्नेहिल और बराबरी का वर्ताव रखने वाले कॉमरेड रामजतन शर्मा हम सबों के दिल में हमेशा जिंदा रहेंगे और प्रेरणा देते रहेंगे।

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