हज़ारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती हैबड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदामौलाना अबुल कलाम आज़ाद इस्लाम…
जन्मदिन पर विशेषः मजाज़ की शायरी में रबाब भी है और इंक़लाब भी
एक कैफ़ियत होती है प्यार। आगे बढ़कर मुहब्बत बनती है। ला-हद होकर इश्क़ हो जाती है। फिर जुनून और बेहद…