असम राइफल्स के ट्रकों जैसे वाहनों पर सवार होकर मैतेई कर रहे हत्या, सुरक्षा बलों के सामने नया संकट

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा नए चरण में पहुंच गयी है। असम राइफल्स और राज्य पुलिस के समक्ष दंगाई रोज नई-नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं। मणिपुर हिंसा पर पहले खबर आई कि राज्य सरकार मैतेई समुदाय के पक्ष में है। फिर खबर आई कि केंद्र की मोदी सरकार भी मणिपुर हिंसा रोकने को लेकर बहुत संजीदा नहीं है। राज्य और केंद्र सरकार पर राज्य के विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कई पूर्व नौकरशाहों ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां हिंसा को रोकने के बजाए कुकी समुदाय को सबक सिखाने में लगी है।

राज्य में तैनात सुरक्षा बलों के समक्ष अब एक नई चुनौती खड़ी है। पहले मैतेई समुदाय के युवक पुलिस वर्दी पहनकर कुकी लोगों की हत्या कर रहे थे। अब कुछ दिनों से उपद्रवी समूह नागरिक वाहनों को असम राइफल्स के ट्रकों जैसा बनाकर और उस पर सवार होकर हिंसा और हत्या करने में लगे हैं। ऐसे य़ुवक पुलिस और असम राइफल्स के जवानों की तरह वर्दी पहनकर कर असम राइफल्स जैसे ट्रकों में सवार होकर हत्या का नंगा नाच कर रहे हैं। गिरफ्तार युवकों के पास से अत्याधुनिक हथियार भी बरामद हुए हैं।

यह सब अचानक नहीं हो रहा है। मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार और प्रशासन इसके पीछे हैं। वह असलम राइफल्स के जवानों को बदनाम करने के लिए ऐसा खेल करा रहा है, जिससे मैतेई के साथ कुकी भी राज्य से असम राइफल्स के जवानों को हटाने की मांग करने लगे।

असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस को पत्र लिखकर नागरिक वाहनों को असम राइफल्स के वाहनों जैसा बनाने पर चिंता जताई है और इसके लिए घाटी-आधारित विद्रोही समूहों (वीबीआईजी) को जिम्मेदार ठहराया है।

यह बात केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा मणिपुर पुलिस को सूचित किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है कि राज्य में हिंसा को अंजाम देने के लिए बदमाश छद्म वर्दी का इस्तेमाल कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक असम राइफल्स ने 18 सितंबर को चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक को घटनाक्रम के बारे में लिखा था।

असम राइफल्स ने पत्र में लिखा कि “यह विश्वसनीय रूप से पता चला है कि वीबीआईजी की मदद से कुछ मैतेई बदमाशों ने नागरिक बाजार से कई इस्तेमाल किए गए टाटा-407 (ट्रक) हासिल किए हैं और उन्हें पेंटिंग और असम राइफल्स द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे टाटा 407 वाहनों के समान बना दिया है। वाहन “काकचिंग के सामान्य क्षेत्र” में मौजूद हैं।”

पत्र में अनुरोध किया गया है कि मामला एसपी, काकचिंग को भेजा जाए, जिसमें कहा गया है कि “असम राइफल्स के वाहन की तरह दिखने के लिए नागरिक वाहनों का रूपांतरण स्पष्ट रूप से वीबीआईजी के असम राइफल्स की छवि को खराब करने या उसी वाहन का उपयोग राष्ट्र विरोधी कार्यों के लिए करने के नापाक इरादे को दर्शाता है।”

पिछले सप्ताह के दौरान, घाटी में पांच लोगों की गिरफ्तारी को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिन्हें आग्नेयास्त्र रखने और छद्म वर्दी पहने हुए पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

शुक्रवार को, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के कार्यालय ने घोषणा की कि सुरक्षा बल उन अवैध हथियारों को बरामद करने के लिए 15 दिनों में एक मजबूत और व्यापक तलाशी अभियान शुरू करेंगे, जो तब तक आत्मसमर्पण नहीं किए हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया कि “राज्य सरकार इन 15 दिनों के भीतर ऐसे अवैध हथियार जमा करने वाले व्यक्तियों पर विचार करने को तैयार है। केंद्र और राज्य दोनों के सुरक्षा बल ऐसे हथियारों को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में एक मजबूत और व्यापक तलाशी अभियान चलाएंगे, और किसी भी अवैध हथियार से जुड़े सभी व्यक्तियों से कानून के अनुसार निपटा जाएगा।”

इसमें पिछले एक सप्ताह से पुलिस द्वारा दिए जा रहे बयानों को दोहराया गया कि “अवैध हथियारों का उपयोग करके उपद्रवियों/समूहों द्वारा जबरन वसूली, धमकी और अपहरण की खबरें आई हैं”।

इसमें कहा गया है, “यह एक गंभीर मामला है और राज्य सरकार राज्य के किसी भी हिस्से में ऐसे उपद्रवियों/समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।”

पिछले पांच महीने से मणिपुर में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद निलंबित की गई मोबाइल इंटरनेट सेवाएं शनिवार से बहाल कर दी जाएंगी। साथ ही उन्होंने मुक्त आवाजाही व्यवस्था को रद्द करने का भी आह्वान किया जो भारत-म्यांमार सीमा के दोनों किनारों के करीब रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज़ के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी अंदर जाने की अनुमति देता है।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author