नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की गोरखपुर जेल से रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। दोनों कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। मधुमिता शुक्ला की 2003 में उनके लखनऊ स्थित आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को 2003 में 26 वर्षीय कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या का दोषी ठहराया गया था।
यूपी सरकार ने “बुढ़ापे और अच्छे व्यवहार” का हवाला देते हुए गुरुवार को दंपति की ‘समय पूर्व रिहाई’ का आदेश दिया था। अमरमणि 66 साल के हैं, जबकि मधुमणि 61 साल की हैं।
अमर मणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी मधुमणि की रिहाई का आदेश जारी हो गया है। डीएम के पास बॉन्ड भरने के बाद दोनों रिहा होंगे। राज्यपाल को दी गई दया याचिका के तहत ये रिहाई होगी। अमरमणि और मधुमणि 16 साल की सज़ा पूरी कर चुके हैं। फिलहाल वो गोरखपुर जेल में बंद हैं।
कवयित्री मधुमिता हत्याकांड में अमरमणि और मधुमणि को उत्तराखंड की देहरादून सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लगभग 20 वर्षों से जेल में बंद होने के बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित सजा के अल्पीकरण आदेश के अनुसार वो रिहा होंगे। उनके अच्छे आचरण को देखते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने उनकी रिहाई का आदेश दिया है। गोरखपुर डीएम के पास डाक से रिहाई का शासनादेश पहुंच गया है।

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