बचा-खुचा लंगड़ा लोकतंत्र भी हो गया दफ्न!
आह, अंततः लोकतंत्र बेचारा चल बसा। लगभग सत्तर साल पहले पैदा हुआ था, बल्कि पैदा भी क्या हुआ था। जैसे-तैसे, खींच-खांच कर बाहर निकाला गया [more…]
आह, अंततः लोकतंत्र बेचारा चल बसा। लगभग सत्तर साल पहले पैदा हुआ था, बल्कि पैदा भी क्या हुआ था। जैसे-तैसे, खींच-खांच कर बाहर निकाला गया [more…]