Tag: विरोध प्रदर्शन
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बलिदान और पाखंड के दोराहे पर खड़ा लोकतंत्र
पाखंड और बलिदान में जो अंतर नहीं कर पाते वो किसान अंदोलन को समझ ही नहीं पाएंगे। यह आंदोलन जन चेतना का परिणाम है, जहां आम जनमानस ने अपने अंतरविरोधों और आकांक्षाओं को एक लंबे समय तक बाहरी विश्वास पे परखा है और खुद को अत्यंत ठगा हुआ ही पाया है। यह आंदोलन एक वर्ग…
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एमएसपी पर खरीद के लिए कॉरपोरेट को क्यों नहीं किया जा सकता है बाध्य?
45 दिन का धरना और नौ दौर की बातचीत भी सरकार को यह आभास नहीं दे सकी कि किसान आखिर चाहते क्या हैं? सरकार किसानों को यह तक न समझा पाई कि यह कानून कैसे किसानों की आय 2022 में दोगुनी करेगा, उन्हें उनकी फसल की उचित कीमत देगा और कैसे कृषि में सुधार होगा।…
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किसान कानूनों पर चोरी और ऊपर से सीनाजोरी वाला रवैया अपना रही है मोदी सरकार
देश में किसान अपनी जमीन बचाने के लिए आंदोलन पर हैं और गोदी मीडिया सरकार के सुर में सुर मिला रहा है। सरकार को सही साबित करने में लगा है। रिपब्लिक भारत के अर्णब गोस्वामी, जी न्यूज के सुधीर चौधरी, इंडिया टीवी के रजत शर्मा के साथ न जाने कितने धुरंधर पत्रकार माने जाने वाले…
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जमीन की लड़ाई में आधी जमीन की पूरी शिरकत
किसान आंदोलन के 43वें दिन किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर होने वाले ट्रैक्टर मार्च का शानदार और आकर्षक रिहर्सल किया। ट्रैक्टर मार्च के इस पूर्वाभ्यास में जो सबसे आकर्षक तस्वीरें थीं, वो थीं महिलाओं के ट्रैक्टर चलाने की। शहरों में अब तक हमने महिलाओं को कार-बाइक चलाते देखा है। हाइवे पर महिला…
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सामाजिक संघर्ष में तब्दील होता किसान आंदोलन
हाड़ कंपाती ठंड में लगभग डेढ़ माह से दिल्ली सीमा पर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे किसानों का मोर्चा धीरे-धीरे सामाजिक संघर्ष में तब्दील होता जा रहा है। किसी भी लड़ाई का चरम बिंदु होता है जब वो पूरे समाज को स्वीकार्य होकर समाज की लड़ाई बन जाता है, समाज के हर वर्ग और …
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किसानों ने दफ्ना दिया है संघ-भाजपा का सब बेच डालने का एजेंडा
दिल्ली के बॉर्डर से बहादुरगढ़ बाईपास तक बीस किलोमीटर में फैला आंदोलनकारी किसानों का काफिला। काफिले में आए अलग-अलग गांव के किसान जिन्होंने अपने लाव-लश्कर सत्ता की सड़क पर डाले हुए हैं। किसान जो गरीब भारत का हिस्सा हैं। किसान जो मेहनत करके पूरे मुल्क का पेट भरता है। किसान और मिट्टी जो पर्यायवाची शब्द…