रायपुर। राजनीतिज्ञ, व्यापारी, ठेकेदार, नक्सली अपना पासा फेंक रहे हैं और मोहरों के रूप में निपटाए जा रहे हैं जवान और आदिवासी! जी हां, इस बार छत्तीसगढ़ बस्तर अंचल से कोई आम दलित आदिवासी पिछड़ा हथियार पकड़े, मुंह में कपड़ा बांधे नक्सली नहीं पकड़ाया है। बल्कि नामचीन रसूखदार ठेकेदार पकड़े गए हैं जो नक्सलियों को समान एवं पैसा पहुंचाने का काम करते थे। जिस हिंसा को नक्सली जनयुद्ध का नाम देते रहे, वह संदेह के दायरे में क्यों नहीं है? अब बताएं कि जनयुद्ध का रास्ता किधर निकल पड़ा है ?
छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के कांकेर ज़िले के कहत नक्सलियों का शहरी नेटवर्क चलाने वाले राजनांदगांव के एक ठेकेदार सहित पांच आरोपियों को कांकेर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये आरोपी लॉक डाउन के दौरान एक वाहन में दैनिक उपयोग की सामग्री और बम बनाने का सामान लेकर नक्सलियों तक पहुंचाने जा रहे थे। जांच में लगी पुलिस ने वाहन की तलाशी ली तो यह सारा सामान मिला।
आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। कांकेर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों के बारे में पुलिस को पहले से सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर उन्हें पकड़ने के लिए बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांकेर कीर्तन राठौर के नेतृत्व में विशेष अनुसंधान टीम का गठन किया था। टीम लगातार आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी।
विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आए कि लैंडमार्क इंजीनियरिंग कंपनी बिलासपुर के निशांत जैन और लैंडमार्क रॉयल इंजीनियरिंग कंपनी राजनांदगांव के वरुण जैन के नाम से कांकेर जिले में पीएमजेएसवाई के तहत अंतागढ़, आमाबेड़ा, सिकसोड, कोयलीबेडा जैसे नक्सल प्रभावित में सड़क निर्माण का काम दिया गया है जिसे वे एक पार्टनर फर्म रूद्रांश अर्थ मूवर के अजय जैन और कोमल वर्मा के माध्यम से करा रहे हैं।
उनके द्वारा अंदरूनी इलाके में काम कराने के दौरान नक्सलियों से संपर्क होने पर वे उन्हें शहर से आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति करने लगे। कांकेर पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश कर उन्हें गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। मामले में पुलिस ने अजय जैन, कोमल वर्मा, रोहित नाग, सुशील शर्मा और सुरेश शरणागत को गिरफ्तार किया है।
इनमें सुशील शर्मा मूल रूप से मेरठ में भावनपुर थाना क्षेत्र की शिवशक्ति विहार कॉलोनी का रहने वाला है। इनसे बम बनाने में प्रयुक्त 200 मीटर इलेक्ट्रिक वायर, दो वॉकी टॉकी, नक्सलियों की ड्रेस के लिए 75 मीटर कपड़ा, 95 जोड़ी जूते, दो लग्जरी गाड़ियां आदि सामान बरामद हुआ है।
पुलिस के अनुसार, बिलासपुर की कंस्ट्रक्शन कंपनी नक्सली क्षेत्र में सड़कें बनाती है। इस कंपनी के ठेकेदार निर्माण कार्य करने के दौरान ये आरोपी नक्सलियों के संपर्क में आ गए और इनके लिए काम करने लगे। शहरी क्षेत्र से जरूरत की चीजें खरीदकर नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचाने लगे। इन आरोपियों ने कई बार लाखों की नगदी भी बड़े नक्सली नेता राजू सलाम और राजेश तक पहुंचाई है। पुलिस ने खुलासा किया है कि ये आरोपी पिछले चार साल से नक्सलियों के मददगार बने हुए थे। और भी लोगों के जुड़े होने की आशंका पुलिस ने जताई है।
(बस्तर से जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)
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