जीवित है तू आज मरा सा, पर मेरी यह अभिलाषाचिता निकट भी पहुंच सकूं अपने पैरों-पैरों चलकर यह पक्तियां दर्शाती…
क्या भूलूं क्या याद करूं
1 post
जीवित है तू आज मरा सा, पर मेरी यह अभिलाषाचिता निकट भी पहुंच सकूं अपने पैरों-पैरों चलकर यह पक्तियां दर्शाती…