Friday, April 19, 2024

हिंसा

गुजरात दंगा-2002: जब व्यक्तिगत खतरा उठाते हुए हिंसा के खिलाफ उठ खड़े हुए आम लोग

संदेशा आणंद जिले के आणंद तालुकका का एक गांव है। 2002 में गुजरात में भड़के दंगों में संदेशा के हिंदुओं ने बहादुरी दिखाते हुए अपने मुसलमान पड़ोसियों को बचाया था। मोतीभाई और सोनूभाई ने गांव के व्यापारियों और दुकानदारों-मुस्तफाभाई...

बंगाल की चुनावी हिंसा, कंगना रनौत का ट्वीट और प्रधानमंत्री की छवि

2 मई को बंगाल में विधानसभा के चुनाव खत्म हुए और देर रात तक उसके परिणाम घोषित हो गए। तृणमूल कांग्रेस को अच्छा बहुमत मिला, पर ममता बनर्जी खुद नंदीग्राम से चुनाव हार गयीं। वे तृणमूल विधायक दल की...

किसान आंदोलन का समाधान राजनीतिक दृष्टि से ही मुमकिन न कि पुलिस के जोर पर

किसान आंदोलन अब एक नए फेज में आ गया है। लाल किला की घटना के बाद, इस आंदोलन के नेताओं को अब अपनी रणनीति पर नए सिरे से विचार करना होगा। राजनीतिक दलों को जनहित के इस मुद्दे पर...

अपनी ही नफरत की आग में जल जाएंगे अर्णब और कंगना!

महाराष्ट्र सरकार ऐसा लगता है कि अर्णब गोस्वामी को नायक बनाकर ही दम लेगी। न्यू इंडिया की आक्रामक, हिंसक तथा विभाजनकारी विचारधारा की लाक्षणिक विशेषताओं से परिपूर्ण, किंचित असमायोजित व्यक्तित्वधारी अतिमहत्वाकांक्षी अर्णब को महाराष्ट्र सरकार ने अपनी कोशिशों से...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।