Tuesday, April 23, 2024

नीति आयोग

कोरोना की दूसरी लहर के घातक दुष्परिणाम की जिम्मेदारी कौन लेगा सरकार!

अब जब सुप्रीम कोर्ट सहित अन्य हाई कोर्ट में इस आपदा पर हंगामा मचा तो अदालत में सरकार ने कहा कि उसे दूसरी लहर की भयावहता का अंदाज़ा नहीं था। पर द प्रिंट ने इस पर एक विस्तार से...

सब बेच डालने की जगह बनाने पर ध्यान होता तो यूं न बिगड़ते हालात

उदारीकरण के दौर में जब सब कुछ निजी क्षेत्रों में सौंप दिए जाने का दौर शुरू हुआ तो उसकी शुरुआत मुक्त बाजार और लाइसेंस परमिट मुक्त उद्योगों से हुई। जो सिस्टम, धीर-धीरे ही सही, लोककल्याणकारी राज्य की अवधारणा के...

बजट: राष्ट्रीय संपदा का कॉरपोरेट को हस्तानांतरण का रोडमैप

2021-22 का बजट सामान्य रूटीन का बजट नहीं हैं, यह खुलेआम इस बात की घोषणा करता है कि देश की अर्थव्यवस्था का विकास एवं संचालन निजी क्षेत्र द्वारा ही किया जा सकता है और किया जाना चाहिए। यह एक...

नीति आयोग और वित्त मंत्रालय की आपत्ति के बावजूद 6 एयरपोर्ट अडानी के हवाले

एक तरफ देश कृत्रिम कोरोनो संकट से जूझ रहा है और न्यायपालिका, विधायिका वर्चुअल मोड में हैं, दूसरी ओर लाखों किसान तीन कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली सीमा पर आंदोलनरत हैं। अब तक 50 से अधिक किसानों की मौत...

मोदी राज में अडानी-अंबानी मालामाल, गरीब हुए कंगाल

अगर यह सवाल, सरकार या नीति आयोग, जो उसका थिंकटैंक है, से पूछा जाए कि 2014 के बाद सरकार की आर्थिक नीति क्या है? तो उसका उत्तर होगा आर्थिक सुधार लागू करने की। फिर सवाल उठता है कि यह...

दुनिया की मशहूर पत्रिका ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने कहा- मोदी भारत में खत्म कर रहे हैं लोकतंत्र

पौने दो सौ साल पुरानी लंदन की द इकोनॉमिस्ट (The Economist) ने अपने ताज़ा अंक में भारत पर एक लंबी रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी भारत में लोकतंत्र ख़त्म कर रहे हैं। दूसरी...

ताकि भारत न बने पाखंडी-राष्ट्र!

तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के शुरू से ही केंद्र की भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला चल रहा है। किसान संगठनों द्वारा 8 दिसंबर को...

मरीजों को मौत के चौराहे पर छोड़ देने की दिशा में अग्रसर है सरकार

हमारा संविधान हमें एक लोककल्याणकारी राज्य का दर्जा देता है। लोककल्याणकारी राज्य का अर्थ समाज के हर तबके को उसकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति और उसके सम्यक विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजी, रोटी, आवास की सुविधा प्रदान करना...

रेल, जहाज, स्कूल अस्पताल के बाद अब जंगलों का भी निजीकरण!

रेल, जहाज, स्कूल, अस्पताल के बाद देश के जंगल भी बिकेंगे। यह सोच है, देश के सबसे बड़े और प्रभावी थिंक टैंक नीती (एनआइटीआई) आयोग की। 2014 के बाद योजना आयोग को भंग कर बड़े जोर-शोर से देश का...

Latest News

बीएचयू गैंगरेप मामला: बीएचयू प्रशासन ने पीड़िता के जख्मों को कुरेदा, चुनाव के वक्त प्रदर्शनकारी 13 स्टूडेंट्स को नोटिस क्यों!

उत्तर प्रदेश के बनारस में बीएचयू-आईआईटी की सेकेंड ईयर की छात्रा के साथ पिछले साल एक नवंबर को हुई...