Friday, April 19, 2024

बंगाल चुनाव

नागरिकों को जानने का अधिकार कि अदालतों में क्या चल रहा है: सुप्रीम कोर्ट

चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली को लेकर चतुर्दिक आलोचना होती रही है। कई चरणों का मतदान हो या पीएम की चुनावी रैलियां और इसका टीवी पर लाइव प्रसारण चुनाव आयोग पर सरकार का पक्ष लेने का आरोप लगता रहा...

बंगाल की चुनावी हिंसा, कंगना रनौत का ट्वीट और प्रधानमंत्री की छवि

2 मई को बंगाल में विधानसभा के चुनाव खत्म हुए और देर रात तक उसके परिणाम घोषित हो गए। तृणमूल कांग्रेस को अच्छा बहुमत मिला, पर ममता बनर्जी खुद नंदीग्राम से चुनाव हार गयीं। वे तृणमूल विधायक दल की...

क्या बंगाल में सीपीएम अवसादग्रस्त व्यक्ति की फ्रायडीय मृत्यु प्रेरणा के दुश्चक्र में फंस गई?

सीपीआईएम के अभी के छद्म सिद्धांतकारों ने पश्चिम बंगाल में अपना काम कर दिया है। राज्य में सीपीआईएम की संभावनाओं तक को जैसे हमेशा के लिए दफ़्न कर दिया है। सीपीआईएम के ये सिद्धांतकार एक लंबे अर्से से द्वंद्वात्मकता...

तो क्या बंगाल में एक वोट की कीमत है ‘आठ सौ रुपये’!

क्या बंगाल में एक वोट की कीमत आठ सौ रुपये होगी। भाजपा ने एक शर्त के साथ यह कीमत तय कर दी है। प्रदेश भाजपा के नेताओं ने कहा है कि अगर बंगाल में उनकी सरकार बनती है तो...

भेड़ियों की गश्त के बीच गिद्दों के महाभोज का समारोह!

कल शाम के प्रज्ञा शून्य भाषण और इन दिनों सारे कानूनों, परम्पराओं, संवेदनाओं और मानवता को ठेंगा दिखाकर की जा रही आपराधिक बेहूदगियों को देखकर दो घटनायें याद आईं। पहली, सितंबर 2008 की है। दिल्ली में हुए बम धमाकों...

सौरव गांगुली रिटायर्ड हर्ट, रजनीकांत राजनीति से आउट

बंगाल में येन केन प्रकारेण सरकार बनाने के लिए भाजपा ने अपने सारे घोड़े खोल दिए हैं और प्रख्यात क्रिकेटर और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली को मुख्यमंत्री के संभावित चेहरे के रूप में आगे करके ममता बनर्जी को...

टैगोर का राष्ट्रवाद, आरएसएस का राष्ट्रवाद नहीं है अमित शाह जी!

अगले साल बंगाल में चुनाव हैं। वहां राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल के नियमित दौरे पर हैं। अपने एक दौरे में अमित शाह ने कहा कि वे रवींद्रनाथ...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।