विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के केंद्रीय संयोजक कॉ. त्रिदिब घोष का अंतिम संस्कार उनके पुत्र टुकून घोष द्वारा किया गया। अंतिम संस्कार रांची के हरमू मुक्ति धाम में दिन के 12:30 बजे किया गया। विस्थापन विरोधी जन विकास...
उस समय जबकि नाटक को निचले दर्जे की चीज़ माना जाता था और नाटक करने आए लड़के-लड़कियों को ‘नाचने-गाने वाले’ कहकर दूर हटाया जाता था। उस समय अल्काज़ी आधुनिक हिन्दुस्तानी रंगमंच की नयी फसल पैदा करने की तैयारी में...