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संस्कृति-समाज

अजय सिंह की कविताएं पढ़ते हुए

अपनी बात शुरू करने से पहले एक बात मैं यह स्पष्ट कर दूँ कि कविता की समीक्षा/आलोचना करने का इरादा/सामर्थ्य मुझ में नहीं है। वैसे [more…]