Saturday, March 25, 2023

न्यायिक व्यवस्था

‘सरकार को हठधर्मिता छोड़ किसानों का दर्द सुनना पड़ेगा’

जुलाना/जींद। पूर्व विधायक परमेंद्र सिंह ढुल ने जुलाना में कार्यकर्ताओं की मासिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों ही अध्यादेश अपने वर्तमान स्वरूप में किसानों को तबाह कर देने...

संवैधानिक पुनर्समीक्षा की मांग करते हैं जस्टिस अरुण मिश्रा के फैसले

उच्चतम न्यायालय ने 2012 में कहा था कि एक जज को सीजर की पत्नी की तरह संदेह से ऊपर होना चाहिए। लोगों का न्याय व्यवस्था में भरोसा होना उन जजों पर निर्भर करता है, जो विभिन्न मामलों में फैसले...

सुप्रीम कोर्ट के ही हितों के खिलाफ खड़ा हो गया है उसका मौजूदा नेतृत्व

प्रशांत भूषण के ट्वीट को पढ़िए तो उसमें न्यायपालिका से एक शिकायत का भाव है, और वह भाव इसलिए है कि न्यायपालिका, आज जब सारी संवैधानिक संस्थाओं का क्षरण होता दिख रहा है और वे सत्ता के अहंकारी, ढीठ,...

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सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता के बिना स्वस्थ लोकतंत्र नहीं पनप सकता- डी वाई चन्द्रचूड़

जैसे मैं पत्रकारिता और कानून के प्रोफेशन के बारे में सोच रहा था तो, मुझे इस बात का अहसास...