नई दिल्ली। वकील और मुवक्किल का संबंध आपसी विश्वास का होता है। अदालत में केस की पैरवी करने वाले वकील को कोई भी मुवक्किल सादे कागज पर भी साइन करके दे देता है। लेकिन कोई व्यक्ति अपने परिजन को भी सादे कागज पर साइन करके देने से मना कर देता है।
वकील औऱ मुवक्किल के बीच का यह विश्वास तब टूटा जब मंडोली जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे राहुल उर्फ पुनीत उर्फ फिलिप्स के नाम से कुछ सरारती लोग उसके ही वकील इकरार सिद्दीकी को फोन कर जान से मारने की धमकी देने लगे। इकरार इससे परेशान होकर मंडोली जेल प्रशासन औऱ थाना फर्श बाजार में शिकायत कर दिया।
लेकिन जब उन्हें राहुल की मां ने बताया कि फोन पर धमकी देने वाला कोई औऱ है तो उन्होंने इसकी छानबीन कराई। छानबीन में उन्हें पता चला कि पोन कर धमकी देने वाले तो दूसरे लोग हैं तो ये सच्चाई जानकर उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने अपनी शिकायत वापस लेली। अब वह राहुल के नाम पर धमकी देने वाले शख्स के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
वकील इकरार सिद्दीकी कहते हैं, मुझे राहुल के नाम से कोई दूसरा व्यक्ति जान से मारने की धमकी देता था। मैं इससे परेशान हो कर मंडोली जेल प्रशासन और थाना फर्श बाजार मे शिकायत किया था। परन्तु जब मुझे बाद में पता चला कि राहुल उर्फ पुनीत उर्फ फिलिप्स से जो धमकी मुझे मिल रही थी उसमें किसी और शरारती तत्व का हाथ था तो मैंने अपनी शिकायत वापस ले ली है। राहुल पुत्र श्री राजेंद्र कुमार निवासी सी 36 गली नंबर 14 नत्थू कॉलोनी दिल्ली 93 का निवासी है और पिछले 12 वर्षों से जेल में सजा काट रहा है।
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